रायपुर: छत्तीसगढ़ के उच्च शिक्षा की दुनिया में आंजनेय विश्वविद्यालय ने एक बार फिर अपनी विशिष्ट पहचान बनाई है। विश्वविद्यालय ने देश की अग्रणी औद्योगिक और सामाजिक संस्था Bosch India Foundation (BIF) के साथ Automotive Skills Development Program के लिए समझौता किया है। इस समझौते के माध्यम से आंजनेय विश्वविद्यालय को Bosch India Foundation द्वारा आधिकारिक रूप से Training Partner के रूप में चयनित किया गया है। यह समझौता न केवल विश्वविद्यालय की प्रतिष्ठा को नई ऊँचाइयों तक ले जाएगा, बल्कि विद्यार्थियों के लिए रोजगारपरक शिक्षा और करियर निर्माण के द्वार भी खोलेगा।
विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ टी रामाराव ने कहा कि आंजनेय विश्वविद्यालय के लिए यह MOU किसी उपलब्धि से कम नहीं है। इससे संस्थान की प्रतिष्ठा राष्ट्रीय स्तर पर बढ़ेगी और इसे उद्योग जगत के साथ मजबूत साझेदारी का अवसर मिलेगा। Bosch India Foundation के साथ हुआ यह समझौता विद्यार्थियों के लिए रोजगारोन्मुखी शिक्षा का नया अध्याय है। इसके साथ ही, विद्यार्थियों को इंडस्ट्री विज़िट्स, गेस्ट लेक्चर्स और डिजिटल लर्निंग सिस्टम से भी जोड़ा जाएगा। इससे उनका आत्मविश्वास बढ़ेगा और रोजगार की संभावनाएं भी दोगुनी होंगी। बोस्च इंडिया फाउंडेशन के प्रतिनिधि ने कहा कि हमारा उद्देश्य है कि भारत के हर हिस्से से युवा गुणवत्तापूर्ण प्रशिक्षण लेकर रोजगार योग्य बनें। आंजनेय विश्वविद्यालय जैसे संस्थानों के सहयोग से हम यह सपना पूरा कर रहे हैं।
प्रशिक्षण के अवसर और लाभ
इस साझेदारी से 300 घंटों का प्रशिक्षण जिनमें ऑटोमोटिव सर्विस टेक्नीशियन 300 घंटे, और ऑटोमोटिव सर्विस एडवाइज़र (2-व्हीलर) – 300 घंटे (2 माह) विद्यार्थियों को प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा । यह प्रशिक्षण कक्षा, कंप्यूटर लैब, इन-हाउस ऑटोमोटिव लैब और डिजिटल लर्निंग मॉड्यूल के माध्यम से दिया जाएगा। इससे विद्यार्थियों को न केवल तकनीकी ज्ञान मिलेगा बल्कि व्यवहारिक और उद्योग आधारित कौशल भी सिखाए जाएंगे। इससे विद्यार्थी रोजगार बाजार की जरूरतों के अनुरूप तैयार हो सकेंगे और बेहतर अवसरों के लिए प्रतिस्पर्धा कर पाएंगे।
छोटे शहरों और युवाओं के लिए अवसर
आंजनेय विश्वविद्यालय हमेशा से छोटे शहरों और ग्रामीण क्षेत्रों के विद्यार्थियों के उत्थान के लिए प्रतिबद्ध रहा है। इस MoU से ऐसे विद्यार्थियों को भी वह अवसर मिलेगा, जिसकी वे कल्पना करते हैं लेकिन संसाधनों के अभाव में प्राप्त नहीं कर पाते। Bosch India Foundation की यह पहल खासतौर पर NEET श्रेणी (Not in Education, Employment, Training) के युवाओं को मुख्यधारा से जोड़ने पर केंद्रित है। ऐसे विद्यार्थी जो पढ़ाई बीच में छोड़ चुके हैं, बेरोजगार हैं या प्रशिक्षण से वंचित हैं, वे भी इस कार्यक्रम में भाग लेकर अपने करियर की नई शुरुआत कर पाएंगे।
विद्यार्थियों के लिए सुनहरा भविष्य
यह प्रशिक्षण कार्यक्रम केवल पढ़ाई तक सीमित न होकर, प्लेसमेंट में भी सहयोग करेगा। समझौते के अनुसार, Bosch India Foundation और विश्वविद्यालय की साझा जिम्मेदारी होगी कि कम से कम 70% प्रशिक्षार्थियों को रोजगार उपलब्ध कराया जाए। प्रशिक्षण पूरा करने के बाद विद्यार्थियों को आधिकारिक प्रमाण पत्र भी प्रदान किया जाएगा, जो उनके करियर निर्माण में सहायक होगा।
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