रायपुर: मैट्स स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग एवं इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी ने इंजीनियर्स डे 2025 को बड़े उत्साह और गरिमा के साथ मनाया। यह आयोजन भारत रत्न सर मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया की जयंती को समर्पित था, जो एक महान अभियंता और राष्ट्र निर्माता रहे हैं, जिनके दूरदर्शी योगदान आज भी पीढ़ियों को प्रेरित करते हैं। कार्यक्रम के दौरान प्रत्येक विभाग द्वारा अभिनव प्रोजेक्ट प्रदर्शित किए गए, जिनमें सस्टेनेबल सॉल्यूशन्स, ग्रीन एनर्जी और अत्याधुनिक तकनीकी अवधारणाएँ शामिल थीं, जो विश्वविद्यालय की अनुसंधान, रचनात्मकता और उद्योग-उन्मुख कौशल के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाती हैं।
इस अवसर की शोभा बढ़ाने के लिए मुख्य अतिथि कैबिनेट मंत्री गुरु खुशवंत साहेब पधारे। उन्होंने अपने प्रेरणादायक संबोधन में कहा कि वे मैट्स विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र होने पर गर्व महसूस करते हैं। उन्होंने बताया कि उन्होंने यहाँ से एम.टेक पूरा किया है और वर्तमान में पीएच.डी. भी यहीं से कर रहे हैं। उन्होंने अपने जीवन और पेशेवर विकास में इस संस्थान की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित किया। साथ ही, उन्होंने छत्तीसगढ़ सरकार की तकनीकी क्षेत्र में आगामी योजनाओं और आई-हब पहल के बारे में जानकारी दी, जिसमें नवाचार को बढ़ावा देने, अनुसंधान संरचना को मजबूत करने और युवा इंजीनियरों के लिए नए अवसर प्रदान करने पर जोर दिया गया। उन्होंने विश्वविद्यालय द्वारा योग्य अभियंताओं को तैयार करने की सराहना करते हुए भविष्य की पहलों के लिए पूर्ण सहयोग देने का आश्वासन दिया और छात्रों व संकाय को नवाचार, उद्यमिता और तकनीकी प्रगति के लिए हर संभव सरकारी सहायता प्रदान करने की बात कही।
कार्यक्रम को और गरिमामय बनाते हुए कुलपति गजराज पगारिया ने अपने प्रभावशाली शब्दों में कहा कि इंजीनियर ही आधुनिक समाज के सच्चे निर्माता हैं, जो दूरदर्शी विचारों को वास्तविकता में बदलकर राष्ट्र को सतत विकास की ओर अग्रसर करते हैं। उन्होंने युवाओं में क्रिटिकल थिंकिंग विकसित करने, उभरती प्रौद्योगिकियों को अपनाने और वैश्विक चुनौतियों का समाधान करने की जिम्मेदारी का भाव जागृत करने पर बल दिया।
इस अवसर पर कुलपति प्रो. (डॉ.) के. पी. यादव, डायरेक्टर जनरल प्रियेश पगारिया, रजिस्ट्रार गोकुलनंद पांडा और डॉ. बृजेश पटेल (डीन इंजीनियरिंग) ने भी अपने प्रेरणादायक विचार साझा किए। उन्होंने डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन और राष्ट्र निर्माण में इंजीनियरों की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित किया। मुख्य अतिथि ने ‘एक पेड़ माँ के नाम’ अभियान में पौधा लगाकर सहभागिता की, जो सततता और माताओं के प्रति कृतज्ञता का प्रतीक है।
कार्यक्रम की शुरुआत सरस्वती वंदना से हुई, जिसके बाद अतिथियों का स्वागत किया गया। समापन एक इंटरएक्टिव सत्र के साथ हुआ, जिसमें छात्रों ने अपने प्रोजेक्ट प्रस्तुत किए और मूल्यवान मार्गदर्शन प्राप्त किया। अंत में डॉ. बृजेश पटेल ने आभार प्रदर्शन करते हुए मैट्स विश्वविद्यालय की नवाचार-प्रेरित, उद्योग-उन्मुख और आत्मनिर्भर भारत के निर्माण हेतु सक्षम अभियंताओं को तैयार करने की प्रतिबद्धता को दोहराया।
© Bharatiya Digital News. All Rights Reserved. Developed by TechnoDeva