नई दिल्ली: महिला एवं बाल विकास मंत्रालय 7वां राष्ट्रीय पोषण माह मना रहा है, जो एक महीने तक चलने वाला कार्यक्रम है। इसका उद्देश्य जमीनी स्तर पर पोषण परिणामों में सुधार करना और व्यवहार में बदलाव को प्रोत्साहित करना है। इस वर्ष पोषण माह की थीम में ‘पूरक आहार, शिशु पोषण का महत्वपूर्ण पहलू’ शामिल है।
पोषण माह के 7वें दिन, 1.79 करोड़ गतिविधियां दर्ज की गईं, जो शिशुओं और छोटे बच्चों के बीच पोषण परिणामों में सुधार के लिए व्यापक उत्साह और प्रतिबद्धता को दर्शाती हैं। विशेष रूप से शिशु पोषण के एक महत्वपूर्ण पहलू पूरक आहार पर 20 लाख से अधिक गतिविधियां दर्ज की गई हैं।
6 महीने की उम्र के आसपास एक शिशु की ऊर्जा और पोषक तत्वों की आवश्यकता मां के दूध से मिलने वाली ऊर्जा और पोषक तत्वों से अधिक होने लगती है। उन आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए पूरक आहार आवश्यक हैं। इस उम्र का शिशु मां के दूध के अलावा अन्य खाद्य पदार्थों के लिए भी विकासात्मक रूप से तैयार होता है।
पूरक आहार की अवधि के दौरान, बच्चों में अल्पपोषण का खतरा अधिक होता है। शुरुआत के समय, पोषण की गुणवत्ता, मात्रा और पूरक आहार की आवृत्ति के बारे में समुदाय को जागरूक करने से बच्चों के स्वस्थ विकास को सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी।
अब तक, 7वें राष्ट्रीय पोषण माह में देश भर में उल्लेखनीय भागीदारी देखी गई है, जिसमें 35 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के 756 जिले जागरूकता अभियान और पोषण-केंद्रित संवेदीकरण गतिविधियों में सक्रिय रूप से शामिल हुए हैं।
Source: PIB
© Bharatiya Digital News. All Rights Reserved. Developed by TechnoDeva