रायपुर: एम एम आई नारायणा हॉस्पिटल रायपुर में प्रजनन योग्य आयु की महिला मरीज अत्यधिक मासिक रक्तस्राव और एनीमिया (खून की कमी) की समस्या लेकर इलाज के लिए आईं। प्री-ऑपरेटिव जांच के दौरान यह पाया गया कि उन्हें फाइब्रॉइड्स (गठान) की समस्या थी, जो आमतौर पर गैर-कैंसरजन होते हैं और गर्भाशय में विभिन्न आकारों में होते हैं। इसके लक्षण महिलाओं में भारी मासिक धर्म, पेट में दर्द और कभी-कभी बांझपन का कारण बन सकती है।
डॉ. मनीषा शर्मा, कंसल्टेंट गायनेकोलॉजिस्ट, एम एम आई नारायणा हॉस्पिटल रायपुर ने बताया कि यह मामला काफी जटिल था और ऑपरेशन से पहले विशेष सावधानी की आवश्यकता थी, क्योंकि सर्जरी के दौरान अत्यधिक रक्तस्राव का खतरा था।
सर्जरी के दौरान यह पता चला कि महिला के गर्भाशय में कुल 17 फाइब्रॉइड्स, जो विभिन्न आकारों में थे। इन फाइब्रॉइड्स को हटाया गया और गर्भाशय को संरक्षित रखते हुए महिला की प्रजनन क्षमता को बनाए रखा गया। यह सर्जरी 'फर्टिलिटी प्रिजर्विंग सर्जरी' कहलाती है, जिसका उद्देश्य महिला के भविष्य में गर्भधारण की क्षमता को सुरक्षित रखना है।
डॉ. मनीषा शर्मा ने बताया कि इस सर्जरी की सफलता में एनेस्थीसिया विशेषज्ञ डॉ. राकेश चंद और उनकी टीम की अहम भूमिका रही। ऑपरेशन के बाद की देखभाल में क्रिटिकल केयर स्पेशलिस्ट डॉ. प्रदीप शर्मा और उनकी टीम ने पूरी तरह से सावधानी बरती, जिससे सर्जरी पूरी तरह सफल रही।
हॉस्पिटल के फ़ेसीलिटी डायरेक्टर अजित बेलामकोंडा ने कहा कि यह सर्जरी हमारे अस्पताल की चिकित्सा विशेषज्ञता और मरीजों के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाती है। एम एम आई नारायणा हॉस्पिटल निरंतर उन्नत चिकित्सा सुविधाओं के साथ मरीजों की देखभाल में सर्वोत्तम मानक स्थापित करने की कोशिश करता है
महिला ने अस्पताल और उसकी टीम का धन्यवाद करते हुए कहा, "मैं बेहद आभारी हूं कि मुझे नया जीवन मिला और मेरी प्रजनन क्षमता को सुरक्षित रखा गया। इस सर्जरी ने मेरी पूरी जिंदगी को बदल दिया है, और अब मुझे भविष्य के बारे में कोई चिंता नहीं है।"
© Bharatiya Digital News. All Rights Reserved. Developed by TechnoDeva