रायपुर: कोलंबिया इंस्टिट्यूट ऑफ फार्मेसी में हिंदी दिवस बड़े ही उत्साह और धूमधाम के साथ मनाया गया। इस अवसर पर संस्थान के छात्र-छात्राओं और शिक्षकों ने मिलकर हिंदी भाषा के महत्व और उसके गौरवशाली इतिहास को याद किया।
कार्यक्रम का शुभारंभ संस्थान के प्राचार्य डॉ. रविंद्र कुमार पांडे के प्रेरक संबोधन से हुआ। उन्होंने अपने भाषण में हिंदी भाषा को केवल एक भाषा नहीं, बल्कि हमारी संस्कृति और पहचान का प्रतीक बताया। उन्होंने कहा कि आज के आधुनिक युग में जहां अंग्रेजी का प्रभाव बढ़ रहा है, वहीं हमें अपनी मातृभाषा हिंदी को नहीं भूलना चाहिए। उन्होंने छात्रों से अपील की कि वे अपने दैनिक जीवन में अधिक से अधिक हिंदी का प्रयोग करें और इसे आगे बढ़ाने में अपना योगदान दें।
विभाग के विभागाध्यक्ष (HOD) डॉ. शिव शंकर शुक्ला ने हिंदी साहित्य और उसके विकास पर विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि हिंदी भाषा कितनी समृद्ध है और इसमें कितनी विविधता है। उन्होंने हिंदी के महान लेखकों और कवियों जैसे मुंशी प्रेमचंद, जयशंकर प्रसाद, और महादेवी वर्मा का जिक्र करते हुए उनके योगदान को सराहा। उन्होंने कहा कि हिंदी भाषा हमें हमारी जड़ों से जोड़ती है और हमें अपनी परंपराओं पर गर्व करना सिखाती है।
कार्यक्रम में शोध समन्वयक (Research Coordinator) डॉ. बिना गिडवानी ने भी अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने वैज्ञानिक और तकनीकी क्षेत्रों में हिंदी के उपयोग पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि यह एक आम धारणा है कि विज्ञान और तकनीक की पढ़ाई केवल अंग्रेजी में ही संभव है, लेकिन यह सच नहीं है। उन्होंने कहा कि हिंदी में भी विज्ञान और प्रौद्योगिकी से संबंधित कई उत्कृष्ट पुस्तकें और शोध पत्र उपलब्ध हैं, और हमें इन्हें बढ़ावा देना चाहिए। उन्होंने छात्रों को प्रेरित किया कि वे अपने शोध कार्यों और प्रस्तुतियों में भी हिंदी का उपयोग करें।
इस अवसर पर छात्र-छात्राओं ने कविता पाठ, भाषण और गीत जैसी विभिन्न सांस्कृतिक प्रस्तुतियां भी दीं, जिसने पूरे माहौल को और भी जीवंत बना दिया। उनकी प्रस्तुतियों ने यह साबित कर दिया कि हिंदी भाषा आज भी युवाओं के बीच कितनी लोकप्रिय है। कार्यक्रम के अंत में, सभी ने मिलकर यह संकल्प लिया कि वे हिंदी भाषा के सम्मान और प्रचार-प्रसार के लिए निरंतर प्रयास करते रहेंगे।
कार्यक्रम की शुरुआत भाषण प्रतियोगिताऔर निबंध प्रतियोगिता से हुई, जिसमें छात्रों ने अपनी भाषाई क्षमता और सृजनात्मक विचारों का प्रदर्शन किया। इसके अतिरिक्त, नुक्कड़ नाटक का मंचन भी किया, जिसने उपस्थित सभी लोगों का मन मोह लिया और सामाजिक संदेश को रोचक तरीके से प्रस्तुत किया।संस्था के अध्यापकों और अधिकारियों ने छात्रों की भागीदारी की सराहना की और हिंदी भाषा के संवर्धन पर जोर दिया।इस कार्यक्रम का उद्देश्य छात्रों में हिंदी भाषा के प्रति जागरूकता बढ़ाना और उनकी रचनात्मक प्रतिभा को बढ़ावा देना था। हिंदी दिवस का यह आयोजन छात्रों और शिक्षकों के बीच भाईचारे और उत्साह का प्रतीक बनकर उभरा। नेहा वर्मा को भाषण प्रतियोगिता में प्रथम पुरस्कार मिला और धात्री वर्मा को भाषण प्रतियोगिता में प्रथम पुरस्कार मिला।
यह हिंदी दिवस समारोह कोलंबिया इंस्टिट्यूट ऑफ फार्मेसी के लिए एक यादगार आयोजन था, जिसने सभी को हिंदी के महत्व और उसकी शक्ति का एहसास कराया। इस तरह के आयोजनों से न केवल छात्रों में अपनी भाषा के प्रति सम्मान बढ़ता है, बल्कि यह उन्हें अपनी संस्कृति से भी जोड़े रखता है।
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