नई दिल्ली: भारत 25 से 27 जून, 2024 तक नई दिल्ली में चीनी सेक्टर में एक वैश्विक कार्यक्रम 'आईएसओ परिषद बैठक' की मेजबानी करेगा। चीनी और जैव ईंधन सेक्टर के महत्वपूर्ण मुद्दों पर विचार-विमर्श करने के लिए 30 से अधिक देशों के प्रतिनिधि और कई अंतरराष्ट्रीय संगठनों के प्रतिनिधि इसमें शामिल हो रहे हैं।
चूंकि भारत विश्व का सबसे बड़ा उपभोक्ता और चीनी का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक है, इसलिए आईएसओ परिषद ने भारत को 2024 के लिए संगठन का अध्यक्ष नामित किया है। बैठक के हिस्से के रूप में, भारत 24 जून 2024 को उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में एक अनाज आधारित डिस्टिलरी में अंतर्राष्ट्रीय प्रतिनिधियों के औद्योगिक दौरे के साथ कार्यक्रमों की श्रृंखला शुरू कर रहा है, ताकि जैव ईंधन और अन्य उप-उत्पादों के उत्पादन में भारत द्वारा नवीनतम प्रौद्योगिकी के अंगीकरण को प्रदर्शित किया जा सके।
25 जून 2024 को भारत मंडपम में 'चीनी एवं जैव ईंधन - उभरते परिदृश्य' विषय पर कार्यशाला का आयोजन किया जाएगा। केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण तथा नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री प्रहलाद जोशी इस कार्यशाला का उद्घाटन करेंगे।
कार्यशाला में अंतर्राष्ट्रीय प्रतिनिधि, भारतीय चीनी मिलों के शीर्ष प्रबंधन, आईएसएमए और एनएफसीएसएफ जैसे उद्योग संघों के साथ-साथ तकनीकी विशेषज्ञ भी भाग ले रहे हैं। इस फोरम में विभिन्न संगठनों और विश्व के विभिन्न हिस्सों से 200 से अधिक प्रतिनिधियों को वैश्विक चीनी सेक्टर, जैव ईंधन, स्थिरता और किसानों की भूमिका आदि पर दुनिया के भविष्य के परिप्रेक्ष्य पर चर्चा करने का अवसर मिलने की उम्मीद है। इसका उद्देश्य भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की एक पहल, वैश्विक जैव ईंधन गठबंधन को सुदृढ़ बनाना भी है, जो ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन को कम करने के प्रयास के रूप में विश्व में टिकाऊ जैव ईंधन के विकास और अंगीकरण को बढ़ावा देने के लिए देशों को एकजुट करता है। आईएसओ और वैश्विक जैव ईंधन गठबंधन के कई सदस्य देश समान हैं और यह गठबंधन का विस्तार करने और जैव ईंधन को बढ़ावा देने के लिए एक और मंच हो सकता है।
अंतर्राष्ट्रीय चीनी संगठन (आईएसओ) संयुक्त राष्ट्र से संबद्ध निकाय है जिसका मुख्यालय लंदन में है। आईएसओ के लगभग 85 देश सदस्य हैं जो विश्व में चीनी उत्पादन का लगभग 90 प्रतिशत हिस्सा कवर करते हैं। इसका उद्देश्य चीनी सेक्टर से संबंधित मुद्दों से निपटने में आपसी समझ और प्रगतिशील दृष्टिकोण लाने के लिए प्रमुख चीनी उत्पादक, उपभोक्ता और व्यापारिक देशों को एक साथ लाना है। आईएसओ जैव ईंधन, विशेष रूप से इथेनॉल पर भी काम कर रहा है क्योंकि गन्ना विश्व में इथेनॉल उत्पादन के लिए दूसरा प्रमुख फीडस्टॉक है।
विश्व के विभिन्न भागों से आने वाले प्रतिनिधियों के लिए 25 जून 2024 की शाम को आयोजित होने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रम का उद्देश्य विविध और समृद्ध भारतीय संस्कृति की झलक प्रस्तुत करना है।
26 जून 2024 और 27 जून 2024 को आईएसओ की विभिन्न समिति बैठकें आयोजित की जाएंगी जो मुख्य रूप से संगठन के विभिन्न प्रशासनिक और कार्यात्मक पहलुओं पर केंद्रित होंगी। इसमें आईएसओ के अर्थशास्त्रियों द्वारा किए गए कुछ अध्ययनों की प्रस्तुति भी है। खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग के सचिव श्री संजीव चोपड़ा संगठन के अध्यक्ष के बतौर 26-27 जून 2024 को बैठकों की अध्यक्षता करेंगे।
कार्यक्रम का समापन 27 जून 2024 की शाम को नई दिल्ली के लाल किले के निर्देशित दौरे और 28 जून 2024 को नई दिल्ली के प्रधानमंत्री संग्रहालय और पुस्तकालय के भ्रमण के साथ किया जाएगा।
कुल मिलाकर, चीनी और जैव ईंधन सेक्टर के बारे में विचार-मंथन, चर्चा, अकादमिक अध्ययन के साथ-साथ अंतर्राष्ट्रीय चीनी संगठन के प्रशासनिक कामकाज को प्रदर्शित करने वाला और सप्ताह भर चलने वाला यह एक विशद कार्यक्रम है। यह इस सेक्टर में भारत के नेतृत्व को भी दर्शाता है।
Source: PIB
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