रूस की निजी सैन्य कंपनी वैगनर के प्रमुख येवगेनी प्रिगोझिन ने सरकार के साथ तनाव कम करने के लिए हुए समझौते के तहत अपने सैनिकों को पड़ोसी देश बेलारूस जाने का आदेश दिया है। रूस के राष्ट्रपति कार्यालय-क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने घोषणा की कि वैगनर सैनिकों के बेलारूस जाने पर येवगेनी प्रिगोझिन के खिलाफ सशस्त्र विद्रोह का मामला नहीं चलाया जाएगा और विद्रोह में शामिल सैनिकों को भी मुकदमे का सामना नहीं करना पड़ेगा। प्रवक्ता ने कहा कि विद्रोह में शामिल न हुए वैगनर लड़ाकों को रक्षा मंत्रालय अनुबंध पर रखेगा।
प्रिगोझिन ने कहा कि उसने अपने सैनिकों को मॉस्को की तरफ बढ़ने से रोकने और यूक्रेन में सैन्य शिविरों में वापस लौटने का आदेश दिया है जहां वे रूसी सैनिकों के साथ मिलकर लड़ रहे थे। इस समझौते की मध्यस्थता बेलारूस के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेंको ने की।
इस बीच, प्रिगोझिन ने रूस के रक्षामंत्री सेर्गेई शोईगु को पद से हटाने की मांग की है। श्री शोईगु ने यूक्रेन युद्ध में प्रिगोझिन के व्यवहार की आलोचना की थी। इससे पहले, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन ने सशस्त्र विद्रोह करने वालों को कड़ी सजा देने की बात कही थी। प्रिगोझिन की निजी सेना ने राजधानी मॉक्सो की ओर बढ़ने से पहले दक्षिणी रूस में सेना के प्रमुख ठिकानों पर कब्जा कर लिया था। टेलिविजन पर राष्ट्र के नाम अपने संदेश में, श्री पुतिन ने विद्रोह को "धोखा" और "राष्ट्रद्रोह" बताया था।
रूस ने यूक्रेन के खिलाफ सैन्य अभियान 16 महीने पहले शुरु किया था। यूक्रेन के पूर्वी शहर बाखमुट पर कब्जा करने में वैगनर सैनिकों की बड़ी भूमिका रही है। सबसे लंबा और खूनी संघर्ष इसी इलाक़े में हुआ था।
Source: AIR
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