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29 April 2025   Admin Desk



'एनवायरमेंट वॉरियर्स' 4.0 अभियान: कट्टैया किशनपुर, खीरी में आयोजित हुए इंटर-स्कूल क्विज

* पेंटिंग प्रतियोगिता और वन कर्मियों के सम्मान और पर्यावरण जन जागरूकता कार्यक्रम

संवाददाता- सन्तोष उपाध्याय

खीरी, UP (INDIA): प्रकृति संरक्षण के प्रति अपनी गहरी प्रतिबद्धता व्यक्त करते हुए सरोजनी नगर विधायक डॉ. राजेश्वर सिंह ने सोमवार को कट्टैया किशनपुर स्थित रेंजर्स कार्यालय प्रांगण में आयोजित पर्यावरणीय जागरूकता कार्यक्रम के चौथे चरण (4.0) में सहभागिता की। कार्यक्रम के दौरान 17 स्थानीय विद्यालयों के लगभग 250 विद्यार्थियों के बीच इंटर-स्कूल क्विज तथा पेंटिंग प्रतियोगिता का आयोजन किया गया, जिससे बच्चों में प्रकृति के प्रति संवेदनशीलता और जिम्मेदारी विकसित हो सके। इस दौरान थारु समाज की महिलाओं ने पारम्परिक शिल्प कृतियों का प्रदर्शन भी किया। इंटर स्कूल क्विज  प्रतियोगिता में प्रथम स्थान पाने वाले गुरुकुल अकैडमी के मनजोत कौर & ग्रुप को ₹20 हजार, द्वितीय स्थान पाने वाले विवेकानंद अकैडमी के शौर्य प्रताप & ग्रुप को ₹15 हजार, तथा तृतीय स्थान पाने वाले विवेकानंद अकैडमी के समूह निहारिका & ग्रुप को ₹10 हजार की प्रोत्साहन राशि प्रदान कर सम्मानित किया गया। साथ ही पेंटिंग प्रतियोगिता की विजेता विवेकानंद अकैडमी की प्रशू कुमारी को ₹2.5 हजार, उपविजेता लिवलीन कौर को ₹2 हजार और तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले SVPS विद्यालय के देव कश्यप को ₹1.5 हजार की राशि प्रदान कर सम्मानित किया गया। इसके अतिरिक्त, दुधवा टाइगर रिजर्व प्रभाग के 30 वाचरों को साइकिल वितरित कर उनकी सेवा भावना को प्रोत्साहित किया गया तथा उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले 5 वनकर्मियों गौरव यादव, अमित गंगवार, नंदराम, अरविन्द चौरसिया, भानु यादव को सम्मानित किया गया।

प्रति घंटे तीन प्रजातियाँ हमेशा के लिए हो रहीं विलुप्त 

कार्यक्रम की शुरुआत डॉ. सिंह ने पहलगाम हादसे में दिवंगत पर्यटकों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए की। उन्होंने धरती को अधिक सुंदर और बेहतर बनाने के लिए सभी से मिलकर प्रयास करने का आह्वान किया। कार्यक्रम के दौरान अपने संबोधन में डॉ. राजेश्वर सिंह ने वैश्विक पर्यावरण संकट की गंभीरता को रेखांकित करते हुए कहा: आज जब हम आर्थिक समृद्धि के नए प्रतिमान गढ़ रहे हैं, तब हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि पृथ्वी पर जीवन की विविधता ही हमारे अस्तित्व का मूल है।" उन्होंने बताया कि: संयुक्त राष्ट्र (UN) के अनुसार, 1 मिलियन (10 लाख) से अधिक प्रजातियाँ निकट भविष्य में विलुप्त हो सकती हैं। IUCN Red List के अनुसार, वर्तमान में 42,100 से अधिक प्रजातियाँ विलुप्ति के खतरे में हैं। 1970 से अब तक 60% से अधिक वन्यजीव आबादी समाप्त हो चुकी है। प्रति घंटे तीन प्रजातियाँ हमेशा के लिए विलुप्त हो रही हैं। 99% संकटग्रस्त प्रजातियाँ मानवीय गतिविधियों जैसे वनों की कटाई, जलवायु परिवर्तन और अवैध व्यापार के कारण संकट में हैं। अनुमान है कि 2050 तक समुद्र में मछलियों से अधिक प्लास्टिक कचरा होगा। विधायक ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि विश्व में वायु प्रदूषण के कारण हर वर्ष 70 लाख लोगों की मृत्यु होती है, जिनमें से 25 लाख मौतें भारत में होती हैं।

