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26 January 2025   bharatiya digital news Admin Desk



CG: एडवांस्ड थ्री डी, फोर के, आई सी जी लैप्रोस्कोपिक कैंसर सर्जरी अब संजीवनी सी बी सी सी कैंसर अस्पताल रायपुर में

रायपुर: संजीवनी सी बी सी सी कैंसर अस्पताल ने कैंसर के इलाज में एक बड़ा कदम उठाते हुए अत्याधुनिक 3डी लैप्रोस्कोपिक मशीन और ICG (इंडोसाइनिन ग्रीन) तकनीक वाली कार्लस्टोर्ज़ मशीन की शुरुआत की है। यह आधुनिक लैप्रोस्कोपिक मशीन सर्जरी में सटीकता और बेहतर परिणाम सुनिश्चित करती है। 

डॉ. यूसुफ मेमन (सीनियर सर्जिकल ऑन्कोलॉजिस्ट और डायरेक्टर, संजीवनी सी बी सी सी कैंसर अस्पताल) ने बताया कि यह तकनीक ऑपरेशन के दौरान गहराई और स्पष्टता प्रदान करती है। इसकी मदद से सर्जन बहुत छोटे-छोटे ट्यूमर को भी साफ-साफ देख सकते हैं। ICG तकनीक से सेंटिनललिम्फनोड्स की सटीक मैपिंग की जा सकती है, जो कैंसर के फैलाव का पता लगाने में मदद करती है। इस तकनीक से नोड्स के कैंसरयुक्त होने का फ्रोजेनसेक्शन की मदद से पता लगाया जा सकता है। जरूरत पड़ने पर ही आगे की सर्जरी की जाती है, जिससे बड़े ऑपरेशन की आवश्यकता कम हो जाती है। 

सर्जिकल ऑन्कोलॉजी विभाग के प्रमुख डॉ. अर्पण चतुर्मोहता और सीनियरसर्जिकल ऑन्कोलॉजिस्ट डॉ. दिवाकर पांडे ने बताया कि यह तकनीक ऑपरेशन का समय काफी कम कर देती है। पहले जो ऑपरेशन 3-4 घंटे में होता था, अब उसे लगभग आधे समय में अधिक सटीकता और ध्यानपूर्वक किया जा सकता है। यह उन्नत लैप्रोस्कोपिक मशीन छोटे चीरे के साथ सर्जरी को संभव बनाती है, जिससे मरीज को जल्दी ठीक होने में मदद मिलती है और ऑपरेशन के बाद होने वाली असुविधा कम होती है। यह तकनीक विशेष रूप से गर्भाशय, मूत्र मार्ग, आंतों और लिम्फनोड्स से संबंधित जटिल सर्जरी में अत्यधिक लाभकारी है। 

डॉ. विवेक पटेल और डॉ. कल्याण पांडे (सीनियरसर्जिकल ऑन्कोलॉजिस्ट) ने बताया कि ICG तकनीक की मदद से , जोड़ने वाले टिशू की रक्त आपूर्ति का पता लगाया जा सकता है। जटिल सर्जरी के दौरान मूत्रनलिका (ureter) को सुरक्षित रूप से पहचाना जा सकता है, जिससे दुर्घटनावश नुकसान नहीं होता। यह नवाचार स्तन, गर्भाशय ग्रीवा और मुख के कैंसर जैसे विभिन्न प्रकार के कैंसर के लिए एक गेम-चेंजर है। सेंटिनलनोडबायोप्सी की मदद से स्तन संरक्षित किया जा सकता है, जिससे पूरी गांठ निकालने की आवश्यकता नहीं पड़ती। 3डी सिस्टमकैंसरयुक्तटिशू को सटीकता से हटाने की सुविधा देता है, जिससे स्वस्थ टिशू को नुकसान नहीं पहुंचता। गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल कैंसर के मामलों में, यह मशीन आंतों की रक्त आपूर्ति का विस्तृत मूल्यांकन करने में मदद करती है, जिससे ऑपरेशन के बाद सफल जुड़ाव सुनिश्चित होता है। इसी तरह, पेल्विक क्षेत्र की सर्जरी के दौरान मूत्रनलिकाओं को सुरक्षित रखा जा सकता है, जिससे जटिलताओं में कमी आती है। 

डॉ. मेमन ने बताया कि इस नई तकनीक के साथ, संजीवनी कैंसर अस्पताल ने उन्नत कैंसर देखभाल में अपनी अग्रणी स्थिति को और मजबूत किया है। अत्याधुनिक तकनीक को अपनाने की अस्पताल की प्रतिबद्धता रायपुर और आसपास के मरीजों को विश्वस्तरीय इलाज उपलब्ध कराने के दृष्टिकोण के अनुरूप है। इस उन्नत 3डी लैप्रोस्कोपिक मशीन की वजह से मरीज अब कम समय में सर्जरी, कम जटिलताएं और बेहतर जीवन गुणवत्ता का लाभ ले सकते हैं। यह अत्याधुनिक मशीन पहली बार अब रायपुर में उपलब्ध है।



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