ईंधन की पहली खेप गाजा पट्टी में पहुंच गई है। इस्राइल के युद्ध मंत्रिमंडल ने अमरीकी दबाव के बीच इस क्षेत्र में एक दिन में ईंधन से लदे दो ट्रक प्रवेश करने की अनुमति दी थी।
मिस्र से रवाना यह खेप शुक्रवार को गाजा में पहुंच गई। संयुक्त राष्ट्र के अधिकारियों ने भी करीब 24 लाख फिलिस्तीनियों की गंभीर स्थिति के बारे में आगाह किया था और युद्ध विराम का अनुरोध किया था।
फलीस्तीन की एक दूरसंचार कंपनी ने कहा है कि ईंधन की कमी के कारण 24 घंटे ब्लैकआउट के बाद अब इस क्षेत्र में फोन और इंटरनेट सेवाएं बहाल हो रही हैं।
इस बीच, उत्तरी गाजा के अल-शिफा अस्पताल पर इस्राइल की कार्रवाई जारी है। उसने अल-शिफा पर अपनी कार्रवाई का समर्थन करते हुए कहा है कि उसे अस्पताल परिसर की सुरंग में राइफलें, गोला-बारूद और विस्फोटक मिले हैं। इस्राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने आरोप लगाया है कि बंधकों को भी इसी अस्पताल में रखा गया है। हालांकि हमास ने इन आरोपों से इंकार किया है और इसे झूठा बताया है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गाजा पट्टी में जारी हिंसा में नागरिकों के मारे जाने की कल कडी निंदा की थी। दूसरी ग्लोबल साउथ वर्चुअल शिखर बैठक के उद्घाटन भाषण में प्रधानमंत्री मोदी ने 07 अक्टूबर को इस्राइल पर हमास के हमले की फिर निंदा की और कहा कि ग्लोबल साउथ को इन जटिल मुद्दों पर एक ही आवाज में बोलना चाहिए।
उन्होंने कहा कि पश्चिम एशिया के घटनाक्रम से नई चुनौतियां उत्पन्न हो रही हैं तथा बातचीत और कूटनीति के माध्यम से संयम बरतते हुए इस समस्या का समाधान करना चाहिए।
Source: AIR
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