Home >> State >> Chhattisgarh

15 December 2024   Admin Desk



आदर्श विद्यालय देवेंद्र नगर ने मनाया स्वर्ण जयंती महोत्सव

रायपुर: आदर्श विद्यालय देवेंद्र नगर जिसकी स्थापना रायपुर केरला समाजम्  द्वारा सन् 1974 में शिक्षा, संस्कार एवं साक्षरता के अभ्युदय हेतु की गई थी, ने अपनी स्वर्ण जयंती के अवसर पर पंडित दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम में एक अद्वितीय महोत्सव का आयोजन कर अपने यशस्वी इतिहास का पुनः स्मरण किया। अर्धशती के इस गौरवमयी  कालखंड में आदर्श विद्यालय ने शिक्षा, मर्यादा की उत्कृष्टतम परंपराओं का निर्वहन किया है। यह समय न केवल अतीत की अविस्मरणीय उपलब्धियां का जयघोष था अपितु भविष्य के प्रति नव संकल्पित प्रतिबद्धता का साक्षात्कार भी। 

बिना विचलित हुए निरंतर बढ़ते हुए विद्यालय के शिक्षकों की कठोर साधना एवं छात्रों की प्रबल जिज्ञासा ने नैतिकता के साथ-साथ शिक्षक -शिष्य संबंधों का अभिनव उदाहरण प्रस्तुत किया है। इस महोत्सव का आयोजन दो सत्रों में संपन्न हुआ। 

प्रथम सत्र सुबह 10:00 बजे सन् 1986 से लेकर सन् 2023 तक, विद्यालय में अध्ययन कर चुके छात्रों का "मिलाप" के माध्यम से पुनर्मिलन था। इस सत्र में भूतपूर्व छात्रों ने अपने छात्र जीवन के संस्मरण को अभिव्यक्त किया तथा शिक्षा प्रदान करने वाले शिक्षक- शिक्षिकाओं का हृदयाभिनंदन किया। अपने गुरुओं के सम्मान में विविध संगीतमयी नृत्य ,अभिनय की विधाओं से साक्षात्कार करते हुए बिसरे पलों को स्मरण किया। इस "मिलाप" में छात्रों ने अपने गुरुजनों को सम्मानित कर गुरु शिष्य परंपरा की जीवंतता को  परिभाषित किया, जो मानवता का सर्वोच्च उदाहरण है। इसी का परिणाम है कि आदर्श विद्यालय के चार उत्कृष्ट विद्यालय शहर में स्थापित हो चुके हैं ,जो  शिक्षा की निरंतरता एवं गतिशीलता को प्रदर्शित करता है।

द्वितीय सत्र शाम 5:00 बजे से "स्वर्णिमा" महोत्सव का आरंभ विद्या की देवी मांँ सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष पारंपरिक दीप प्रज्ज्वलन से हुआ एवं सुमधुर सरस्वती वंदना का गायन किया गया। महोत्सव के मुख्य अतिथि श्री गिरीश चंदेल जी (चांँसलर इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय) विशिष्ट अतिथि डॉ. विजय खंडेलवाल (जिला शिक्षा अधिकारी, रायपुर छत्तीसगढ़) एवं विशेष अतिथि रायपुर केरला समाजम के नियामक मंडल के सभी सम्माननीय अधिकारी थे। मुख्य अतिथि , विशिष्ट अतिथि का सम्मान पुष्पगुच्छ से संस्था की प्राचार्या के द्वारा किया गया। रायपुर केरला समाजम के अध्यक्ष श्री विनोद पिल्लई, उपाध्यक्ष श्री टी.सी.साजी  महासचिव श्री जैकब सकारिया , कोषाध्यक्ष, सह कोषाध्यक्ष एवं विशेष अतिथियों का सम्मान  संस्था की प्राचार्य, उपप्राचार्य एवं प्रधानाध्यापिका के द्वारा  पुष्पगुच्छ से किया गया। इस अवसर में 50 वर्षों की अविरल गाथा, उपलब्धियों, शैक्षिक साधना, स्मृतियों को संकलित कर "आदर्शिका" स्मारिका का विमोचन किया गया। तत्पश्चातआदर्श विद्यालय में कक्षा 10 वीं एवं 12वीं में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राओं का सर्टिफिकेट देकर उनके माता-पिता के समक्ष सम्मान किया गया। विद्यालय में खेलकूद में विशिष्ट स्थान प्राप्त करने वाले एवं अन्य क्रियाकलापों में श्रेष्ठ स्थान प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राओं का सम्मान किया गया महोत्सव की अगली कड़ी में, मुख्य अतिथि ने अपने उद्बोधन में शिक्षकों, रायपुर केरला समाजम् के उपस्थित प्रबुद्ध जनों, बच्चों एवं पालकों का अभिनंदन किया शुभकामनाएं दीं। आदर्श विद्यालय द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में किए गए अतुलनीय प्रयासों की प्रशंसा की और कहा, 50 वर्षों से जिस विद्यालय ने अपनी पारंपरिक पहचान जीवित रखा है, ऐसे विद्यालय में निश्चित रूप से शिक्षा की गुणवत्ता ,संस्कारों की सुगंध फैलती होगी। यह सतत् श्रम एवं त्याग का ही प्रतिफल है, जिसके कारण आदर्श विद्यालय अपनी स्वर्ण जयंती महोत्सव मना रहा है।

