रायपुर: छत्तीसगढ़ की शैक्षणिक दुनिया में आंजनेय यूनिवर्सिटी लगातार नई ऊँचाइयाँ छू रही है। हाल ही में विश्वविद्यालय ने तीन महत्वपूर्ण उपलब्धियाँ हासिल कर शिक्षा, शोध और सामाजिक जिम्मेदारी के क्षेत्र में अपनी विशेष पहचान दर्ज कराई है।
पहला, विश्वविद्यालय ने Bosch India Foundation के साथ एक ऐतिहासिक MoU पर हस्ताक्षर किए हैं। इस समझौते के अंतर्गत Automotive Skills Development Program संचालित होगा, जिसके माध्यम से विद्यार्थियों को 300 घंटे के उन्नत प्रशिक्षण (ऑटोमोटिव सर्विस टेक्नीशियन एवं ऑटोमोटिव सर्विस एडवाइज़र) का अवसर मिलेगा। यह प्रशिक्षण कक्षा शिक्षण, लैब प्रयोग, डिजिटल मॉड्यूल और इंडस्ट्री विज़िट्स के माध्यम से प्रदान किया जाएगा। खास बात यह है कि इस कार्यक्रम से न केवल तकनीकी दक्षता विकसित होगी, बल्कि विद्यार्थियों को प्लेसमेंट सहायता और रोजगारोन्मुखी प्रमाण पत्र भी प्राप्त होगा।
दूसरा,अपने वैश्विक प्रतिनिधित्व को सुदृढ़ करते हुए श्रीलंका में आयोजित इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस ऑन सस्टेनेबल डेवलपमेंट (ICSD-2025) में सक्रिय सहयोगी भूमिका सुनिश्चित की है। यह सम्मेलन 3–4 सितम्बर को Bandaranayake Memorial International Conference Hall (BMICH), कोलंबो में आयोजित हो रहा है। इसमें विश्वभर के नीति-निर्माता, शिक्षाविद, पर्यावरणविद और शोधकर्ता सतत विकास के विविध पहलुओं पर विचार-विमर्श करेंगे।
विश्वविद्यालय के प्रतिनिधिमंडल अपने शोधपत्र एवं प्रेजेंटेशन के माध्यम से ऊर्जा संरक्षण, हरित प्रौद्योगिकी, ग्रामीण विकास और शिक्षा में नवाचार जैसे मुद्दों पर अपने विचार प्रस्तुत करेगा। सम्मेलन में प्रस्तुत शोध कार्यों का प्रकाशन OIDA International Journal of Sustainable Development (SCOPUS, DOAJ, SSRN सूचीबद्ध) जैसे प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय जर्नल्स में किया जाएगा।
तीसरा, यूनिवर्सिटी ने डिजिटल शिक्षा और तकनीकी कौशल विकास की दिशा में एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। विश्वविद्यालय को नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी (NIELIT) द्वारा आधिकारिक पंजीकरण एवं मान्यता (Accreditation) प्राप्त हो गई है। इस उपलब्धि के साथ आंजनेय यूनिवर्सिटी अब NIELIT के अंतर्गत O/A/B/C/DLC/NSQF स्तर के कोर्स संचालित कर सकेगी। यह कोर्स विद्यार्थियों को रोजगारपरक कंप्यूटर शिक्षा, सॉफ्टवेयर एप्लीकेशन, डिजिटल स्किल्स और नई प्रौद्योगिकियों की गहन समझ प्रदान करेंगे। इसके लिए विश्वविद्यालय के प्राध्यापक 9वीं से 12वीं और स्नातक स्तर पर विद्यार्थियों को प्रशिक्षण देंगे।
विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. टी. रामाराव ने इस अवसर पर कहा कि यह हमारे लिए गर्व का क्षण है कि विश्वविद्यालय न केवल उद्योग जगत के साथ मजबूत साझेदारी कर रहा है, बल्कि वैश्विक मंच पर भी अपनी भूमिका निभा रहा है। यह पहल विद्यार्थियों के व्यक्तित्व विकास, रोजगार सृजन और वैश्विक दृष्टिकोण विकसित करने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगी। इन तीनों पहलों के माध्यम से आंजनेय यूनिवर्सिटी ने यह साबित कर दिया है कि उच्च शिक्षा केवल डिग्री प्राप्ति तक सीमित नहीं है, बल्कि यह रोज़गार, शोध, सामुदायिक विकास और वैश्विक सहभागिता का संगम है। आने वाले समय में विश्वविद्यालय निस्संदेह प्रदेश और देश के विद्यार्थियों को विश्व स्तरीय अवसर प्रदान करने में अग्रणी भूमिका निभाएगा।
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