नई दिल्ली NEW DELHI,INDIA: भारतीय सेना ने भारत के खेल संबंधी इकोसिस्टम में भारतीय सेना की भूमिका को रेखांकित करते हुए बहुप्रतीक्षित “सेना खेल कॉन्क्लेव” का आयोजन किया। भारत 2036 के ओलंपिक की मेजबानी करने की ओर अग्रसर है, ऐसे में सेना खेल कॉन्क्लेव इस राष्ट्रीय मिशन से जुड़े प्रयासों को व्यवस्थित करने और इसमें योगदान देने के एक महत्वपूर्ण मंच के रूप में कार्य करता है। भारत की खेलों से जुड़ी वैश्विक महत्वाकांक्षाओं को संवर्धित करने के लिए इस कॉन्क्लेव में विभिन्न राष्ट्रीय हितधारकों के साथ सहयोग को बढ़ावा देने पर जोर देते हुए भारतीय ओलंपिक संघ, भारतीय खेल प्राधिकरण (एसएआई) और राष्ट्रीय खेल महासंघों के साथ सहयोगपूर्ण रणनीति तैयार करने के महत्व पर जोर दिया गया।
देश की खेल उपलब्धियों, विशेष रूप से एशियाई खेलों और ओलंपिक जैसी प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धाओं में भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा योगदान दिए जाने की दीर्घ और विशिष्ट परंपरा मौजूद है। राष्ट्रीय गौरव, फिटनेस और अंतरराष्ट्रीय प्रतिष्ठा को बढ़ावा देने में खेलों द्वारा निभाई गई महत्वपूर्ण भूमिका को स्वीकार करते हुए सशस्त्र बलों ने खिलाडि़यों को प्रोत्साहन देने की दिशा में निरंतर योगदान दिया है। इसी दिशा में 2001 में भारतीय सेना के मिशन ओलंपिक प्रकोष्ठ की स्थापना की गई थी, जिसके तहत कुल 9000 खिलाड़ी 28 विभिन्न खेल नोड्स पर प्रशिक्षण ले रहे हैं। एसएआई के सहयोग से, छोटी उम्र (09 से 16 वर्ष) की प्रतिभाओं को प्रोत्साहन देने के लिए पूरे भारत में लड़कों की कुल 18 खेल कंपनियां और लड़कियों की दो खेल कंपनियां हैं। इसके अतिरिक्त, पैरालंपिक खेलों के लिए दिव्यांग सैनिकों को प्रेरित और प्रशिक्षित करने के लिए एक पैरालंपिक नोड की स्थापना की गई है। विशिष्ट, व्यापक प्रशिक्षण व्यवस्था और बुनियादी ढांचे की स्थापना के जरिए, भारतीय सेना ने ऐसे अनेक एथलीटों और खिलाड़ियों के करियर में सहायता प्रदान की है, जिन्होंने वैश्विक मंचों पर अपार सम्मान प्राप्त किया है।
इस कार्यक्रम में माननीय श्रम एवं रोजगार मंत्री तथा युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया , कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौर, एवीएसएम (सेवानिवृत्त), माननीय उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री तथा युवा कार्य मंत्री, राजस्थान सरकार की उपस्थिति रही। थल सेनाध्यक्ष जनरल उपेंद्र द्विवेदी भी इस कार्यक्रम में उपस्थित रहे।
अपने मुख्य भाषण में कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौर, एवीएसएम (सेवानिवृत्त) ने खेलों को बढ़ावा देने के लिए विशेषकर ‘खेलो इंडिया’ कार्यक्रम के माध्यम से सरकार की ओर से उठाए गए कदमों पर प्रकाश डाला। उन्होंने खेलों के लिए उत्कृष्टता केंद्रों की स्थापना का पक्ष लेते हुए 2036 तक भारत के लिए अधिकतम ओलंपिक पदक हासिल करने के विजन को रेखांकित किया। उन्होंने खेल संस्कृति को बढ़ावा देने में भारतीय सेना के योगदान को भी स्वीकार करते हुए इस बात का उल्लेख किया कि भारतीय सेना देश में शीर्ष पदक जीतने वाली संस्थाओं में से एक के रूप में उभरी है।
डॉ. मनसुख मांडविया ने अपने उद्घाटन भाषण में भारत के खेल संबंधी इकोसिस्टम में भारतीय सेना के अपरिहार्य योगदान की प्रशंसा की। उन्होंने देश भर में खेलों को बढ़ावा देने के लिए साझा मल्टी-एजेंसी की आवश्यकता पर बल दिया। डॉ. मांडविया ने ओलंपिक में सफलता के लिए एक व्यापक रोडमैप तैयार करने की चर्चा की, जिसमें जमीनी स्तर से लेकर शीर्ष स्तर तक की प्रतिभाओं के विकास के लिए अल्पकालिक पंचवर्षीय योजनाएं और दीर्घकालिक 25-वर्षीय रणनीतियां शामिल रहें।
इस कॉन्क्लेव में अंजू बॉबी जॉर्ज, मैरी कॉम और तरुणदीप राय जैसी प्रसिद्ध हस्तियाों सहित पूर्व एथलीटों और ओलंपियनों ने महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान की । इन सभी ने खेलों के शीर्षतम स्तर पर उत्कृष्टता प्राप्त करने के संबंध में अपने व्यक्तिगत अनुभव और दृष्टिकोण साझा किए। उनके अनुभवों के आधार पर कॉन्क्लेव में खेल शिक्षा, राष्ट्रीय स्तर पर संसाधनों को साझा करने और खेल संबंधी इकोसिस्टम में सर्वोत्तम प्रथाओं की आवश्यकता को रेखांकित किया गया। कॉन्क्लेव में जमीनी स्तर पर खेल विज्ञान के एकीकरण, सेवानिवृत्त एथलीटों की प्रतिभा का उपयोग करने और 2036 के ओलंपिक में प्रतिस्पर्धा करने के इच्छुक एथलीटों की शारीरिक और मानसिक दोनों तरह की तैयारी को एकीकृत करते हुए भारतीय खेलों के संबंध में एक बहुआयामी दृष्टिकोण पर विचार-विमर्श किया गया।
इस कॉन्क्लेव में भविष्य के ओलंपिक पर ध्यान केंद्रित करते हुए उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए तकनीकी मानकों को बढ़ाने की आवश्यकता पर बल देकर भारत की खेल क्षमता का उपयोग करने की रणनीतियों के बारे में गहन चर्चा की गई। युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय, भारतीय सेना, भारतीय खेल प्राधिकरण, भारतीय खेल महासंघ और अन्य प्रमुख हितधारकों के सहयोग से किए गए इस संयुक्त प्रयास ने बहुमूल्य जानकारी प्रदान की, जिससे ओलंपिक की तैयारी के लिए एक व्यापक रोडमैप तैयार करने का मार्ग प्रशस्त हुआ। इन सामूहिक चर्चाओं ने वैश्विक मंच पर भारत की सफलता सुनिश्चित करने के लिए कार्रवाई योग्य कदमों की नींव रखी।
Source: PIB
© Bharatiya Digital News. All Rights Reserved. Developed by TechnoDeva