October 14, 2022   Admin Desk   



कुपोषण खत्म करने की दिशा में तेजी से बढ़ रहा है छत्तीसगढ़

 -मनोज सिंह मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान समग्र सुपोषण की दिशा में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में चलने वाला छत्तीसगढ़ सरकार का एक महत्वपूर्ण अभियान है। मुख्यमंत्री बघेल का संकल्प है कि जब तक प्रदेश में कुपोषण से प्रभावित बच्चे सुपोषित नहीं हो जाते, तब तक यह अभियान जारी रहेगा। मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान अपने लक्ष्य की ओर तेजी से अग्रसर है और बस्तर संभाग के दूरस्थ क्षेत्रों में बच्चों व महिलाओं को इस अभियान का लाभ मिल रहा है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में कुपोषण मुक्ति के लिए शुरू किए गए मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान के सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं। पिछले तीन सालों में प्रदेश के लगभग 02 लाख 11 हजार बच्चे कुपोषण के चक्र से बाहर आ गए हैं। जबकि वर्ष 2019 में इस अभियान के शुरू होते समय कुपोषित बच्चों की संख्या 4 लाख 33 हजार थी। इस प्रकार कुपोषित बच्चों की संख्या में 48 प्रतिशत की कमी एक उल्लेखनीय उपलब्धि है। इसके साथ ही योजना के तहत नियमित गरम भोजन और पौष्टिक आहार मिलने से प्रदेश की लगभग 85 हजार महिलाएं भी एनीमिया मुक्त हो चुकी हैं। मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान ने बचाई जूनिता की जान,योजना का लाभ लेकर स्वस्थ शिशु को दिया जन्म मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान के अंतर्गत दंतेवाड़ा को एनीमिया मुक्त बनाने हेतु कार्यक्रम चलाया जा रहा है। इस कार्यक्रम के तहत स्कूलों, आश्रम परिसरों में किशोरी बालिकाओं, गर्भवती महिलाओं की जांच की जा रही है और उनका उपचार किया जा रहा है। जिले के कुआकोंडा विकासखण्ड के पुजारी पारा की रहने वाली जूनिता की एनीमिया जांच की गई ।जूनिता गर्भवती थी और जांच के दौरान ये पाया गया कि वो एनीमिक है। इसकी वजह से रक्त में हीमोग्लोबिन का स्तर सामान्य से कम 5.6 पाया गया। जूनिता को हाई रिस्क गर्भवती महिला में चिन्हांकित कर उसका लगातार फॉलोअप किया गया गया और विशेष जांच करते हुए आयरन और कैल्शियम की गोलियां दी गई। मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान के प्रयासों का यह परिणाम यह हुआ कि जूनिता ने कुपोषण को हराया और 9 महीने बाद जिला चिकित्सालय में एक स्वस्थ बेटी को भी जन्म दिया। आज जूनिता और उसके परिवार के लोग काफी खुश हैं कि शासन द्वारा चलाई जा रही योजना से जूनिता लाभ ले कर स्वस्थ शिशु को जन्म दिया है। राज्य मे कुपोषित बच्चों का आंकड़ा राष्ट्रीय औसत से कम उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री ने महात्मा गांधी जी की 150वीं जयंती पर सुपोषण योजना को पूरे राज्य में शुरू किया था। इस योजना के तहत महिलाओं और बच्चों की मृत्यु दर में कमी लाने के उद्देश्य से सभी जिलों में सुचारू रूप से संचालन किया जा रहा है। योजनांतर्गत बच्चों और गर्भवती एवं शिशुवती माताओं को प्रतिदिन मुफ्त पौष्टिक भोजन आहार, मूंगफली और गुड़ से बने लड्डू इत्यादि देकर कुपोषण व एनीमिया को दूर किया जा रहा है। गौरतलब है कि राष्ट्रीय परिवार सर्वेक्षण-4 के अनुसार प्रदेश के 5 वर्ष से कम उम्र के 37.7 प्रतिशत बच्चे कुपोषण के शिकार थे जबकि राष्ट्रीय परिवार सर्वेक्षण-5 के अनुसार राज्य में कुपोषित बच्चों का प्रतिशत घटकर 31.30 रह गया है जो राष्ट्रीय औसत 32.10 प्रतिशत से कम है।



Advertisement

Trending News

Important Links

© Bharatiya Digital News. All Rights Reserved. Developed by NEETWEE