भोपाल: मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की पहल पर प्रदेश के आम नागरिकों को शुद्ध खाद्य पदार्थों की उपलब्धता सुनिश्चित कराने, "मिलावट से मुक्ति" अभियान संचालित किया जा रहा है। अभियान में मिलावटखोरों के विरूद्ध सख्त कार्यवाही के साथ खाद्य पदार्थों में की जाने वाली मिलावट से आम नागरिकों को जागरूक भी किया जा रहा है। इसके लिये प्रदेश में 15 चलित खाद्य प्रयोगशालाएँ क्रियाशील हैं। इन चलित खाद्य प्रयोगशालाओं से आम नागरिक मात्र 10 रूपये शुल्क देकर खाद्य पदार्थों की जाँच करवा सकता है। चलित प्रयोगशाला के साथ चलने वाला दल स्कूल, कॉलेज के विद्यार्थियों और आम नागरिकों को मिलावटी खाद्य पदार्थों और जाँच के संबंध में जागरूक करता है। प्रदेश में भोपाल, इंदौर, खंडवा, जबलपुर, छिंदवाड़ा, उज्जैन, नीमच, ग्वालियर, गुना, सागर, रीवा, मुरैना, भिंड, नर्मदापुरम और शहडोल मुख्यालय पर आधुनिक उपकरणों से लैस 15 चलित खाद्य प्रयोगशालाएँ कार्य कर रही हैं। खाद्य पदार्थों में दूध, घी, मावा, पनीर, मिर्च, धनिया आदि मसाले, मूंगफली, सरसों, वनस्पति तेल, दाल-चावल आदि अन्य सभी प्रकार के खाद्य पदार्थों की जाँच की सुविधा चलित प्रयोगशाला में उपलब्ध है। यह प्रयोगशालाएँ उनके मुख्यालय से संबद्ध क्षेत्रों में भ्रमण करती हैं और आम नागरिकों एवं विद्यार्थियों को मिलावट के प्रति जागरूक करने के साथ ही मिलावट खाद्य पदार्थों की प्राथमिक जाँच का प्रशिक्षण भी देती हैं। साथ ही मिलावट के अधिनियम, नियम और अन्य प्रावधानों की जानकारी भी प्रदान करती हैं। चलित खाद्य प्रयोगशाला में कोई भी व्यापारी, कारोबार करने वाला व्यक्ति और आम नागरिक खाद्य पदार्थों की जाँच करवा सकता है। एक नमूने की जाँच मात्र 10 रूपये शुल्क देकर करवाई जा सकती है। खाद्य पदार्थों की शुद्धता की जाँच रिपोर्ट खाद्य सुरक्षा प्रशासन विभाग द्वारा बनाये गये शुद्ध एप की सहायता से आम उपभोक्ताओं को मोबाइल पर तत्काल उपलब्ध कराई जाती है।
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