रायपुर: पीएचडीसीसीआई ने लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय, भारत सरकार के विकास आयुक्त कार्यालय के सहयोग से "एक दिवसीय बौद्धिक संपदा (IP) जागरूकता कार्यक्रम" (नेशनल IP आउटरीच मिशन - विकसित भारत) का आयोजन 28 मार्च 2025 को IGKV डायरेक्टर रिसर्च सर्विसेज, IGKV, कृषक नगर, रायपुर (छत्तीसगढ़) में किया। इस कार्यशाला में डॉ. हुलास पाठक (प्रिंसिपल इन्वेस्टिगेटर एवं CEO, RKVY RAFTAAR एग्री-बिजनेस इनक्यूबेटर, IGKV) एवं डॉ. अमित दुबे (वैज्ञानिक, छत्तीसगढ़ विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद, छत्तीसगढ़ सरकार) ने अपनी गरिमामयी उपस्थिति दर्ज कराई।
कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र में पीएचडीसीसीआई छत्तीसगढ़ राज्य चैप्टर के सदस्य श्री निखिल अग्रवाल ने सभी प्रतिभागियों का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि बौद्धिक संपदा अधिकार (IPR) का आज के आधुनिक युग में विशेष महत्व है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि ज्ञान और विचार आज के उद्योगों को आगे बढ़ाने में अहम भूमिका निभाते हैं, इसलिए बौद्धिक संपदा की सुरक्षा पहले से कहीं अधिक महत्वपूर्ण हो गई है। उन्होंने यह भी बताया कि पेटेंट, ट्रेडमार्क, कॉपीराइट और व्यापारिक रहस्य (ट्रेड सीक्रेट्स) नवाचारों को सुरक्षित रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, जिससे व्यवसायियों, उद्यमियों, कलाकारों और शोधकर्ताओं को लाभ मिलता है।
डॉ. हुलास पाठक ने अपने संबोधन में कहा कि ज्ञान को साझा करना आवश्यक है, लेकिन उद्यमियों को अपने विचारों को कार्यान्वित करने की जिम्मेदारी स्वयं लेनी चाहिए। उन्होंने यह भी बताया कि कृषि क्षेत्र में नवाचार की अपार संभावनाएं हैं, क्योंकि इस क्षेत्र में नई कृषि उत्पादों के लिए विशाल बाजार मौजूद है। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय कृषि और अन्य उत्पादों पर व्यापक शोध कर रहा है, जो इस क्षेत्र में नवाचार के अनेक अवसर प्रदान करता है।
डॉ. अमित दुबे ने कहा कि केवल शोध करना ही पर्याप्त नहीं है, बल्कि उसके क्रियान्वयन पर भी ध्यान देना आवश्यक है। उन्होंने बताया कि भारत ने विश्व स्तर पर 4 लाख से अधिक शोध पत्र प्रस्तुत किए हैं, जो दुनिया में सबसे अधिक हैं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि शोध का असली प्रभाव उसके व्यावहारिक उपयोग में निहित होता है। उन्होंने यह भी बताया कि माइक्रोसॉफ्ट ने कंप्यूटर उद्योग में क्रांति ला दी, और आज भारत कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) के अनुप्रयोगों में अग्रणी भूमिका निभा रहा है। उन्होंने नवाचारकों और उद्यमियों को सलाह दी कि वे अपने उत्पादों की पैकेजिंग और ब्रांडिंग स्वयं करें, क्योंकि यदि इसे किसी अन्य संस्था द्वारा किया जाता है, तो लाभ भी वही उठाएंगे। इसके अलावा, उन्होंने MSME मंत्रालय, भारत सरकार की SCIPP योजना के बारे में भी विस्तृत जानकारी दी।
तकनीकी सत्र में आशीष वर्मा (असिस्टेंट मैनेजर, एग्री-बिजनेस इनक्यूबेटर, IGKV), कुलदीप पटेल (संस्थापक एवं CEO, फसल बाजार), देवेश पटेल (संस्थापक, वन कप), निपुर वर्मा (संस्थापक, राइस बाउल), एवं सजल मल्होत्रा (स्टार्टअप संस्थापक, आत्मीक भारत) ने अपने बहुमूल्य विचार साझा किए।
अंत में, सुमित दुबे (रेजिडेंट डायरेक्टर, पीएचडीसीसीआई छत्तीसगढ़ राज्य चैप्टर) ने सभी गणमान्य व्यक्तियों एवं प्रतिभागियों का आभार व्यक्त किया।
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