रायपुर: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज कार्तिक पुन्नी के अवसर पर प्रातः रायपुर के महादेव घाट पहुंचकर खारून नदी में कार्तिक पूर्णिमा स्नान कर प्रदेशवासियों की सुख-समृद्धि की कामना की। मुख्यमंत्री ने इस मौके पर सभी प्रदेशवासियों को कार्तिक पुन्नी मेला की बधाई और शुभकामनाएं दी। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि हमारे यहां धार्मिक, सांस्कृतिक और सामाजिक परंपरा का निर्वहन किया जाता है। पुन्नी मेला के अवसर पर आज यहां आसपास के सभी गांव के लोग आते हैं। पुन्नी मेला हमारी प्राचीन परंपरा है, हमारे छत्तीसगढ़ के गांव, शहरों की परंपरा का हिस्सा है। कार्तिक माह में सुबह का स्नान और शिवजी पर जल चढ़ाने की परंपरा रही है, आज से गांवों के घाटों में मेले का आयोजन शुरू हो जाता है। उन्होंने कहा कि आज प्रकाश पर्व का शुभ दिन भी है, गुरुनानक जी की जयंती है, जिनका छत्तीसगढ़ से पुराना नाता रहा है, उनके जुड़ाव के स्थल महासमुंद जिले के गढ़फुलझर को हमने पर्यटन स्थल के रूप में भी विकसित करने का निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि पिछले साल खारुन नदी के घाट के विकास की घोषणा की थी, अब बजट में प्रावधान के साथ घाट के विकास का काम शुरू हो जाएगा। हमारे प्रदेश में किसान भाई धान कटाई की शुरुआत कर चुके हैं। एक नवंबर से धान की खरीदी भी शुरू हो चुकी है, किसान भाई समर्थन मूल्य में धान बेच रहे हैं और समय पर उन्हें भुगतान भी हो रहा है। दिवाली के पहले हमने राजीव गांधी किसान न्याय योजना की तीसरी किश्त भी दे दी है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ की संस्कृति और परंपरा को सहेजने के उद्देश्य से हाल ही में हमने राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव का आयोजन भी राज्योत्सव के अवसर पर किया। हम शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार के साथ साथ अपनी संस्कृति के संरक्षण और उसके विकास के लिए भी लगातार काम कर रहे हैं। जिसमे प्रदेश की जनता की भागीदारी है।
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