लखनऊ/संवाददाता - संतोष उपाध्याय। लखनऊ। राजधानी लखनऊ के कलेक्ट्रेट सभागार में गुरुवार को जिलाधिकारी सूर्य पाल गंगवार की द्वारा जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक आहूत की गई। बैठक में जिलाधिकारी ने मातृ स्वास्थ्य, नवजात एवं बाल स्वास्थ्य, आयुष्मान भारत योजना, सहित अन्य स्वास्थ्य कार्यक्रमों की गहन समीक्षा की। जिलाधिकारी ने उन स्वास्थ्य अधिकारियों के वेतन बाधित करने के आदेश दिए जिन स्वास्थ्य केंद्रों पर कुल प्रसव के सापेक्ष लक्षित 5 सिजेरियन नहीं हो रहे हैं। जिलाधिकारी द्वारा कड़े निर्देश दिए गए कि लक्ष्य के सापेक्ष पाँच से कम सिजेरियन करने वालो का वेतन तब तक बाधित रहेगा जब तक वह लक्ष्य को प्राप्त नहीं कर लेते। जिलाधकारी ने निर्देश दिए कि पहली बार गर्भवती होने वाली सभी पात्र महिलाओं का प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (पीएमएमवीवाई) के तहत पंजीकरण किया जाए। इसके साथ ही निजी अस्पतालों के साथ बैठक कर उन्हें भी इस योजना के बारे में अवगत कराया जाए ताकि पहली बार गर्भवती होने वाली पात्र महिलाओं का इस योजना में पंजीकरण कर उन्हें योजना का लाभ दिलाया जा सके। हर माह की नौ और 24 तारीख को आयोजित होने वाले प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान (पीएमएसएमए) दिवस के तहत अधिक से अधिक उच्च जोखिम वाली गर्भवती की पहचान कर उनका इलाज सुनिश्चित किया जाए। स्वास्थ्य केंद्रों पर चिन्हित उच्च जोखिम वाली गर्भवती की सभी जाँचे और अल्ट्रा साउंड अनिवार्य रूप से किया जाना सुनिश्चित किया जाए तथा आरसीएच पोर्टल पर समय से डाटा फ़ीड किया जाए। उक्त के बाद जिलाधिकारी द्वारा आशाओं के भुगतान की समीक्षा की गई। ग्रामीण क्षेत्रों में शत प्रतिशत भुगतान सुनिश्चित करा दिया गया है और नगरीय क्षेत्रों में कुछ भुगतान लंबित है। जिसके संबंध में जिलाधिकारी द्वारा निर्देश दिए गए की जननी सुरक्षा योजना के तहत आशा कार्यकर्ता सहित लाभार्थियों का भुगतान समय से किया जाना सुनिश्चित कराया जाए। जिलाधिकारी ने संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने और इसकी जानकारी आम जन तक पहुंचाने के निर्देश दिए। जिलाधिकारी ने सभी योजनाओं का व्यापक प्रचार - प्रसार किये जाने पर जोर दिया। इसके साथ ही जिलाधिकारी ने राष्ट्रीय अंधता निवारण कार्यक्रम,राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम, राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम, राष्ट्रीय वेक्टर जनित नियंत्रण कार्यक्रम, राष्ट्रीय क्षय उन्मूलनकार्यक्रम, राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम की भी समीक्षा की। उक्त के बाद जिलाधिकारी द्वारा जनपद में लगाए गए स्मार्ट एटीएम की समीक्षा की। जिलाधिकारी द्वारा नोडल/ एसीएमओ डा. अनूप श्रीवास्तव से जानकारी मांगी कि हेल्थ एटीएम अभी तक पूरी तरह से कार्यशील क्यों नही हुए। जिसके संबंध में नोडल द्वारा कोई जानकारी उपलब्ध नहीं कराई जा सकी। जिसके लिए जिलाधिकारी द्वारा नोडल अधिकारी का वेतन बाधित करने के निर्देश दिए। साथ ही कहा कि जब तक सभी हेल्थ एटीएम का संचालन नही हो जाता तब तक वेतन बाधित रहेगा। टीकाकरण में खराब प्रगति के कारण जिलाधिकारी द्वारा एमओआईसी मोहनलालगंज से जवाब मांगा गया। जिसके संबंध में एमओआईसी द्वारा बताया गया कि गाड़ियों की कमी होने के कारण टीकाकरण का कार्य बाधित हुआ है, जिसके संबंध में अपर मुख्य चिकित्साधिकारी आरसीएच डा आर बी सिंह को अवगत करा दिया गया था। उक्त के संबंध में जिलाधिकारी द्वारा कड़ी नाराजगी दर्ज करते हुए अपर मुख्य चिकित्साधिकारी आरसीएच डा आर बी सिंह से स्पष्टीकरण जारी करने के निर्देश दिए गए। जिलाधिकारी द्वारा कड़े निर्देश दिए गए की जिन भी स्वास्थ्य केंद्रों पर मानक से टीकाकरण के सेशन है उनके एमओआईसी द्वारा भी स्पष्टीकरण जारी किया जाए। समीक्षा में पाया गया की नियमित टीकाकरण (आरआई) में ड्यू लिस्ट केवल 72 फीसद ही पूर्ण है, जिसके लिए जिलाधिकारी द्वारा सभी एमओआईसी को स्पष्टीकरण जारी करते हुए निर्देश दिए कि इस माह के अंत तक प्रगति यदि 80 प्रतिशत नही होती है तो वेतन बाधित करने की कार्यवाही की जाएगी। बैठक में जिलाधिकारी द्वारा कड़े निर्देश दिए गए कि जो भी अधिकारी/कर्मचारी काम नहीं करेगा/ कार्यों में शिथिलता करेगा उसका वेतन बाधित किया जाएगा। जब तक वह अधिकारी/कर्मचारी अपने निर्धारित लक्ष्य को प्राप्त नहीं कर लेगा तब तक उसका वेतन जारी नही किया जाएगा। यदि इसके बाद भी प्रगति नहीं होती है तो संबंधित के विरुद्ध कड़ी कार्यवाही की जाएगी। मुख्य विकास अधिकारी रिया केजरीवाल ने कहा कि उनका लक्ष्य है कि मोहनलालगंज, टुड़ियागंज, गोसाईंगंज और इटौंजा सीएचसी एन्वाियस का प्रमाणपत्र हसिल करें इसके लिए यह सीएचसी अगले चार माह में अपने यहाँ की स्वास्थ्य सेवाओं और सुविधाओं को सुदृढ़ करें। इसी क्रम में अन्य सीएचसी भी अपने यहाँ की स्वास्थ्य सेवाओं और सुविधाओं को सुदृढ़ करें। बैठक में अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. आर.वी.सिंह, डा.बिमल बैसवार, जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डा. एम.के. सिंह, उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. सोमनाथ सिंह, डा. ए.पी.सिंह, डा. के. डी.मिश्रा, जिला स्वास्थ्य शिक्षा एवं सूचना अधिकारी योगेश रघुवंशी, जिला कार्यक्रम प्रबंधक सतीश यादव, सभी जिला अस्पतालों के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक, शहरी एवं ग्रामीण सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों के चिकित्सा अधीक्षक, जिला समुदाय प्रक्रिया प्रबंधक विष्णु प्रताप, सुधीर वर्मा विश्व स्वास्थ्य संगठन, यूनिसेफ़ और स्वयंसेवी संस्था पाथ के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।
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