बिलासपुर BILASPUR: गुरू घासीदास विश्वविद्यालय (केन्द्रीय विश्वविद्यालय) में राष्ट्रीय सेवा योजना प्रकोष्ठ द्वारा नशा मुक्त समाज आंदोलन- अभियान कौशल का के अंतर्गत युवाओं में शराब की लत और नशीली पदार्थों के दुरुपयोग पर जागरूकता विषय पर राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। मंचस्थ अतिथियों में केन्द्रीय आवासन और शहरी कार्य के राज्य मंत्री कौशल किशोर, विशिष्ट अतिथि अक्षत कांत, राष्ट्रीय संयोजक, नशा मुक्त समाज आंदोलन- अभियान कौशल का रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर आलोक कुमार चक्रवाल ने की।
संगोष्ठी के मुख्य अतिथि कौशल किशोर ने आत्मनिर्भर भारत की दिशा में विश्वविद्यालय के सकारात्मक प्रयासों के लिए कुलपति प्रोफेसर आलोक कुमार चक्रवाल की भूरि-भूरि प्रशंसा करते हुए कहा कि प्रो. चक्रवाल विद्यार्थियों को आत्मनिर्भर तथा विश्वविद्यालय को आदर्श विश्वविद्यालय बनाने के लिए निरंतर प्रयत्नशील हैं। इसमें विद्यार्थियों के सकारात्मक सहयोग एवं योगदान की आवश्यकता है।
कौशल किशोर ने नशा मुक्त भारत बनाने के लिए सभी लोगों को नशे से दूर रहने की शपथ दिलायी। साथ ही युवाओं को आव्हान किया कि नशा करने वाले से भी दूरी बनाये। उन्होंने विशेष रूप से बालिकाओँ से आग्रह किया कि हमारी सभी बहनें अपने परिवार एवं संबंधियों में भी रक्षाबंधन एवं भैया दूज के अवसर पर भाइयों से उपहार स्वरूप नशा न करने का वचन लें।
केन्द्रीय मंत्री कौशल किशोर ने विश्वविद्यालय में प्रारंभ हुई स्वाभिमान थाली योजना की प्रशंसा करते हुए कहा कि नशा मुक्त समाज आंदोलन- अभियान कौशल का में उन्होंने नशे की वजह से निराश्रित हुए परिवारों के लिए भी यह योजना लागू करने का निश्चय प्रकट किया। उन्होंने आगाह किया कि नशीली दवाओं के तस्कर हमेशा नशा करने वालों की तलाश में रहते हैं तथा स्वयं नशा नहीं करते हैं । यहां तक कि देश में नशीली दवाओं को शामिल करने और देश को कमजोर करने की एक अंतरराष्ट्रीय साजिश भी चल रही है। मंत्री ने अपना फोन नंबर भी दिया ताकि छात्र नशे के खिलाफ अभियान से जुड़ सकें। विश्वविद्यालय के समस्त सदस्यों को नशा मुक्ति अभियान से जुड़ने का आव्हान किया तथा 'जन-जन का यह संदेश, नशा मुक्त हो भारत देश' नारा दिया।
विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर आलोक कुमार चक्रवाल ने अपने संबोधन में कहा कि यह गर्व की बात है कि केंद्रीय मंत्री ने छात्रों के साथ इतना प्रेरक संवाद किया। इस अवसर पर उन्होंने गुरु घासीदास विश्वविद्यालय को अंतरराष्ट्रीय पटल पर स्थापित करने का अपना संकल्प दोहराया। उन्होंने छात्रों से आह्वान किया कि वे अपनी ऊर्जा और दिमाग का उपयोग रचनात्मक चीजों में करें और कभी भी नशे के किसी भी स्वरूप को जीवन का हिस्सा न बनाये। उन्होंने सभी अभिभावकों और शिक्षकों से कहा कि हमें युवाओं को राष्ट्र निर्माण एवं सामाजिक सरोकारों से जुड़े कार्यों में सहयोग करने के लिए उनकी सकारात्मक ऊर्जा का प्रयोग करना चाहिए।
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