संवाददाता सन्तोष उपाध्याय
लखनऊ: भारत सरकार गृह मंत्रालय से प्राप्त निर्देशों के क्रम में उत्तर प्रदेश स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ़ फॉरेंसिक साइंस, लखनऊ में शनिवार को “साइबर कमांडो” परीक्षा सकुशल संपन्न हुआ। परीक्षा में उत्तर प्रदेश पुलिस के विभिन्न शाखाओ एवं अर्धसैनिक बलों के कर्मियों ने प्रतिभाग किया।
उत्तर प्रदेश स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ़ फॉरेंसिक साइंस, लखनऊ के संस्थापक निदेशक डॉ. जी.के. गोस्वामी ने बताया कि देश के विभिन्न प्रांतो में आम जनता के साथ साइबर अपराधों की घटनाएं लगातार बढ़ने के दृष्टिगत उस पर व्यापक स्तर पर रोकथाम लगाए जाने के उद्देश्य से भारत सरकार गृह मंत्रालय द्वारा द्वारा पाँच हजार साइबर योद्धा तैयार किए जाने का निर्णय लिया गया है जिसके तहत आज यहाँ साइबर योद्धा परीक्षा कराया गया है।
डॉ. गोस्वामी ने बताया कि यह एक स्क्रीनिंग टेस्ट था। उत्तर प्रदेश साइबर अपराध मुख्यालय द्वारा इस परीक्षा हेतु पुलिस कर्मियों का नाम भारत सरकार गृह मंत्रालय से अनुमोदित कराया गया था। जिसके उपरांत साइबर अपराध मुख्यालय उ.प्र. की तरफ से यूपीएसआईएफएस को नामित पुलिस एवं अर्धसैनिक बलों के अराजपत्रित कर्मियों की सूची उपलब्ध कराई गई थी जिनका आज यूपीएसआईएफएस में परीक्षा संपन्न कराया गया।
यूपीएसआईएफएस के निदेशक डॉ. गोस्वामी ने बताया कि जिन प्रदेश पुलिस एवं अर्ध सैनिक बलों के अराजपत्रित कर्मियों ने कोर्स में पंजीकरण के समय लखनऊ को च्वाइस का सेंटर माँगा था आज उन्ही का टेस्ट यहाँ संपन्न कराया गया। इस परीक्षा में यहाँ 120 परीक्षार्थियों ने परीक्षा दिया। यह परीक्षा देश के विभिन्न प्रान्तों में विभिन्न सेंटरों पर भारत सरकार गृह मंत्रालय द्वारा आयोजित कराया गया था जिसमे उत्तर प्रदेश का परीक्षा केंद्र यूपीएसआईएफएस था। परीक्षा के पर्यवेक्षण अधिकारी के रूप में यहाँ अपर पुलिस अधीक्षक अतुल यादव, श्वेताभ पाण्डेय, कर्नल अरविन्द कुमार एवं वैज्ञानिक अधिकारी विवेक कुमार को बनाया गया था।
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