बिलासपुर में हवाई सेवाओं के विस्तार को गति देने के उद्देश्य से, केन्द्रीय आवासन एवं शहरी कार्य राज्य मंत्री तोखन साहू ने हाल ही में केन्द्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से सौजन्य भेंट की। इस दौरान उन्होंने बिलासपुर हवाई अड्डे के विकास हेतु रक्षा मंत्रालय के पास पड़ी 1012 एकड़ भूमि राज्य सरकार को हस्तांतरित करने के संबंध में एक संयुक्त बैठक बुलाने का आग्रह किया।
श्री साहू ने कहा कि बिलासपुर छत्तीसगढ़ का दूसरा सबसे बड़ा शहर और एक प्रमुख औद्योगिक केंद्र है। यहाँ उच्च न्यायालय के साथ-साथ एसईसीएल, एनटीपीसी और दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे जैसी अनेक केंद्रीय संस्थाओं के मुख्यालय स्थित हैं। इसके अलावा, शहर में कई महत्वपूर्ण शैक्षणिक संस्थान भी हैं। इन सबके बावजूद, मौजूदा हवाई सुविधाएँ शहर की बढ़ती आवश्यकताओं के अनुरूप पर्याप्त नहीं हैं और लंबे समय से इनके विस्तार की मांग की जा रही है।
उन्होंने बताया कि हवाई अड्डे के विस्तार में सबसे बड़ी अड़चन भूमि की है। हवाई अड्डे के आसपास की 1012 एकड़ ज़मीन रक्षा मंत्रालय ने आर्मी ट्रेनिंग सेंटर के लिए अधिग्रहित की थी, लेकिन अब ट्रेनिंग सेंटर रायपुर में स्थापित हो चुका है। परिणामस्वरूप यह ज़मीन अनुपयोगी पड़ी हुई है। रनवे विस्तार के लिए इसमें से केवल 290 एकड़ भूमि की आवश्यकता है। किंतु, इस भूमि के मुआवज़े को लेकर राज्य सरकार और सेना के बीच मतभेद बना हुआ है।
इस मुद्दे के समाधान के लिए श्री साहू ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से अनुरोध किया कि छत्तीसगढ़ सरकार और रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों की एक संयुक्त बैठक बुलाई जाए। उनका मानना है कि संवाद और सहयोग से कोई ठोस समाधान निकलेगा, जिससे बिलासपुर में हवाई सेवाओं के विस्तार का मार्ग प्रशस्त होगा। यह कदम न केवल क्षेत्रीय परिवहन सुविधा को बेहतर बनाएगा बल्कि शहर के आर्थिक और सामाजिक विकास के लिए भी अहम साबित होगा।
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