नई दिल्ली NEW DELHI: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने चिकित्सा आपात स्थिति में स्वर्णिम समय के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा है कि इस महत्वपूर्ण अवधि में उपचार मिलने पर रोगियों की जान बचाई जा सकती है। राष्ट्रपति ने आज नई दिल्ली में राष्ट्रीय चिकित्सा विज्ञान परीक्षा बोर्ड के 22वें दीक्षांत समारोह को संबोधित किया।
उन्होंने कहा कि विशेषज्ञ चिकित्सकों को आपातकालीन रोगियों के प्रति संवेदनशील होना चाहिए। ‘न्याय में देरी न्याय से इनकार है’ वाली कहावत के संदर्भ में राष्ट्रपति मुर्मु ने कहा कि स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में, समय और भी महत्वपूर्ण है क्योंकि उपचार में देरी से जीवन से वंचित होना पड़ सकता है।
राष्ट्रपति ने चिकित्सकों से त्वरित स्वास्थ्य सेवा, संवेदनशील स्वास्थ्य सेवा और सस्ती स्वास्थ्य सेवा पर ध्यान देने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि वे अपना समय गरीब रोगियों को निःशुल्क उपचार देकर देश और समाज के लिए अमूल्य योगदान दे सकते हैं। उन्होंने चिकित्सा विद्यार्थियों से सेवा भावना की रक्षा, संवर्द्धन और प्रसार करने का आह्वान किया।
राष्ट्रपति ने कहा कि देश की विशाल आबादी को देखते हुए डॉक्टरों की उपलब्धता लगातार बढ़ाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि भारतीय चिकित्सकों ने विश्व स्तर पर अपनी पहचान बनाई है। राष्ट्रपति ने कहा कि किफायती चिकित्सा सेवा के कारण भारत चिकित्सा पर्यटन का एक प्रमुख केंद्र बन गया है।
Source: AIR
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