रायपुर RAIPUR: शनिवार को आदर्श विद्यालय देवेंद्र नगर में हरेली का त्यौहार एवं वन महोत्सव छत्तीसगढ़ी भाषा में मनाया गया। विद्यालय में विभिन्न कक्षाओं के छात्र-छात्राओं द्वारा पर्यावरणीय सुरक्षा के लिए वृक्ष दान किया गया।
भारत देश पुरातन समय से सांस्कृतिक परंपराओं एवं क्षेत्रीय त्योहारों को उत्साह पूर्ण वातावरण में मनाने के लिए जाना जाता है। विभिन्न त्योहारों संस्कृतियों एवं भाषाओं के होने पर भी उसकी सांस्कृतिक विरासत जीवंत है। इसी परंपरा को जीवित रखते हुए हमारे छत्तीसगढ़ प्रदेश में भी अनेक स्थानीय त्योहारों को मनाए जाने की प्रथा है। उनमें से एक कृषि एवं प्रकृति के बीच सुंदर चित्रण का प्रस्तुतीकरण छत्तीसगढ़ के हरेली त्यौहार में देखने को मिलता है।
हरेली किसानों का त्यौहार है किसान अपने द्वारा उपयोग किए जाने वाले हल ,बैल और तरह-तरह के कृषि औजारों की पूजा करते हैं। ग्राम्यदेवता कुलदेवता की पूजा की जाती है । लकड़ियों से बने गेड़ी से लोग चलते हैं। गांव में ठेठरी, खुर्मी अरसा चावल के पकवान बनाए जाते हैं।
हमारे विद्यालय में भी छत्तीसगढ़ की इसी परंपरा को जीवित रखते हुए विद्यालय प्रांगण मे हरेली का त्यौहार मनाया गया। छत्तीसगढ़ी भाषा में बच्चों ने प्रार्थना सभा का संचालन किया। डॉक्टर नरेंद्र वर्मा द्वारा रचित छत्तीसगढ़ का राज्य गीत अरपा पैरी के धार का भी गायन हुआ। बच्चों द्वारा वृक्षारोपण किया गया।
विद्यालय की प्राचार्य सुमन शानबाग ने छत्तीसगढ़ी भाषा में अपने विचार व्यक्त करते हुए हरेली त्यौहार के बारे में जानकारी दी एवं प्रकृति का संतुलन बनाए रखने के लिए वृक्ष की उपयोगिता के बारे में बताया और कहा कि छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक परंपरा एवं त्योहारों को जानने समझने से हमें इस मिट्टी की गाथा को भी जानने के अवसर मिलेंगे।
उप प्राचार्य केके उन्नीकृष्णन नायर ने सभी बच्चों का उनकी प्रस्तुति के लिए प्रशंसा की, उत्साहवर्धन किया। इस अवसर पर विद्यालय के समस्त शिक्षक शिक्षिका एवं बच्चों ने अपनी सामूहिक रूप सेअपनी भागीदारी दी । उक्त जानकारी एक प्रेस विज्ञप्ति ने विद्यालय की प्राचार्या सुश्री सुमन शानबाग ने दी।
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