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19 January 2023   bharatiya digital news Admin Desk



विकास कल्चरल एंड वेलफेयर सोसायटी द्वारा वाल्मीकि रंगशाला में बाप रे बाप नाटक का मंचन का हुआ आयोजन

लखनऊ/संवाददाता - सन्तोष उपाध्याय लखनऊ: उत्तर प्रदेश दिवस के उपलक्ष मे क्षेत्रीय पर्यटन कार्यालय पर्यटन निर्देशालय उत्तर प्रदेश, उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी, नव अंशिका फाउंडेशन और थिएटर एंड फिल्म वेलफेयर एसोसिएशन के तत्वाधान मे लखनऊ नाट्य समारोह के अंतर्गत दितीय दिवस पर विकास कल्चरल एंड वेलफेयर सोसायटी द्वारा वाल्मीकि रंगशाला में बाप रे बाप नाटक का मंचन नाट्य निर्देशक निशु त्यागी के द्वारा किया गया। विकास कल्चरल एंड वेलफेयर सोसायटी द्वारा वाल्मीकि रंगशाला में बाप रे बाप नाटक का मंचन का हुआ आयोजनकार्यक्रम का उद्घाटन मुख्य अतिथि वरिष्ठ लोक गायिका यश भारती ऋचा जोशी व विशिष्ट अतिथि लोक विशेषज्ञ मुनाल विक्रम बिष्ट व नाट्य निर्देशक नीशू त्यागी ने दीप प्रज्वलित करके किया इस अवसर पर डॉक्टर विकास श्रीवास्तव ने सभी अतिथियों का पुष्पगुच्छ प्रतीक चिन्ह अंग वस्त्र देकर स्वागत व सम्मानित किया बाप रे बाप नाटक कथानक के अनुसार बाबू बद्रीनाथ अपने घर से कहीं चले जाते हैं उनके जाने पर उनका बेटा विकास काफी दुखी है और बहू मीनू काफी अपसेट है। क्योंकि घर में समस्या होने से उनकी क्लब की पार्टी बंद है। इसी बात को लेकर पति-पत्नी में काफी तकरार होती है। जिसको उनके घर का नौकर नूर बक्श मैनेज करता रहता है । विकास कल्चरल एंड वेलफेयर सोसायटी द्वारा वाल्मीकि रंगशाला में बाप रे बाप नाटक का मंचन का हुआ आयोजनहद तो तब हो जाती है जब एक पंडित जी नकली बाप को लेकर चले आते हैं और विकास के पिता की बायोग्राफी से मेल कराते हुऐ एक -एक चीज विकास को गिनाते है की पिता की हाइट यह है इत्यादि तभी बाबू बद्रीनाथ के दोस्त फजल इलाही एक और गूंगे बाप को यह कह कर ले आते हैं कि यही बद्रीनाथ है और वह सदमे की वजह से वह बोल नहीं पा रहे हैं यहीं से हास्यप्रद स्थिति उत्पन्न होती है कि जहां पर असली बाप गायब है और वहीं उनसे मिलते जुलते बापो की नकली लाइन लगती जा रही है। सही साबित करने की होड़ में पंडित जी और फजल इलाही बच्चो की तरह झगड़ने लगते हैं तभी असली बाबू बद्रीनाथ आ जाते हैं और बताते हैं कि वह तो बहू मीनू को बता कर गए थे। मीनू अपने भुलक्कड़पन की आदत की वजह से बहुत शर्मिंदा होती है इस प्रकार नाटक हास्य का ताना बाना लिए हुए एक गंभीर समस्या से रूबरू करा जाता है। मुख्य भूमिका में प्रत्यक्ष: नूर बक्श सोनू कुमार, विकास, अरविंद श्रीवास्तव, मीनू, अर्पिता सिंह लिली, अनामिका सिंह, सनुज प्रजापति, मिस्टर लॉन्ग प्रियांशी मिस्टर लॉन्ग, सतेंद्र मौर्य ,कुमार दूध वाला, अनोखे लाल तिवारी, राजेश गुप्ता, नकली पिता रामकृष्ण शुक्ला, फजल इलाही, अंशुल पाल, गूंगे पिता सनी मौर्य असली पिता राकेश गुप्ता शामिल रहे। परोक्ष में रंगदीपन - तमाल बोस , संगीत संचालन- धीरेन्द्र कुमार, मुख सज्जा - अनामिका सिंह, अर्पित सिंह, वेशभूषा- प्रियांशी गौतम, मंच प्रॉपर्टी- राकेश गुप्ता, प्रस्तुति नियंत्रक- दबीर सिद्दीकी, मंच संचालन कवलजीत सिंह, महेश चंद्र देवा, नीशू त्यागी अध्यक्ष नव अंशिका फाउंडेशन उपस्थित रहे।



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