Home >> National

Bharatiya digital news
30 June 2025   bharatiya digital news Admin Desk



अटल भूजल योजना (ATAL BHUJAL YOJANA) की 8वीं राष्ट्रीय स्तर की संचालन समिति की बैठक का नई दिल्ली में आयोजन

नई दिल्ली (INDIA): अटल भूजल योजना के कार्यान्वयन के लिए राष्ट्रीय स्तर की संचालन समिति (एनएलएससी) की आठवीं बैठक, आज जल शक्ति मंत्रालय के जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण विभाग (डीओडब्ल्यूआर, आरडी और जीआर) की सचिव सुश्री देबश्री मुखर्जी की अध्यक्षता में नई दिल्ली में आयोजित की गई। बैठक में राज्यों के वरिष्ठ अधिकारी, एनएलएससी के सदस्य, विभिन्न मंत्रालयों/विभागों के प्रतिनिधि, विश्व बैंक और एनपीएमयू के अधिकारी भी शामिल हुए।

जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण विभाग (डीओडब्ल्यूआर, आरडी और जीआर) की सचिव ने अपने भाषण में अटल भूजल योजना को एक अनूठी और अग्रणी पहल क़रार दिया, जिसके तहत स्थानीय समुदायों को सफलतापूर्वक शामिल किया गया और इससे भूजल प्रबंधन के बारे में जागरूकता भी बढ़ी है। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि जलवायु परिवर्तन और जल चक्र पर इसका प्रतिकूल प्रभाव पहले से ही जग जाहिर है, लिहाज़ा पूरे देश में अटल भूजल योजना को मुख्यधारा में लाना जरूरी हो गया है। उन्होंने समुदायों को सतत् भूजल प्रबंधन की चुनौती को सक्रिय रूप से स्वीकार करने के लिए उन्हें सशक्त बनाने पर जोर दिया।

जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा संरक्षण विभाग की सचिव ने बैठक में भाग लेने वाले राज्यों को योजना के तहत सफल पायलटों और कार्यान्वित की गई पहलों को आगे बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने भूजल संरक्षण और इसके सही उपयोग को सुनिश्चित करने में ज्यादा से ज्यादा सामुदायिक भागीदारी को बढ़ावा देने के लिए, सभी ग्राम पंचायतों में जल बजट को अनिवार्य बनाने की भी वकालत की। यह मानते हुए कि, योजना में शामिल हितधारकों ने ज़रुरी जानकारी हासिल कर ली है, उन्होंने अन्य योजनाओं में भी लाभ प्राप्त करने के लिए इस जानकारी को सही स्वरूप में आगे बढ़ाने के महत्व को रेखांकित किया। इसी तरह, योजना के तहत प्रशिक्षित कर्मियों द्वारा विकसित कौशल का ज्यादा से ज्यादा बेहतर नतीजों के लिए प्रभावी ढंग से उपयोग किया जाना चाहिए। अंत में, उन्होंने भाग लेने वाले राज्यों से, योजना के तहत स्थापित उपकरणों और बुनियादी ढांचे के संचालन और रखरखाव के लिए व्यापक योजनाएँ बनाने का आग्रह किया, ताकि दीर्घकालिक स्थिरता और प्रभाव सुनिश्चित हो सके।

अतिरिक्त सचिव (प्रशासन, आईसी एंड जीडब्ल्यू) और अटल भूजल योजना के राष्ट्रीय परियोजना समन्वयक श्री सुबोध यादव ने बताया कि योजना का छठा साल शुरू हो गया है। संभावित पैमाने पर सुधार के लिए मापने योग्य प्रभाव को प्रदर्शित करने की ज़रुरत पर बल देते हुए, हरियाणा के यमुनानगर जिले के सदौरा ब्लॉक के इस्माइलपुर ग्राम पंचायत से एक पायलट केस स्टडी पेश की गई। यह केस स्टडी उच्च आवृत्ति वाले जल स्तर डेटा विश्लेषण और नियोजन में इसके प्रयोग पर आधारित थी। योजना के तहत भाग लेने वाले राज्यों द्वारा अपनाई गई नई प्रथाओं/परियोजनाओं को भी इस दौरान प्रस्तुत किया गया। इसके अलावा, तीसरे पक्ष की सरकारी सत्यापन एजेंसी, क्वालिटी काउंसिल ऑफ इंडिया ने किए गए प्रभाव आकलन को भी साझा किया। इस आकलन में सामुदायिक जागरूकता में वृद्धि, महिलाओं की अधिक भागीदारी, समावेशिता, स्थानीय ज्ञान में वृद्धि, जल-कुशल प्रथाओं और फसल पैटर्न के प्रति व्यवहारिक बदलाव और व्यापक सामाजिक-आर्थिक लाभ जैसे योजना के सकारात्मक पहलुओं पर रोशनी डाली गई।

इसके बाद, विश्व बैंक की टीम ने विश्व बैंक समीक्षा मिशन के दौरान प्रदान की गई कार्यान्वयन में मदद पर एक प्रस्तुति दी, जिसमें योजना के सकारात्मक परिणामों के साथ-साथ सुधार किए जाने वाले पहलुओं पर भी प्रकाश डाला गया। भाग लेने वाले राज्यों को इसके प्रभाव को अधिकतम करने के लिए, उपलब्ध निधि का पूरा उपयोग करने के लिए भी प्रोत्साहित किया गया।

एनएलएससी बैठक के बाद भाग लेने वाले राज्यों ने प्रस्तुतियाँ दी, जिसमें उन्होंने योजना के स्थानीय प्रभावों को प्रदर्शित किया, तथा पारस्परिक अध्ययन और अनुकरण के लिए ज़रुरी जानकारी साझा की।

समिति ने योजना की समग्र प्रगति की समीक्षा की और राज्यों को सलाह दी कि वे योजना से मिले बेहतर नतीजों का इस्तेमाल करें और भूजल प्रबंधन से जुड़े प्रयासों को मजबूत करने के लिए राज्यों के अन्य भागों में भी इसे अपनाएँ।

Source: PIB



Advertisement
bharatiya digital news
Photo Gallery

Related Post

Advertisement

Advertisement

Trending News

Important Links

© Bharatiya Digital News. All Rights Reserved. Developed by TechnoDeva