लखनऊ संवाददाता-सन्तोष उपाध्याय
लखनऊ Lucknow, UP: उत्तर प्रदेश की राज्यपाल व कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल की अध्यक्षता में किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय लखनऊ का 19वाँ दीक्षांत समारोह सम्पन्न हुआ। राज्यपाल ने कलश में जलधारा अर्पण करके जल संरक्षण के संदेश के साथ दीक्षांत समारोह का शुभारम्भ किया। समारोह में राज्यपाल ने चिकित्सा विश्वविद्यालय में कुल 1869 उपाधियों का वितरण किया, जिसमें स्नातक स्तर पर 1388, स्नातकोत्तर स्तर पर 471 तथा शोध के लिए 10 शोधार्थी विद्यार्थियों ने उपाधि प्राप्त की। समारोह में 39 विद्यार्थियों को 70 पदकों का वितरण कुलाधिपति द्वारा किया गया, जिसमें 13 छात्रों व 26 छात्राओं ने पदक हासिल किए। राज्यपाल ने सभी उपाधि प्राप्त कर्ताओं, स्वर्ण पदक तथा शोध उपाधि पाये विद्यार्थियों को शुभकामनाएं देकर उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हुए सभी को दीक्षांत समारोह की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि डॉक्टर की उपाधि मिलने का क्षण हर विद्यार्थी के लिए महत्वपूर्ण और गौरवमयी होता है। उन्होंने अच्छे स्वास्थ्य को ईश्वर की देन बताया और शरीर को स्वस्थ रखना एक कर्तव्य बताया।
राज्यपाल ने 10 दिसंबर को मानवाधिकार दिवस के रूप में मनाए जाने की चर्चा करते हुए कहा कि भारतीय संविधान में भी मानवाधिकारों के कई प्रावधानों को शामिल किया गया है, जिसमें समानता का अधिकार, भाषण अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, जीवन का अधिकार जैसे कई अधिकार शामिल हैं। उन्होंने संविधान द्वारा प्रदत्त मौलिक अधिकारों के साथ-साथ मूलभूत कर्तव्यों की भी चर्चा की। उन्होंने उपस्थित छात्र-छात्राओं से संविधान का पालन, उसके आदर्श, संस्थाओं, राष्ट्रध्वज, राष्ट्रगान का सम्मान, स्वतंत्रता के लिए राष्ट्रीय आंदोलन को प्रेरित करने वाले उच्च आदर्शाें को हृदय में संजोना तथा भारत की संप्रभुता एकता और अखंडता की रक्षा करने व उसे अक्षुण्ण रखने को कहा। राज्यपाल ने उपाधि व पदक प्राप्ति में छात्राओं की संख्या ज्यादा होने पर उनके माता-पिता व विश्वविद्यालय के शिक्षकों का अभिनंदन करते हुए कहा कि महिलाओं का जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में आगे बढ़ना देश की उन्नति और समाज के उच्च नैतिक मूल्यों की स्थापना के लिए महत्वपूर्ण है।
उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय के चिकित्सा छात्र-छात्राएं भारत सहित पूरी दुनिया में अपनी उत्कृष्ट सेवाएं दे रहे हैं। उन्होंने विश्वविद्यालय द्वारा कोरोना संक्रमण काल में किए गए उत्कृष्ट कार्यों तथा विश्वविद्यालय के नैक द्वारा ‘ए प्लस‘ की श्रेणी की मान्यता प्राप्त होने पर हर्ष जाहिर किया। राज्यपाल ने चिकित्सा विश्वविद्यालय द्वारा नवीन विशिष्ट विभागों थेरेसिक सर्जरी व वैस्कुलर सर्जरी के संचालन पर भी प्रसन्नता व्यक्त की, जिसके द्वारा फेफड़े की बीमारी से ग्रसित मरीजों को विशिष्ट चिकित्सकीय सुविधाएं प्राप्त हो सकेंगी। राज्यपाल ने भारत सहित विश्व के कई देशों में नई बीमारियों यथा कोरोना का ओमिक्रॉन वैरिएंट, बच्चों में टोमेटो फीवर, निमोनिया, ह्यूमेन मेटान्यूमो वायरस आदि की चर्चा करते हुए कहा कि इन पर शोध करने की आवश्यकता है। विश्वविद्यालय के एलुमिनाई पद्मश्री डॉक्टर बलराम भार्गव व पद्मश्री डॉ रविकांत की चर्चा करते हुए कहा कि उनकी उपलब्धियों से विद्यार्थियों को प्रेरणा लेनी चाहिए। राज्यपाल ने विश्वविद्यालय द्वारा सामाजिक दायित्व की पूर्ति के क्रम में गोद लिए गए गांव व अन्य सामाजिक तथा शैक्षिक गतिविधियों की प्रशंसा की। इस अवसर पर राज्यपाल द्वारा मुख्य अतिथि व विज्ञान प्रौद्योगिकी विभाग भारत सरकार के सचिव, प्रो. अभय करंदीकर व रोबोटिक सर्जरी एवं रिसर्च विज्ञान, वटीकुटी यूरोलॉजी संस्थान हेनर्स फोर्ट अस्पताल, अमेरिका के निदेशक प्रो. महेन्द्र भंडारी को मानद उपाधि प्रदान की गई।
