Home >> State >> Uttar Pradesh

23 April 2025   Admin Desk



छात्र जीवन से ही बच्चों में जागृत हो प्रकृति के प्रति समझ, संवेदना और संरक्षण की भावना: डॉ. राजेश्वर सिंह

संवाददाता- सन्तोष उपाध्याय

लखनऊ,UP(INDIA): विश्व पृथ्वी दिवस के अवसर पर सरोजनीनगर विधायक डॉ. राजेश्वर सिंह ने एक बार फिर पर्यावरणीय मुद्दों पर गंभीर चिंतन, आंकड़ों पर आधारित चेतावनी और आशा की दिशा में ठोस प्रयासों का त्रिवेणी संगम प्रस्तुत किया है। डॉ. सिंह ने मंगलवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक विस्तृत पोस्ट के माध्यम से न केवल वैश्विक जलवायु संकट के प्रति चिंता व्यक्त की, बल्कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को एक पत्र भेजकर पर्यावरण शिक्षा को उत्तर प्रदेश के माध्यमिक शिक्षा स्तर पर अनिवार्य विषय बनाने का आग्रह भी किया।

डॉ. राजेश्वर सिंह ने मुख्यमंत्री को भेजे पत्र में पाँच प्रमुख पर्यावरणीय चुनौतियों का उल्लेख करते हुए माध्यमिक शिक्षा स्तर पर पाठ्यक्रम में पर्यावरणीय शिक्षा को अनिवार्य बनाने का आग्रह करते हुए लिखा कि “यदि बच्चों में प्रारंभ से ही प्रकृति के प्रति संवेदना और समझ विकसित की जाए, तो वे एक समृद्ध और सतत भारत के सशक्त रचयिता बनेंगे।” जलवायु परिवर्तन – तापमान वृद्धि और आपदाओं में बढ़ोतरी। जैव विविधता की हानि – 22% प्रजातियाँ विलुप्ति के कगार पर। समुद्री जीवन और मानव स्वास्थ्य को संकट। जल संकट – 4% जल संसाधनों में 18% आबादी की निर्भरता। वनों की कटाई – पारिस्थितिक असंतुलन और आपदा जोखिम में वृद्धि।

सरोजनी नगर विधायक ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर अपने सन्देश का आरंभ अथर्ववेद के मंत्र से करते हुए लिखा, "माता भूमिः पुत्रो अहं पृथिव्याः" यह मंत्र उनकी सोच का केंद्र बिंदु है, जहाँ पर्यावरण कोई नीति नहीं, एक संस्कार है। डॉ. सिंह ने आंकड़ों के माध्यम से चेताया कि वर्ष 2024 अब तक का सबसे गर्म वर्ष घोषित किया गया है। औसत वैश्विक तापमान: 15.1°C, जो पूर्व-औद्योगिक स्तर से 1.6°C अधिक है। भारत में 2019 में 23 लाख समयपूर्व मौतों का कारण केवल वायु और जल प्रदूषण रहा। भारत की 100% आबादी PM2.5 प्रदूषण स्तर से अधिक क्षेत्रों में रह रही है। उनके द्वारा प्रस्तुत ये आंकड़े ध्यान खीचते हैं, "अब संकट की ओर नहीं बढ़ रहे, हम संकट में जी रहे हैं। सरोजनीनगर में धरातलीय क्रियान्वयन भी उतना ही प्रेरणादायक है: 28,000 ईको-फ्रेंडली बैग्स तारा शक्ति केंद्रों की महिलाओं ने बनाए और बच्चों में वितरित कर प्लास्टिक मुक्त भारत के संकल्प को मूर्त रूप दिया। पिछले वर्ष 200 रुद्राक्ष के पौधों का धार्मिक, औषधीय एवं वैज्ञानिक महत्व के साथ रोपण हुआ। इस वर्ष 1 अगस्त से 2,000 फलदार वृक्षों आम, जामुन, महुआ, इमली, कटहल का रोपण प्रस्तावित। हर पौधे की सिंचाई, देखभाल और सुरक्षा को ‘वृक्ष रक्षा यज्ञ’ के रूप में लिया गया है। पर्यावरण संरक्षण की भावना को राज्यव्यापी आंदोलन में बदलते हुए विधायक डॉ. राजेश्वर सिंह के प्रयासों से ‘एनवायरर्मेंट वारियर्स अभियान शुरू किया गया। इस अभियान के 3 चरणों में अब तक तराई के प्रमुख वनक्षेत्रों पलिया कलां खीरी, कतर्नियाघाट बहराइच, और मुस्तफाबाद पीलीभीत में अब तक 90 वन रक्षकों को साइकिल, 15 वनकर्मियों को सम्मान, 35 स्कूलों के 500 से अधिक छात्रों को क्विज़ और वाद-विवाद प्रतियोगिताओं के माध्यम से पर्यावरण योद्धा बनने को प्रेरित किया गया।

डॉ. सिंह का यह आग्रह केवल एक विधायक का निवेदन नहीं, बल्कि एक विजनरी नागरिक का सतत विकास की दिशा में संकल्पित हस्तक्षेप है। आज जब जलवायु परिवर्तन आंकड़ों से आगे बढ़कर हमारे जीवन को प्रत्यक्ष प्रभावित कर रहा है, तब सरोजनीनगर एक ‘स्थानीय समाधान के वैश्विक उदाहरण’ के रूप में उभर रहा है। डॉ. राजेश्वर सिंह की सोच में तथ्य, तात्कालिकता और भावनात्मक जुड़ाव का दुर्लभ संतुलन है।



Photo Gallery

Related Post

Advertisement

Trending News

Important Links

© Bharatiya Digital News. All Rights Reserved. Developed by TechnoDeva