नई दिल्ली: राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू कल विज्ञान भवन, नई दिल्ली में यूनानी दिवस पर दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करेंगी। इस अवसर पर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय तथा पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. जितेन्द्र सिंह और आयुष मंत्रालय तथा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) प्रतापराव जाधव भी उपस्थित रहेंगे।
11 फरवरी को प्रतिवर्ष यूनानी दिवस मनाया जाता है। इस दिन प्रख्यात यूनानी चिकित्सक, शिक्षक और स्वतंत्रता सेनानी हकीम अजमल खान की जयंती मनाई जाती है। आयुष मंत्रालय, भारत सरकार के अंतर्गत एक प्रमुख अनुसंधान परिषद, यूनानी चिकित्सा में अनुसंधान के लिए केंद्रीय परिषद (सीसीआरयूएम), 11-12 फरवरी, 2025 को विज्ञान भवन, नई दिल्ली में "एकीकृत स्वास्थ्य समाधान के लिए यूनानी चिकित्सा में नवाचार – आगे की राह" पर प्रतिष्ठित अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन की मेजबानी कर रही है।
यूनानी चिकित्सा पद्धति के विकास और आयुष प्रणालियों को मुख्यधारा की स्वास्थ्य सेवाओं में शामिल करने की दिशा में सरकार के लक्ष्य पर प्रकाश डालते हुए, आयुष मंत्रालय के केंद्रीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) प्रतापराव जाधव ने कहा, "वैश्विक स्वास्थ्य सेवा में यूनानी चिकित्सा के बढ़ते एकीकरण को देखकर मुझे गर्व हो रहा है। नवाचार और सहयोग को बढ़ावा देकर, हमारा लक्ष्य व्यापक स्वास्थ्य सेवा समाधान लाना है जो आधुनिक स्वास्थ्य चुनौतियों का समाधान करते हुए हमारी पारंपरिक प्रथाओं का सम्मान करते हैं। सरकार यूनानी चिकित्सा के विकास को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि यह सार्वजनिक कल्याण और वैश्विक समुदाय के संपूर्ण स्वास्थ्य में सार्थक योगदान दे।"
आयुष प्रणालियों में वैज्ञानिक अनुसंधान गतिविधि को बढ़ावा देने के लिए सरकार के लक्ष्य को रेखांकित करते हुए, आयुष मंत्रालय के सचिव वैद्य राजेश कोटेचा ने कहा कि "आयुष क्षेत्र में अनुसंधान केंद्रों की स्थापना, मुख्यधारा की स्वास्थ्य नीतियों में आयुष को शामिल करना और पारंपरिक प्रणालियों को व्यापक स्वास्थ्य ढांचे में एकीकृत करना हमारी सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने और बढ़ावा देने के लिए भारत की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। इस अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्देश्य यूनानी चिकित्सा में नवीनतम प्रगति और समग्र स्वास्थ्य प्रणालियों में उनकी उपयोगिता को उजागर करना है।"
अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन संवाद, सहयोग और ज्ञान के आदान-प्रदान के लिए एक गतिशील मंच प्रदान करता है, जिसका उद्देश्य वैश्विक स्वास्थ्य और कल्याण को बढ़ावा देने में यूनानी चिकित्सा की महत्वपूर्ण भूमिका को उजागर करना है। सम्मेलन के मुख्य उद्देश्यों में शामिल हैं- नवाचार को बढ़ावा देना: एकीकृत स्वास्थ्य सेवा समाधानों के लिए यूनानी चिकित्सा में नए क्षेत्रों की खोज करना; वैश्विक सहयोग: पारंपरिक और एकीकृत चिकित्सा में राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय विशेषज्ञों के बीच ज्ञान-साझा करना; उपलब्धियों का प्रदर्शन: सीसीआरयूएम द्वारा यूनानी चिकित्सा में नवीनतम शोध और प्रगति को उजागर करना।
कार्यक्रम के मुख्य आकर्षण में शामिल हैं - वैज्ञानिक सत्र: यूनानी चिकित्सा को आधुनिक स्वास्थ्य सेवा में एकीकृत करने पर विशेषज्ञों के नेतृत्व में मुख्य भाषण और चर्चा; प्रदर्शनी: यूनानी और हर्बल फार्मास्यूटिकल्स, शैक्षिक संस्थानों, अनुसंधान संगठनों और सेवा प्रदाताओं में नवाचारों का जीवंत प्रदर्शन; वैश्विक भागीदारी: संयुक्त राज्य अमेरिका, दक्षिण अफ्रीका, ईरान, मलेशिया, संयुक्त अरब अमीरात, ताजिकिस्तान, उज्बेकिस्तान, श्रीलंका और बांग्लादेश सहित देशों के प्रतिनिधि व्यावहारिक विचार-विमर्श में योगदान देंगे।
इस अवसर पर सीसीआरयूएम द्वारा कई प्रकाशनों का विमोचन किया जाएगा, जिसमें अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन की स्मारिका भी शामिल है। सीसीआरयूएम संस्थानों को एनएबीएल और एनएबीएच प्रमाण-पत्र भी प्रदान किए जाएंगे। परिषद की अद्यतन पहलों को प्रदर्शित करने वाला एक लघु वीडियो का शुभारंभ किया जाएगा। सर्वश्रेष्ठ शोध पत्रों, यूनानी चिकित्सा में उत्कृष्ट योगदान और सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले संस्थानों को प्रशंसा प्रमाण-पत्र प्रदान किए जाएंगे।
Source: PIB
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