रायपुर,CG (INDIA): कोलंबिया इंस्टीट्यूट ऑफ फार्मेसी ने "नियामक एजेंसियां और वैश्विक दवा सुरक्षा में उनकी भूमिका: विकसित भारत 2047 के लिए विजन" विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया। कार्यशाला को प्रोफेसर नीतेश के जैन, प्रोफेसर और प्रमुख, फार्माकोलॉजी और टॉक्सिकोलॉजी विभाग, मॉडर्न इंस्टीट्यूट ऑफ फार्मास्युटिकल साइंसेज, इंदौर और सेंट्रो एस्कोलर यूनिवर्सिटी, मनीला फिलीपींस में विजिटिंग प्रोफेसर ने संबोधित किया।
सत्रों में वैश्विक स्तर पर फार्मास्युटिकल उत्पादों की सुरक्षा, प्रभावकारिता और गुणवत्ता सुनिश्चित करने में केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ), यूएस एफडीए, यूरोपीय मेडिसिन एजेंसी (ईएमए) और विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) जैसी नियामक एजेंसियों की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया गया। मुख्य चर्चायें विनियामक मानकों को सुसंगत बनाने, फार्माकोविजिलेंस के लिए डिजिटल प्रौद्योगिकियों का लाभ उठाने और नकली दवाओं, रोगाणुरोधी प्रतिरोध और सार्वजनिक स्वास्थ्य आपात स्थितियों में तेजी से वैक्सीन अनुमोदन जैसी उभरती चुनौतियों का समाधान करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को मजबूत करने के इर्द-गिर्द घूमती रहीं।
कार्यशाला के अंत में प्रोफेसर नीतेश के. जैन को प्रोफेसर शिव शंकर शुक्ला द्वारा पारंपरिक मोमेंटो देकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम का आयोजन कोलंबिया इंस्टीट्यूट ऑफ फार्मेसी के प्रिंसिपल और प्रोफेसर प्रोफेसर रवींद्र कुमार पांडे द्वारा किया गया था और श्री गुंजन कल्याणी द्वारा समन्वयित किया गया था। कार्यशाला के दौरान फार्मेसी संकाय के अंतर्गत दोनों संस्थानों के सभी संकाय सदस्यों के साथ-साथ छात्र भी मौजूद रहे।
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