उत्तर प्रदेश में सकारात्मक प्रयासों की सराहना

डॉ. राजेश्वर सिंह ने प्रसन्नता व्यक्त की कि उत्तर प्रदेश का वन क्षेत्र बढ़कर लगभग 10% तक पहुँच गया है। उन्होंने कहा कि दुधवा क्षेत्र में बाघों की संख्या लगभग दोगुनी हो चुकी है और गेंडों की संख्या में भी वृद्धि दर्ज की गई है, जो संरक्षण प्रयासों की सफलता का प्रतीक है। उन्होंने Field Director राजा मोहन को बाघ संरक्षण में उत्कृष्ट कार्य के लिए विशेष बधाई दी और जिलाधिकारी दुर्गाशक्ति नागपाल द्वारा जल संरक्षण के क्षेत्र में किए गए उल्लेखनीय प्रयासों की भी सराहना की, जिनके लिए उन्हें भारत के राष्ट्रपति द्वारा सम्मानित किया गया है। अंबालिका ग्रुप ऑफ़ इंस्टिट्यूट के चेयरमैन अम्बिका मिश्रा द्वारा वाइल्डलाइफ कंजरवेशन के क्षेत्र में किए जा रहे सतत कार्यों की भी डॉ. सिंह ने मुक्त कंठ से प्रशंसा की।

स्थानीय विकास और भविष्य की पहल

डॉ. सिंह ने घोषणा की कि: 10 गांवों में सिलाई केंद्रों की स्थापना कराई जाएगी, जिससे ग्रामीण महिलाओं को आजीविका का साधन मिलेगा। CSR फंड के माध्यम से उन सेंचुरी क्षेत्रों में वाटर पंप्स लगाए जाएंगे, जहाँ इसकी आवश्यकता है। स्कूलों में डिजिटल लाइब्रेरी स्थापित कराई जाएगी ताकि भविष्य की बदलती नौकरियों की आवश्यकताओं के अनुरूप बच्चों को तकनीकी शिक्षा से लैस किया जा सके, क्योंकि अनुमान है कि 2030 तक वर्तमान 70% नौकरियाँ अस्तित्व में नहीं रहेंगी। डॉ. सिंह ने यह भी बताया कि उन्होंने विधानसभा में अस्थाई वन्य कर्मियों को स्थायी करने का प्रस्ताव रखा है तथा मुख्यमंत्री से अनुरोध किया है कि उत्तर प्रदेश बोर्ड के पाठ्यक्रम में पर्यावरणीय शिक्षा को अनिवार्य विषय के रूप में शामिल किया जाए। इससे प्रदेश के 25 लाख छात्रों को पर्यावरणीय चुनौतियों के प्रति जागरूक बनाया जा सकेगा।

