नई दिल्ली: भारतीय सांकेतिक भाषा अनुसंधान एवं प्रशिक्षण केंद्र (आईएसएलआरटीसी), नई दिल्ली ने एमिटी विश्वविद्यालय, उत्तर प्रदेश (नोएडा) के सहयोग से 10-11 सितंबर 2025 को पर्पल फेस्ट 2025 का आयोजन किया।
उद्घाटन समारोह में दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग की अपर सचिव सुश्री मनमीत कौर नंदा और एमिटी विश्वविद्यालय की कुलपति डॉ. बलविंदर शुक्ला उपस्थित थीं। अपने संबोधन में, डॉ. बलविंदर शुक्ला ने कहा कि बैंगनी रंग सिर्फ़ एक रंग नहीं है, बल्कि समानता, सम्मान और आत्मविश्वास का प्रतीक है। उन्होंने उपस्थित लोगों को याद दिलाया कि दिव्यांगजन कमज़ोर नहीं हैं, बल्कि उनमें अद्वितीय प्रतिभाएं हैं जो समाज को शारीरिक सीमाओं से परे देखने के लिए प्रेरित करती हैं।
सुश्री मनमीत कौर नंदा ने अपने संबोधन में समावेशिता, सहायक उपकरणों के बारे में जागरूकता और दिव्यांगजनों के प्रति सामान्य व्यवहार के महत्व पर बल दिया। उन्होंने कहा कि सहायक उपकरण कोई दान नहीं, बल्कि एक अधिकार है, जो दिव्यांगजनों को स्वतंत्रता और आत्मसम्मान प्रदान करता है।
कार्यक्रम की शुरुआत आईएसएलआरटीसी के निदेशक कुमार राजू के स्वागत भाषण से हुई और इसके बाद सांस्कृतिक और शैक्षणिक सत्र आयोजित किए गए।
उद्घाटन समारोह के दौरान, सुश्री गुरदीप कौर वासु को एक दिव्यांगजन के रूप में उनकी उल्लेखनीय उपलब्धियों और दृढ़ता के सम्मान में एक प्रशंसा पत्र प्रदान किया गया। वे मध्य प्रदेश के वाणिज्यिक कर विभाग में बहु-दिव्यांग श्रेणी के अंतर्गत सरकारी नौकरी पाने वाली पहली दिव्यांग भारतीय हैं।
Source: PIB
© Bharatiya Digital News. All Rights Reserved. Developed by TechnoDeva