संवाददाता संतोष उपाध्याय
लखनऊ: राजधानी लखनऊ में सोमवार को डॉ. ए.पी.जे.अब्दुल कलाम सभागार कलेक्ट्रेट लखनऊ में जिलाधिकारी सूर्य पाल गंगवार द्वारा जिला स्तरीय पुनरीक्षण समिति डीएलआरसी एवं ज़िला स्तरीय परामर्शदातत्री समिति की बैठक आयोजित की गई जिसमें मुख्य विकास अधिकारी अजय जैन, भारतीय रिजर्व बैंक के अग्रणी जिला अधिकारी मोतीलाल, बैंक ऑफ इंडिया आंचलिक प्रबन्धक नरेंद्र कुमार दास नाबार्ड डी.डी.एम कृष्णा कुमार ओझा, अग्रणी जिला प्रबंधक मनीष पाठक के साथ-साथ विभिन्न सरकारी विभागों के विभागाध्यक्ष एवं लखनऊ जनपद में कार्यरत विभिन्न बैंकों के जिला समन्वयकों ने प्रतिभाग किया।
बैठक में मार्च-2024 तक बैंकों का ऋण जमानुपात 46.41 प्रतिशत रहा जो कि पिछले वर्ष की तुलना में एक प्रतिशत ज़्यादा रहा। इसे बढ़ाए जाने की आवश्यकता पर बल दिया गया। कुछ बैंको का CD ratio कम होने पर ज़िलाधिकारी द्वारा अप्रसन्नता व्यक्त की गयी तथा तत्काल ठीक करने का निर्देश गिया गया। जनपद के ऋण योजना का लक्ष्य रु 37308 करोड़ किया गया जो कि पिछली बार की तुलना में ढाई गुना अधिक है। जनपद का एमएसएमई लक्ष्य रुपए 31,500 करोड़ रखा गया है। जिलाधिकारी द्वारा जनपद के समस्त संबन्धित सरकारी विभागों एवं समस्त वाणिज्यिक बैंको को एकीकृत कर जमीनी स्तर तक ले जाते हुए इस लक्ष्य के सापेक्ष जनपद के अधिकाधिक इच्छुक महत्वकांशी व्यक्ति को सरकारी योजनांतर्गत बैंक ऋण सुविधा देकर जनपद की प्रगति में योगदान दिये जाने की अपील की गई।
जिलाधिकारी द्वारा निर्देश दिया गया की एलडीएम कार्यालय में एक सब कमेटी बनाई जाए जहां DESTO कार्यालय से 2 ADESTO और एलडीएम कार्यालय के स्टाफ को नियुक्त किया जाए, ताकि सरकार की बैंक ऋण योजनाओं के बारे में जन जन को जानकारी पहुचाई जाए।
बैठक में जिलाधिकारी द्वारा बताया गया की हमे ऐसे लोगो पर अधिक फोकस करना है जिन्होंने आज तक बैंक ऋण नही लिया है। इस बार हम लक्ष्य रखें की नए लोगो को अधिक से अधिक बैंक ऋण उपलब्ध कराते हुए उनको स्वरोजगार उपलब्ध कराया जाए। उक्त के साथ ही उन्होंने बताया की एक ट्रेनिग सेंटर की भी स्थापना की जाए जिसमे स्टार्ट अप करने वाले युवाओं और उधमियो को ट्रेनिंग देने के लिए सप्ताह में एक दिन ट्रेनिंग सेशन रखा जाए। हम इस बार लक्ष्य रखे की 10000 नए लोगो का बिजनेस जेनरेट करना है।
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के मोतीलाल द्वारा अलग से बैंको को ज़रूरी दिशा निर्देश दिये गये। मुख्य विकास अधिकारी ने विभिन्न सरकारी योजनाओं में विशेष रूप से एसएचजी-सीसी एल, किसान क्रेडिट कार्ड, एनआरएलएम, एनयूएनएल, पीएमईजीपी, मुख्यमंत्री ग्रामोद्योग रोजगार योजना, ओडीओपी, मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना के सभी लंबित आवेदन पत्रों को 15 कार्य दिवस के भीतर निस्तारित करना सुनिश्चित करने के निर्देश दिये गए।
पीएमईजी पी योजना में प्रत्येक बैंक शाखा को जिलाधिकारी के निर्देशानुसार कम से कम 10 लाभार्थियों को लाभान्वित करना सुनिश्चित करे। सरकार द्वारा विभिन्न योजनाओं की समीक्षा के दौरान संबंधित विभाग के प्रतिनिधि एवं बैंकों के जिला समन्वयकों को निर्देशित किया कि शाखाओ में लंबित समस्त सरकारी योजनाओं के आवेदनों का जल्द से जल्द सकारात्मक निस्तारण करना सुनिश्चित करें।
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