नई दिल्ली New Delhi: महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर ग्लोबल साउथ के विचारों को महत्व प्रदान करने की कोशिश करने के लिए भारत की जी-20 अध्यक्षता के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की परिकल्पना को ध्यान में रखते हुए, राष्ट्रीय प्रत्यक्ष कर अकादमी (एनएडीटी), नागपुर दक्षिण केंद्र के सहयोग से, भारत सहित 55 विकासशील देशों के जिनेवा स्थित अंतर सरकारी नीति अनुसंधान थिंक टैंक के साथ मिलकर अंतर्राष्ट्रीय कराधान पर दो दिवसीय कार्यक्रम का 1 और 2 जून, 2023 को आयोजन किया गया था।
आधार क्षरण और लाभ स्थानांतरण (आईएफ) पर ओईसीडी/जी-20 समावेशी ढांचा अर्थव्यवस्था के डिजिटलीकरण से उत्पन्न होने वाली कर चुनौतियों का समाधान करने के लिए ऐतिहासिक दो-स्तरीय समाधान पर सहमत हो गया है। भारतीय कर प्रशासकों और नीति निर्माताओं ने डिजिटल अर्थव्यवस्था के कराधान और वैश्विक न्यूनतम कर पर आईएफ के "दो स्तंभ समाधान" पर विचार-विमर्श किया। संयुक्त राष्ट्र कर समिति, टैक्स जस्टिस नेटवर्क अफ्रीका, वेस्ट अफ्रीकन टैक्स एडमिनिस्ट्रेशन फ़ोरम (डब्ल्यूएटीएएफ) और अंतर्राष्ट्रीय कॉर्पोरेट कराधान सुधार के लिए स्वतंत्र आयोग (आईसीआरआईसीटी) सहित प्रसिद्ध बहु-पार्श्व संगठनों के अंतर्राष्ट्रीय कर विशेषज्ञों ने दो-पिलर सॉल्यूशन, पैनलिस्ट के रूप में ग्लोबल साउथ प्रवचन को समृद्ध किया।
अंतर्राष्ट्रीय कराधान पर जी-20-साउथ सेंटर कैपेसिटी बिल्डिंग कार्यक्रम का शीर्षक 'टू पिलर सॉल्यूशन - अंडरस्टैंडिंग द इंप्लीकेशन्स फॉर द ग्लोबल साउथ' है, जिसमें टू-पिलर सॉल्यूशन और इसके विकल्पों पर दो पैनल चर्चा शामिल हैं। कार्यक्रम के दौरान चर्चा विकासशील अर्थव्यवस्थाओं के लिए दो-स्तंभ समाधान के प्रभाव पर केंद्रित थी। इस आयोजन में कर संधि वार्ताओं पर एक कार्यशाला भी शामिल थी। यह आयोजन ग्लोबल साउथ परिप्रेक्ष्य के साथ अंतरराष्ट्रीय कराधान के क्षेत्र में वरिष्ठ और मध्य प्रबंधन दोनों स्तरों के भारतीय कर अधिकारियों के लिए क्षमता निर्माण को प्रोत्साहन देने के लिए भारतीय अध्यक्षता की एक पहल है।
भारतीय राजस्व सेवा के अधिकारियों के लिए शीर्ष प्रशिक्षण संस्थान, राष्ट्रीय प्रत्यक्ष कर अकादमी (एनएडीटी) ने दो दिवसीय भारतीय जी-20 अध्यक्षता कार्यक्रम की मेजबानी की। इस कार्यक्रम में एक सांस्कृतिक संध्या का भी आयोजन किया गया जहां प्रतिभागियों को महाराष्ट्र राज्य की संस्कृति को दिखाया गया । साथ ही नागपुर की समृद्ध विरासत को दिखाने के लिए विदेशी मेहमानों को नागपुर का भ्रमण भी करवाया गया।
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