नई दिल्ली: युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय ने मलेशियाई बैडमिंटन कोच, टैन किम हर को 2026 के एशियाई खेलों तक भारत के युगल कोच के रूप में नियुक्त करने की मंजूरी दे दी है। इस 50 वर्षीय कोच की भारत वापसी से देश में युगल स्पर्धा के लिए संयोजनों का स्टॉक बढ़ेगा। 24 वर्षीय चिराग शेट्टी, जोकि सात्विकसाईराज रंकीरेड्डी के साथ पुरुष युगल की विश्व रैंकिंग में आठवें स्थान पर हैं, ने इस घोषणा का स्वागत किया। उन्होंने कहा, “सात्विक और मैं इस बात से खुश हैं कि टैन कोच वापस हमारे साथ आयेंगे। हम हमेशा उनकी ओर देखते हैं क्योंकि उन्होंने हम दोनों को हमारी शुरुआती झिझक के बावजूद एक साथ जोड़ा जबकि हम दोनों एक जैसे थे, लेकिन हम दोनों में से कोई भी फ्रंट कोर्ट पर खेलने को लेकर आश्वस्त नहीं था।” चिराग ने कहा, “टैन कोच के विश्वास ने हमें उस स्तर तक पहुंचने में मदद की जहां आज हम हैं। भारत छोड़ने के समय तक, उन्होंने हमें गुमनामी से उठाकर शीर्ष 16 में पहुंचा दिया। हम उन्हें वापस शामिल करने के लिए भारतीय बैडमिंटन संघ और युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय के आभारी हैं।” भारतीय बैडमिंटन संघ (बीएआई) के महासचिव अजय के. सिंघानिया ने कहा, “कोच टैन किम हर भारतीय बैडमिंटन इकोसिस्टम से अच्छी तरह परिचित हैं और उनके शामिल होने से युगल दल को और भी अधिक मजबूती मिलेगी। मुझे खुशी है कि उनकी नियुक्ति को अंजाम देने के लिए बीएआई और साई एक साथ आए, जिससे न सिर्फ हमारी प्रमुख युगल जोड़ी, चिराग (शेट्टी) और सात्विक (रंकीरेड्डी) को मदद मिलेगी, बल्कि युगल स्पर्धा के लिए प्रतिभाशाली खिलाड़ियों की अगली पंक्ति को तैयार करने में भी मदद मिलेगी।” भारत में युगल कोच के रूप में अपने पहले कार्यकाल (2015-2019) के दौरान, टैन ने सात्विकसाईराज रंकीरेड्डी और चिराग शेट्टी को बैडमिंटन वर्ल्ड फेडरेशन के पुरुष युगल रैंकिंग में शीर्ष 10 में और अश्विनी पोनप्पा और सिक्की रेड्डी को महिला युगल रैंकिंग में शीर्ष 20वें स्थान पर पहुंचाने के लिए प्रशिक्षित किया था। इसके अलावा, उन्होंने छह जोड़ियों को अलग-अलग जोड़ियों की श्रेणी में शीर्ष 50 में स्थान दिलाया। टैन, जिन्होंने 2021 के विश्व चैंपियनशिप में जापानी पुरुष युगल टीम को जीत दिलाई और मिश्रित युगल टीम को विश्व चैंपियनशिप में रजत पदक और टोक्यो ओलंपिक खेलों में कांस्य पदक दिलाया, के पास प्रशिक्षण से जुड़ी शिक्षा की देखरेख करने के अलावा एक समग्र कोचिंग प्रणाली और योजना की स्थापना का भी जिम्मा होगा। अन्य बातों के अलावा, टैन संभावित भारतीय कोचों की पहचान करेंगे और प्रत्येक वर्ष चार कार्यशालाओं का आयोजन करके उनके कौशल विकास में सहायता करेंगे। इससे भविष्य में भारतीय टीमों को और अधिक ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए देश में पर्याप्त कौशल से लैस कई युगल प्रशिक्षकों की उपलब्धता सुनिश्चित होगी। Source: PIB
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