रायपुर: कोलंबिया कॉलेज और कोलंबिया कॉलेज ऑफ साइंस एंड कॉमर्स, रायपुर द्वारा "प्रभावी भाषण कला और पैट्रिऑटिस्म" पर एक महत्वपूर्ण सेमीनार आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रुप में मुकेश शाह के मार्गदर्शन में, छात्रों ने न केवल भाषण कला के अनेक उपयोगी पहलूओं को जाना, बल्कि देशभक्ति की भावना को भी समझा। श्री शाह ने बताया कि एक वक्ता हमेशा देने के लिए होता है। उसे श्रोताओं से प्रशंसा पाने की उम्मीद से नहीं बल्कि अपनी बातों को प्रभावी तरीके से रखने का प्रयास करना चाहिए। वक्ता को बहुत बड़ी बड़ी बातें करने से बचना चाहिए क्योंकि बड़ी बातें तात्कालिक तौर पर प्रशंसा तो दिला सकती हैं किन्तु सामान्य और सहज बातें दिल में उतर जाती है। बहुत ही सरलता और सौम्यता से कही गई बातें श्रोताओं को ज्यादा प्रभावित करती हैं।
प्रशिक्षण में "पांच डब्ल्यू और एक एच" के सिद्धांत को प्रभावी भाषण का प्रमुख हिस्सा बताया गया जिसमें छात्रों ने सीखा कि किस प्रकार से वे अपने भाषण की तैयारी करें। इसके अलावा, माइंडसेट, बॉडी लैंग्वेज, मंच पर चेहरे के हाव-भाव, शब्दों का चयन, आवाज के उतार-चढ़ाव और पहनावे पर भी जोर दिया गया। श्री शाह ने इस बात पर भी जोर दिया कि एक प्रभावी वक्ता बनने के लिए एक अच्छा श्रोता होना बहुत आवश्यक है। साथ ही घर में पूर्व में दो तीन बोलकर अभ्यास करने से भी आत्मविश्वास बढ़ता है। आत्मविश्वास को प्रभावी भाषण की सबसे प्रमुख कुंजी बताते हुए उन्होंने बताया कि सारी तैयारी करने के बाद भी आपके आत्मविश्वास में कमी से आपका भाषण श्रोताओं पर ज्यादा प्रभाव नहीं छोड़ पाता है।
कार्यक्रम में प्राचार्य डॉ. अरुण कुमार दुबे, डॉ. आभा दुबे और श्री आनंद श्रीवास्तव सहित सभी अकादमी के सदस्यों की उपस्थिति ने इसे और भी गरिमामय बनाया। छात्र-छात्राओं की भागीदारी से यह स्पष्ट हुआ कि उन्हें इस प्रकार के प्रशिक्षण से बहुत लाभ हुआ है। कार्यक्रम का समापन कॉलेज द्वारा वक्ता मुकेश शाह को स्मृति चिन्ह भेंट करके किया गया, जो उनके प्रयासों की सराहना का प्रतीक था।
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