18 May 2023   Admin Desk



यूपी पूर्वांचल के बाहुबली नेता हरिशंकर तिवारी का निधन, अंतिम दर्शन के लिए जनता की उमड़ी भीड़

बाहुबली नेता के अंतिम दर्शन के लिए जनता की उमड़ी भीड़

लखनऊ/ संवाददाता - संतोष उपाध्याय।

लखनऊ Lucknow: यू पी के पूर्वांचल बाहुबली नेता पंडित हरिशंकर तिवारी का मंगलवार की शाम को निधन हो गया। इससे उनके समर्थकों में निराशा छा गई है। निधन की सूचना मिलते ही उनके घर और गोरखपुर हाता पर समर्थकों की भीड़ जुट गई है। पूर्वांचल के बाहुबली नेता पंडित हरिशंकर तिवारी का 91 साल की उम्र में निधन हो गया है। निधन की सूचना मिलते ही समर्थकों का उनके धर्मशाला स्थित आवास तिवारी हाता पर पहुंचे। समर्थकों की भारी भीड़ से सड़कों पर जाम की स्थिति पैदा हो गई है। पूर्वांचल के कद्दावर नेता पंडित हरिशंकर तिवारी के निधन के बाद तिवारी हाता पर उनके समर्थकों का हुजूम उमड़ पड़ा। समर्थक अपने प्रिय नेता की एक झलक और अंतिम दर्शन के लिए परेशान दिखे। दूर दराज से आए हजारों की संख्या में समर्थकों की भीड़ के कारण सड़कों पर जाम लग गया।  लोग सिर्फ अपने नेता के अंतिम दर्शन करना चाहते थे। समर्थकों के कई राजनीतिक दलों के प्रमुख नेताओं का भी तिवारी हाता पहुंचने का सिलसिला देर रात तक जारी रहा। इसमें बीजेपी, सपा, कांग्रेस, बसपा के कई बड़े नेताओं को यहां देखा गया। इनमें बीजेपी की पूर्व में मेयर सत्या पांडेय, भानु प्रकाश मिश्रा, सहित अन्य सामाजिक संगठनों के लोग भी पूर्वांचल के कद्दावर नेता को अंतिम विदाई देने के लिए पहुंच रहे थे।

राजनीतिक सफर...

आपको बता दें कि चिल्लूपार विधानसभा क्षेत्र के चुनाव का इतिहास खंगालने पर वयोवृद्ध बाहुबली हरिशंकर तिवारी का नाम बार-बार, उभरकर सामने आता है। हरिशंकर तिवारी इस सीट से लगातार 22 वर्षों (1985 से 2007) तक विधायक रहे हैं। पहला चुनाव 1985 में निर्दलीय लड़ा था, फिर अलग-अलग राजनीतिक दल के टिकट पर चुनाव लड़कर जीतते रहे हैं। तीन बार कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़कर जीते व यूपी सरकार में मंत्री भी बने थे। 2007 के चुनाव में बसपा ने राजेश त्रिपाठी को अपना प्रत्याशी बनाकर चुनाव मैदान में उतार दिया। हरिशंकर तिवारी पांच बार कैबिनेट मंत्री बने पंडित हरिशंकर तिवारी की राजनीतिक शुरुआत सन 1985 से हुई, जब वह पहली बार चिल्लूपार विधानसभा से विधायक चुने गए। तीन बार कांग्रेस पार्टी से विधायक रहने के बाद उन्होंने अपनी भी एक पार्टी बनाई थी, जिसके तहत वह अकेले विधायक थे। 6 बार विधायक रहे पंडित हरिशंकर तिवारी 5 बार कैबिनेट में मंत्री भी रहे। पंडित हरिशंकर तिवारी की पहचान शुरू से ही एक बाहुबली नेता के रूप रही है।

यू पी पूर्वांचल और ब्राह्मण संगठनों पूर्व मंत्री चिल्लूपार विधानसभा गोरखपुर के हरीशंकर तिवारी कई दसको से आन बान शान रहे । उनके निधन से पूर्वांचल से लेकर पूरे उत्तर प्रदेश में उनके चाहने वालों को उनके निधन से गहरा दुख हुआ। समर्थकों का कहना था कि पंडित हरिशंकर तिवारी सिर्फ एक जाति या दल के नेता नहीं थे, पूर्वांचल की आन बान शान थे। इन्हें हम ब्राह्मण शिरोमणि और बाहुबली पूर्वांचल के रूप में भी जानते हैं। वह किसी एक पार्टी से बांध कर नहीं रहे, उनकी राजनिति दलगत राजनीति से ऊपर थी। हम अपने नेता और अभिभावक के अंतिम दर्शनों के लिए यहां पहुंचे हैं।

91 वर्षीय पंडित हरीशंकर तिवारी अपने पीछे दो बेटे और एक बेटे सहित भरापूरा परिवार छोड़ गए हैं। इनके बड़े पुत्र भीष्म शंकर तिवारी भी सांसद रह चुके हैं।वहीं छोटे बेटे विनय शंकर तिवारी 2017 विधानसभा चुनाव में बसपा के टिकट पर चिल्लूपार से विधायक चुने गए थे। परिवारजनों ने बताया कि प्रातः 10 बजे पंडित हरिशंकर तिवारी की अंतिम यात्रा निकाली गई, उनके शव को पैतृक गांव बड़हलगंज के चिल्लू पार स्थित टड़वा ले जाया गया। जहां नेशनल पीजी कॉलेज बड़हलगंज में समर्थकों और दर्शनार्थियों के अंतिम दर्शन के लिए पार्थिव शरीर को रखा गया। इसके बाद बड़हलगंज स्थित मुक्तिधाम पर उनका अंतिम संस्कार किया गया।



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