राज्यपाल ने चिकित्सा विश्वविद्यालय द्वारा संचालित रेडियो गूंज की गतिविधियों की प्रशंसा करते हुए कहा कि इसके माध्यम से स्थानीय समुदायों को स्वास्थ्य संबंधी जानकारी सरल तरीके से उपलब्ध कराई जाती है जिसके सुखद परिणाम देखने को मिले हैं। लोगों में स्वास्थ्य की प्रति जागरूकता बढ़ी है। उन्होंने कहा कि देश की बड़ी आबादी हेतु स्वास्थ्य संबंधी जरूरत को पूरा करने के लिए सक्षम चिकित्सा और पैरामेडिकल स्टाफ की बहुत अधिक संख्या में जरूरत है। राज्यपाल ने वर्तमान समय में डॉक्टर व मरीज तथा नर्स और मरीज के अनुपात को राष्ट्रीय स्तर पर बेहतर करने की आवश्यकता बताई राज्यपाल ने चिकित्सा विश्वविद्यालय को हॉलिस्टिक वैलनेस तथा ओवरऑल फिटनेस के क्षेत्र में कार्य करने हेतु कहा। उन्होंने आचार्य चरक को आयुर्वेद विशेषज्ञ और त्वचा चिकित्सक बताते हुए कहा कि भारत का आयुर्वेद, योग, प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति, मानव स्वास्थ्य के लिए आज भी उपयोगी है। उन्होंने जनमानस के स्वास्थ्य हेतु डॉक्टर को सरकार की नीतियों की धुरी बताई व विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए उन्हें जीवन मे जिज्ञासु बने रहने, सीखने का निरंतर प्रयास व निरंतर नए ज्ञान को अनुग्रहित करने को कहा। इस अवसर पर मुख्य अतिथि विज्ञान प्रौद्योगिकी विभाग भारत सरकार के सचिव प्रोफेसर अभय करंदीकर ने सभी विद्यार्थियों को उनकी उपलब्धियां हेतु बधाई देते हुए कहा कि उपाधि/पदक प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राओं के भविष्य की यात्रा उन्नति के साथ-साथ चुनौतियों से भरी है। विद्यार्थियों को प्रोत्साहित करते हुए उन्होंने कहा कि चिकित्सा जगत में चिकित्सा के मूल्यों को बरकरार रखें।
इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि व रोबोटिक सर्जरी एवं रिसर्च विज्ञान, वटि कुटी यूरोलॉजी संस्थान हेनर्स फोर्ट अस्पताल, अमेरिका के निदेशक प्रोफेसर महेंद्र भंडारी ने मानद उपाधि प्रदान किए जाने पर कुलाधिपति के प्रति कृतज्ञता जाहिर की तथा विद्यार्थियों के उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हुए उन्होंने विश्वविद्यालय के शिक्षकों को विद्यार्थियों को प्रेरित एवं उनका मार्गदर्शन करने को कहा।दीक्षांत समारोह के अवसर पर राज्यपाल द्वारा 1227 उपाधियों का डिजिलॉकर में अपलोड किया गया।
कार्यक्रम में राज्यपाल ने आंगनबाड़ी केन्द्रों को सुविधा सम्पन्न बनाने हेतु आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को 05 किट प्रदान की। ज्ञातव्य है कि प्रदेश स्तर पर राज्यपाल जी द्वारा अब तक आंगनबाड़ी केन्द्रों हेतु 7600 किट प्रदान की जा चुकी है। उन्होंने समारोह में राजकीय बालिका इण्टर कॉलेज, चौक, लखनऊ से प्रतिभाग कर रहे 25 बच्चों को उपहार स्वरूप स्कूल बैग, पठन-पाठन सामग्री तथा पोषण सामग्री प्रदान की। उन्होंने विश्वविद्यालयों द्वारा आंगनवाड़ी को सुविधा सम्पन्न बनाए जाने व उसमें शिक्षा ले रहे बच्चों को आगे बढ़ाने हेतु कार्य को सामाजिक दायित्व बताया। समारोह में स्थानीय अतिथिगण, जनप्रतिनिधि, कार्यपरिषद एवं विद्या परिषद के सदस्यगण, अधिकारी एवं शिक्षकगण तथा विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।
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