जिलाधिकारी एवं फील्ड डायरेक्टर का संबोधन 

जिलाधिकारी दुर्गाशक्ति नागपाल ने उपस्थित छात्र - छात्राओं को सम्बोधित करते हुए कहा विधायक डॉ. राजेश्वर सिंह ने पर्यावरण संरक्षण के लिए अपना, समय और सामर्थ्य अर्पित किया और इस महत्वपूर्ण कार्य को अपने कंधो पर उठाया है। युवाओं से अपने मात - पिता को पर्यावरण संरक्षण के लिए प्रेरित करने का आह्वान किया। एन्वॉयरन्मेंट  एच. राजा मोहन का सम्बोधन - फील्ड डायरेक्टर एच. राजा मोहन ने कहा कि ग्लोबल वार्मिंग आदि कारणों से ग्लेशियर पिघल रहे, वनों में आग लगने की घटनाएं बढ़ रही हैं, ऐसे में वनों का संरक्षण सर्वाधिक महत्वपूर्ण है। तराई क्षेत्र के छात्र - छात्राओं को प्रोत्साहित फील्ड डायरेक्टर ने कहा की आप का सौभाग्य है कि आप तराई क्षेत्र में रह रहे और आपको वन संरक्षण का मौका मिला है।

अभियान की अब तक की यात्रा:

एनवायरमेंट वारियर्स अभियान की शुरुआत 12 जनवरी 2025 को श्री गुरु गोबिंद सिंह राजकीय महाविद्यालय, पलियाकलां (खीरी) से हुई थी, जहाँ विधायक डॉ. राजेश्वर सिंह और वित्त मंत्री श्री सुरेश कुमार खन्ना की उपस्थिति में डिजिटल लाइब्रेरी का लोकार्पण, 5 मेधावी छात्रों को टैबलेट वितरण, 30 वॉचरों को साइकिल वितरण और 5 वनकर्मियों के सम्मान के साथ 'प्राइड ऑफ तराई' सम्मान भी प्रदान किया गया था। इसके बाद 16 फरवरी 2025 को मोतीपुर गेस्ट हाउस, बहराइच में आयोजित दूसरे संस्करण में 12 विद्यालयों के 81 छात्रों के बीच इंटर-स्कूल क्विज प्रतियोगिता का आयोजन किया गया तथा 30 वॉचरों को साइकिल और 5 वनकर्मियों को सम्मानित किया गया। तीसरा संस्करण 28 मार्च 2025 को मुस्तफाबाद फॉरेस्ट रेस्ट हाउस, पीलीभीत में हुआ, जिसमें वन एवं पर्यावरण मंत्री डॉ. अरुण कुमार सक्सेना और डॉ. राजेश्वर सिंह की उपस्थिति में 10 विद्यालयों के छात्रों के मध्य डिबेट और क्विज का आयोजन, 'प्राइड ऑफ तराई' और 'प्राइड ऑफ पीलीभीत' सम्मान, 1000 पौधों का रोपण, 2 सोलर वाटर होल का लोकार्पण, 30 वॉचरों को साइकिल वितरण, 5 वनकर्मियों का सम्मान, 10 महिला स्वयं सहायता समूहों को 'तारा शक्ति केंद्र' (सिलाई केंद्र) प्रदान करना, प्राथमिक विद्यालय चोखापुरी में स्मार्ट क्लास का उद्घाटन तथा रण बहादुर सिंह डिजिटल शिक्षा एवं सशक्तिकरण केंद्र की स्थापना जैसी कई महत्वपूर्ण गतिविधियाँ सम्पन्न हुईं। इस अवसर पर कार्यक्रम की गरिमा को बढ़ाने हेतु जिलाधिकारी खीरी दुर्गा शक्ति नागपाल, अम्बालिका ग्रुप ऑफ़ इंस्टिट्यूट, लखनऊ के अध्यक्ष अम्बिका मिश्रा, फील्ड डायरेक्टर एच. राजा मोहन, डीएफओ सुरेश सहाय, डायरेक्टर 'वन बीट' दुधवा अमित पाल सिंह, पूर्व वरिष्ठ अधिकारी शरद चौधरी  सहित अनेक गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति रही। सभी अतिथियों ने कार्यक्रम के उद्देश्यों की सराहना करते हुए बच्चों में जागरूकता की इस पहल को एक महत्वपूर्ण कदम बताया।



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