दुर्ग: जन्म के समय लेंस के अच्छी तरह से विकसित नहीं होने की वजह से कुछ बच्चों की दृष्टि बाधित हो जाती है। केवल विशेष तरह की सर्जरी के माध्यम से ही यह दृष्टि वापस लाई जा सकती है। यह सर्जरी जिला अस्पताल में भी होने लगी है।
जिला अस्पताल में डॉक्टर कल्पना जेफ एवं उनके सहयोगियों की टीम ने शनिवार को चार दृष्टिबाधित बच्चों को उनकी आंखों का उजाला सर्जरी के माध्यम से दिया। सृष्टि 10 साल की है अब वह दुनिया की सुंदरता भरपूर नजरों से देख सकेगी। करेली गांव का दुर्गेश भी अब सब कुछ देख सकेगा। कल्पना करिए यह सर्जरी नहीं होती तो इन बच्चों के लिए अगले कई सालों तक जीवन में अंधेरा ही होता।
जिला अस्पताल में यह सुविधा आरंभ होने से कानजेनिटल कैटरेक्ट से प्रभावित अनेक दृष्टिबाधित बच्चों के जीवन में उम्मीद लौटी है। जिला अस्पताल में शनिवार को हुई सर्जरी की विशेष बात यह है कि एक साथ चार सर्जरी हुई।
इस संबंध में अधिक जानकारी देते हुए सिविल सर्जन डॉ वायके शर्मा ने बताया कि नेत्र विशेषज्ञ डॉ कल्पना जेफ के नेतृत्व में 4 बच्चों का सफलतापूर्वक ऑपरेशन हुआ। नोडल ऑफिसर ब्लाइंडनेस डॉक्टर संगीता भाटिया ने बताया कि 4 बच्चों का ऑपरेशन हुआ जिनमें तांसू सेवती गांव से हैं सृष्टि सुपेला से है दुर्गेश करेली गांव का है और राजकुमारी खुर्सीपार की है। इनमें राजकुमारी की उम्र केवल 4 वर्ष है। सफल सर्जरी के बाद परिवार जनों की खुशी भी लौटी है और उनकी आंखों में खुशी के आंसू हैं।
परिजनों ने बताया कि अब तक उनके उनके आंखों में आँसू उन्हें दुख देते थे। आज बच्चों की सफल सर्जरी के बाद उनकी आंखों में खुशी के आंसू हैं। आज हुए ऑपरेशन में ओटी में डॉक्टर कल्पना जेफ के साथ ही डॉक्टर संजय वालविंद्र नेत्र, सहायक अधिकारी माया लहरें, विवेक सोनी, शत्रुघ्न सिन्हा के साथ मेडिकल स्टाफ ने ऑपरेशन किया। बच्चों को चिन्हअंकित करने में चिरायु टीम की विशेष भूमिका रही। Title in English: Chhattisgarh State: Durg: Rare operation of congenital cataract in the district hospital.
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