विशिष्ट अतिथि  डॉ. विजय खंडेलवाल जी ने विद्यालय द्वारा शैक्षणिक उपलब्धियों के लिए शिक्षकों की कठोर मेहनत एवं छात्रों की अभिरुचि की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि प्राचीन एवं आधुनिक तकनीक के कुशल मिश्रण से छात्रों को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाया जा सकेगा और ऐसा ही कार्य यहां के शिक्षकों ने किया है। शिक्षकों द्वारा किया गया यह प्रयास एक उदाहरण है।

विशेष अतिथि रायपुर केरला समाजम् के अध्यक्ष विनोद पिल्लई ने अपने उद्बोधन में कहा कि  समाजम् के संस्थापक सदस्यों ,भूतपूर्व सदस्यों को सदैव याद रखा जाएगा, सम्मान किया जाएगा जिनकी कर्मठता, त्याग एवं समर्पण के कारण आज आदर्श विद्यालय एक आदर्श शैक्षिक संस्थान के रूप में अतुलनीय अद्वितीय स्थान प्राप्त किया है। उन्होंने सभी शिक्षकों ,छात्रों, पालकों को उनके द्वारा दिए गए योगदान  के लिए आभार व्यक्त किया, जिनके सहयोग से  50 वर्षों की यह  सुनहरी यात्रा आज इस मुकाम तक पहुंच सका । तत्पश्चात स्कूल  की प्राचार्या सुश्री सुमन शानबाग ने वार्षिक प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। उन्होंने समाजम् के भूतपूर्व एवं वर्तमान सभी सम्मानित सदस्यों, सभी छात्रों एवं पालकों को आदर्श विद्यालय के प्रति समय एवं सहयोग प्रदान करने, आदर्श विद्यालय को इस मुकाम पर पहुंचाने के लिए आभार व्यक्त किया। विद्यालय के स्वर्ण जयंती के अवसर पर विगत 50 वर्षों से लेकर वर्तमान तक के विद्यार्थियों द्वारा अर्जित शैक्षिक उपलब्धियों, खेलकूद में अर्जित कीर्तिमान,अन्य उपलब्धियों का उल्लेख  किया एवं गुरुकुल परंपरा  को जीवित बनाये रखने के लिए शिक्षकों , छात्रों को आभार व्यक्त करते हुए अभिप्रेरित किया। अगली कड़ी में स्कूल के बच्चों के द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया जिसमें "गोल्डन जुबली जर्नी स्किट"जो मुख्य रूप से आदर्श विद्यालय के स्थापना वर्ष 1974 से लेकर 2024 की सुनहरी यात्रा का जीवंत चित्रण था,  प्रदर्शन किया गया। नर्सरी कक्षा के बच्चों द्वारा प्रस्तुत "मी एंड मॉम" में माता-पिता का बच्चों के लिए प्रेम एवं त्याग को आकर्षक नृत्य के माध्यम से प्रस्तुत किया गया। पी पी वन के बच्चों का "पपेट डांस" पीपीटी टू  के बच्चों का "सीजन डांस" दर्शन को का मन मोह लिया "रिदम ऑफ़ केरला" में केरल राज्य की संस्कृति एवं जीवन शैली का प्रत्यक्ष स्पष्ट मंचन था। कक्षा छठवीं से आठवीं के बच्चों का "भारत दर्शन" भारत के विभिन्न राज्यों की सांस्कृतिक विविधता, जीवन शैली, नृत्य शैली, का अनूठा संगम था जो विविधता में एकता को सिद्ध करने के लिए संपूर्ण था। "गणेश वंदना" और "शिव स्तुति" का दृश्यांकन एवंँ मंचन पारंपरिक वेशभूषा के साथ मनमोहक नृत्य एवं शानदार निर्देशन की जुगलबंदी थी। "प्राईड आफ छत्तीसगढ़" में छत्तीसगढ़ के लोगों की सरलता, शांतिपूर्ण जीवन, प्रकृति की ममतामयी बहार का प्रदर्शन था। "वुमेन एम्पावरमेंट"(महिला सशक्तिकरण) नारी को सशक्त होकर निर्भीकता से  आगे बढ़ने के लिए संदेश था। कक्षा 12वीं के छात्र-छात्राओं द्वारा प्रदर्शित जोशीले "भांगड़ा "नृत्य ने महफिल लूट ली।

यह समारोह शैक्षिक, सांस्कृतिक और नैतिक मूल्यों के प्रति एक दृढ़ प्रतिबद्धता के साथ संपन्न हुआ। आदर्श विद्यालय का स्वर्ण जयंती महोत्सव शिक्षण, साधना एवं संस्कृति का एक अनूठा संगम था जो केवल अतीत के गौरव का उत्सव नहीं बल्कि भविष्य के प्रति एक नव चेतना का उद्घोष भी था। प्रथम सत्र में धन्यवाद ज्ञापन श्रीमती मिनी फिलिप ने दी। महोत्सव का समापन संस्था के उपप्राचार्य के. के. उन्नीकृष्णन नायर के धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ। विद्यालय का यह संदेश सर्वदा प्रेरणादायी रहेगा- "विद्या दीपस्य प्रकाशो न केवल अंधकारं अपितु आत्मस्वरूपं प्रकाशयति।"



Photo Gallery

Related Post

Advertisement

Trending News

Important Links

© Bharatiya Digital News. All Rights Reserved. Developed by TechnoDeva