रायपुर: कलिंगा विश्वविद्यालय (Kalinga University) को राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद (नैक) (NAAC) के द्वारा बी प्लस (B+) की मान्यता प्रदान की गयी है। यह छत्तीसगढ़ में एकमात्र निजी विश्वविद्यालय है (Private University) जो एनआईआरएफ रैंकिंग 2021 (NIRF Ranking 2021) में उच्चस्तरीय 151-200 विश्वविद्यालयों में एक है। कलिंगा विश्वविद्यालय के सभी पाठ्यक्रमों को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग, बार काउंसिल ऑफ इंडिया, फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया, अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद, राष्ट्रीय शिक्षक शिक्षा परिषद आदि प्रतिष्ठित संस्थानों से मान्यता प्रदान की गयी है। इस अवसर पर कला और मानविकी संकाय की छत्रछाया में अर्थशास्त्र विभाग ने ‘‘वोकल फॉर लोकल एन इकोनॉमिक फाउंडेशन ऑफ सेल्फ-रिलायंट इंडिया’’ (Vocal for Local an Economic Foundation of Self-Reliant India) पर एक दिवसीय राष्ट्रीय वेबिनार का आयोजन किया। वेबिनार का आयोजन छात्रों को ‘‘आत्मनिर्भर भारत’’ (Atmanirbhar Bharat) के लक्ष्य को प्राप्त करने के महत्व के संबंध में ज्ञान प्रदान करने के आदर्श वाक्य के साथ, 12 मार्च 2022 को पूर्वाह्न 11ः00 बजे गुगल मीट प्लेटफॉर्म (Google Meet Platform) पर ऑनलाइन आयोजित किया गया था। वेबीनार का आयोजन डॉ. शिल्पी भट्टाचार्य डीन, कला और मानविकी संकाय की कुशल निर्देशन में हुआ। वेबिनार के मुख्य वक्ता डॉ. अजीत कुमार साहू, सहायक प्रोफेसर, अर्थशास्त्र विभाग, हरियाणा केन्द्रीय विश्वविद्यालय, महेंद्रगढ़ थे। वेबिनार की शुरुआत अर्थशास्त्र विभाग की सहायक प्रोफेसर और वेबिनार की सह-संयोजक सुश्री प्रगति कृष्णन द्वारा सभी गणमान्य व्यक्तियों और प्रतिभागियों के स्वागत के साथ हुई। वेबीनार के मुख्य वक्ता डॉ. अजीत कुमार साहू ने वोकल फॉर लोकल के बारे में जानकारीपूर्ण और विचारोत्तेजक ज्ञान देकर अपना व्याख्यान दिया। पावरपॉइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से उन्होंने आत्मानिर्भर भारत के विभिन्न खंडों पर जोर दिया। उन्होंने आगे कुल मांग और कुल आपूर्ति प्रभावों के माध्यम से वोकल फॉर लोकल के आर्थिक प्रभावों के बारे में चर्चा की। डॉ. साहू ने आयात पर निर्भरता को कम करने और वैश्विक क्षेत्र में स्थानीय ब्रांड बनाने की धारणा के साथ छात्रों को वोकल फॉर लोकल अभियान के बारे में भी बताया। उन्होंने स्टार्ट-अप इंडिया, स्किल इंडिया और मेक इन इंडिया नीतियों के माध्यम से आत्मनिर्भर भारत के पथ आयामों के बारे में भी बताया। प्रश्नोत्तर दौर के साथ सत्र का समापन हुआ और छात्रों ने इसमें बहुत उत्साह से भाग लिया। अर्थशास्त्र के सहायक प्रोफेसर और वेबिनार की संयोजक डॉ. नम्रता श्रीवास्तव ने धन्यवाद प्रस्ताव दिया। वेबिनार को बहुत सकारात्मक प्रतिक्रियाएं मिलीं और छात्रों ने भी भविष्य में इसी तरह के सूचनात्मक वेबिनार में भाग लेने के लिए अपनी गहरी रुचि और इच्छा व्यक्त की।
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