नई दिल्ली: भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) ने नागरिकों के अनुकूल एक नई सुविधा पेश की है। इसके तहत, उन्हें घर के मुखिया (एचओएफ) की सहमति से आधार में दर्ज पते में ऑनलाइन सुधार करने में सहायता मिलेगी। आधार में एचओएफ आधारित ऑनलाइन पते में सुधार की सुविधा से बच्चों, जीवनसाथी, अभिभावकों आदि ऐसे संबंधियों को काफी सहायता मिलेगी, जिनके पास अपने नाम पर दस्तावेज नहीं होते हैं। ऐसा राशन कार्ड, मार्कशीट, विवाह प्रमाण पत्र, पासपोर्ट आदि संबंध के प्रमाण से जुड़े दस्तावेज जमा करके भी किया जा सकता है, जिनमें आवेदक और एचओएफ का नाम और उनके बीच के संबंध का उल्लेख है। इसके लिए एचओएफ को ओटीपी के जरिये प्रमाणित करना होगा। संबंध के प्रमाण से जुड़ा दस्तावेज उपलब्ध नहीं होने की स्थिति में, यूआईडीएआई के द्वारा सुझाए गए प्रारूप में एचओएफ को एक स्व-घोषणा यूआईडीएआई के पास जमा करनी होती है। देश के भीतर विभिन्न वजहों से शहरों और कस्बों को पलायन करने वाले लोगों को देखते हुए, यह सुविधा देश के लाखों लोगों के लिए लाभकारी होगी। यह विकल्प यूआईडीएआई द्वारा निर्धारित किसी भी वैध पते के प्रमाण का उपयोग करते हुए मौजूदा पते में सुधार की सुविधा के अतिरिक्त होगा। 18 वर्ष से अधिक उम्र का कोई भी निवासी इस उद्देश्य के लिए एक एचओएफ हो सकता है और इस प्रक्रिया के माध्यम से अपने रिश्तेदारों के साथ अपना पता साझा कर सकता है। ‘माई आधार’ पोर्टल (https://myaadhaar.uidai.gov.in ) में एक नागरिक पते में ऑनलाइन सुधार करते समय इस विकल्प को चुन सकता है। इसके बाद, निवासी को एचओएफ की आधार संख्या दर्ज करने की अनुमति दी जाएगी, जिसकी सिर्फ पुष्टि करनी होगी। एचओएफ की पर्याप्त गोपनीयता बनाए रखने के लिए एचओएफ के आधार की कोई अन्य जानकारी स्क्रीन पर प्रदर्शित नहीं की जाएगी। एचओएफ की आधार संख्या की सफलतापूर्वक पुष्टि होने के बाद, नागरिक को संबंध के प्रमाण से जुड़ा दस्तावेज अपलोड करने की जरूरत होगी। इस सेवा के लिए 50/ रुपये शुल्क का भुगतान करना होगा। सफल भुगतान पर, नागरिक के साथ एक सेवा अनुरोध संख्या (एसआरएन) साझा की जाएगी और पते के अनुरोध से जुड़ा एक एसएमएस एचओएफ को भेजा जाएगा। एचओएफ को सूचना प्राप्त होने की तारीख से 30 दिन के भीतर माई आधार पोर्टल में लॉग इन करके अपनी सहमति देनी होगी और इसके बाद अनुरोध पर कोई कार्यवाही की जाएगी। यदि एचओएफ अपना पता साझा करने से इनकार कर देता है या एसआरएन जारी होने के 30 दिन के भीतर उसे स्वीकार या इनकार नहीं करता है तो अनुरोध को बंद कर दिया जाएगा। इस विकल्प के माध्यम से पता अपडेट करने की कोशिश करने वाले नागरिक को एक एसएमएस के माध्यम से अनुरोध के बंद होने के बारे में सूचित कर दिया जाएगा। यदि अनुरोध बंद हो जाता है या एचओएफ की स्वीकृति नहीं मिलने के कारण अस्वीकार कर दिया जाता है या प्रक्रिया के दौरान अस्वीकार कर दिया जाता है, तो आवेदक को धनराशि वापस नहीं की जाएगी। Source: PIB
© Bharatiya Digital News. All Rights Reserved. Developed by TechnoDeva