दिल्ली Delhi, India: केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा है कि देश में दूसरी हरित क्रांति संबंधी वैज्ञानिक प्रयासों में पारिस्थितिकी संतुलन और मिट्टी के टिकाऊ स्वास्थ्य का भी पूरा ध्यान रखा जाएगा। जल, जंगल, जमीन और प्राकृतिक जीवन व्यवस्था से न्यूनतम छेड़छाड़ करते हुए कृषि उत्पादन और उत्पादकता बढ़ाने का प्रयास होगा।
श्री मुंडा आज बिरसा कृषि विश्वविद्यालय, रांची में आयोजित तीन दिवसीय एग्रोटेक किसान मेला का उद्घाटन करते हुए अपने विचार व्यक्त कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि भारतीय जीवन पद्धति और भारतीय मिट्टी में बहुत ताकत है। इस ताकत और यहां की मिट्टी में उपलब्ध पोषक तत्वों को बचाए रखने के लिए सजगता के साथ अगली कृषि क्रांति के लिए सबको काम करना होगा। पहली हरित क्रांति के फायदे मिले किंतु हम यह ध्यान नहीं रख पाए कि रासायनिक उर्वरकों के ज्यादा प्रयोग से मिट्टी को कितना नुकसान हुआ और आने वाली पीढ़ी के लिए हम मिट्टी को उसके प्राकृतिक स्वरूप में संरक्षित रख पाए या नहीं। जहां हमारा उदर भर रहा है वहीं बीमारियां भी आ रही हैं।
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