08 November 2022   Admin Desk



रमेश नैय्यर छत्तीसगढ़ में रहने वाले विश्व नागरिक: प्रो. डॉ संजय द्विवेदी

रायपुर । वरिष्ठ पत्रकार स्व. रमेश नैय्यर जी की याद में सोमवार को पब्लिक रिलेशन्स सोसाइटी ऑफ इंडिया रायपुर चैप्टर द्वारा श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया। इस अवसर पर भारतीय जनसंचार संस्थान नई दिल्ली के महानिदेशक प्रोफ़ेसर डॉ संजय द्विवेदी उपस्थित रहें उन्होंने स्व. रमेश नैय्यर जी के व्यक्तित्व एवं पत्रकारिता पर अपने विचार रखे उन्होंने कहा कि अगर एक वाक्य में कहा जाये तो नैय्यर जी छत्तीसगढ़ में रहने वाले ग्लोबल सिटीजन थे। उन्होंने छत्तीसगढ़ में पत्रकारिता करते हुए अपनी पत्रकारिता को विश्व स्तर पर ख्याति दिलाई थी। जिस प्रतिष्ठा को छ्त्तीसगढ़ के अन्य पत्रकारों ने दिल्ली में जाकर अर्जित किया उस प्रतिष्ठा को नैय्यर जी ने रायपुर में रहकर अर्जित किया। उनकी पत्रकारिता ने सभी विचारधाराओं के लिए अपने द्वारा खोलकर रखे। उनकी पत्रकारिता जड़ों वह मूल्यों से जुड़े हुए पत्रकारों की थी। रमेश जी का व्यक्तित्व ऐसा था जो सबको अपने साथ लेकर चलता था। वह छत्तीसगढ़ के पुरोधा पत्रकारों में से थे जिन्होंने अपना पूरा जीवन पत्रकारिता को समर्पित रखा। एक संदर्भ ग्रंथ जैसे व्यक्तित्व का हम सबके बीच से चले जाना पत्रकारिता जगत के लिए बहुत बड़ी हानि है। श्रद्धांजलि सभा में छत्तीसगढ़ी गीतकार मीर अली मीर ने रमेश जी को याद करते हुए कहा कि उनका व्यक्तित्व ऐसा था की कोई मुख्यमंत्री का कार्यक्रम हो और वहां रमेश नैय्यर जी मौजूूद रहे तो उन्हें मुख्यमंत्री तक सुनने की इच्छुक रहते थे। नैय्यर जी का समाज, साहित्य और पत्रकारिता के प्रति उनका रूझान रहा है व समाज के प्रति चिंतन का रहा है। मैं उनके प्रति अपनी श्रद्धा सुमन अर्पित करता हूं। पुरातत्वविद् राहुल कुमार सिंह ने उनकी स्मृति को याद करते हुए कहा कि उनकी याद हम सबके लिए जीवनभर चिरस्थायी रहेगी। नैय्यर जी का स्वाभाव बड़ा ही आत्मीय भाव का था। उनकी लेखन शैली कम शब्दों में बात रखने वाली थी उन्होंने छत्तीसगढ़ की पत्रकारिता को बहुत मजबूती प्रदान की। उनके लेखन में सकारात्मक विचारों को अंकुरित करने की शक्ति थी जो एक चलन को स्थिर करती है। आने वाले समय में उनके लेख कालजयी लेख संग्रह बनेंगे। वरिष्ठ पत्रकार शिरीष मिश्रा ने रमेश जी के व्यक्तित्व एवं कृत्तित्व पर अपने विचार रखते हुए कहा कि वह ऐसे पत्रकार थे जो मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और देश के मुख्य पत्रकारों के रूप में उन्हें याद किया जाता है। सामाजिक कार्यकर्ता समीना खान ने कहा उनका ज्ञान हर विषय में था। उन्हें जिस विषय में बोलने को कहा जाये वह स्पष्ट रूप से उस विषय को व्यक्त करते थे। उनके द्वारा कही गई बात को जहां भी किसी को सुनने का मौका मिलता था तो कोई भी उस मौके को छोड़ना नहीं चाहते थे। छत्तीसगढ़ के सुप्रसिद्ध कवि पथिक तारक ने उनके लेखन पर अपनी बात रखते हुए कहा कि उन्होंने कथा यात्रा, उत्तर कथा जैसी पुस्तक का लेखन किया। जिसमें उनकी संपादन की शैली और भाषा की सटीकता स्पष्ट रुप से दिखती है। साथ ही अंग्रेजी, उर्दू और पंजाबी की सात पुस्तकों का हिंदी में अनुवाद किया। हमें उनके लेखन की कला को आत्मसात करने कि जरूरत है। श्रद्धांजलि सभा का संचालन पीआरएसआई रायपुर चैप्टर के चेयरमैन डॉ. शाहिद अली ने किया उन्होंने रमेश नैय्यर जी को श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए कहा कि वह पत्रकारिता के एक पूरे विश्वविद्यालय थे। उनका जाना पत्रकारिता और समाज के लिए बहुत बड़ी क्षति है। साथ ही श्रद्धांजलि सभा टॉपर एजुकेशन सोसाइटी के नागेन्द्र दुबे, पीआरएसआई रायपुर चैप्टर के कार्यकारिणी सदस्य डॉ. राजेन्द्र मोहंती, कार्टून वॉच के संपादक त्र्यम्बक शर्मा, बबूल तिवारी, रामशरण टण्डन, भूपेश त्रिपाठी, आदिती त्रिपाठी ने भी अपनी स्मृति सांझा कि। अंत में पीआरएसआई, रायपुर चैप्टर के सह-सचिव डॉ. अदिति नामदेव ने आभार व्यक्त किया। पीआरएसआई रायपुर चैप्टर के कार्यकारिणी सदस्य विनोद सावंत, चंद्रेश कुमार चौधरी, कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय के शिक्षक, शोधार्थी, छात्र, पीआरएसआई के सदस्य, पत्रकार और समाज के प्रबुद्धजन उपस्थित रहें।



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