संवाददाता सन्तोष उपाध्याय
नई दिल्ली/लखनऊ: सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद यूपी सरकार ने कहा है कि ब्यूरोक्रेट की पत्नियों को पद देने की प्रथा खत्म की जाएगी। सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को उत्तर प्रदेश सरकार ने बताया कि अब सरकारी नौकरशाहों की पत्नियों को पदेन पद (Ex-Officio) देने की औपनिवेशिक परंपरा को खत्म किया जाएगा। राज्य की सहकारी समितियों, ट्रस्टों और सोसाइटी के लिए नए मॉडल बॉयलॉज बनाए जा रहे हैं, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि वे लोकतांत्रिक मूल्यों पर आधारित हों। सुप्रीम कोर्ट ने पिछली सुनवाई में मई 2024 में इस प्रथा को औपनिवेशिक मानसिकता वाला बताते हुए कहा था कि यह अपमानजनक और अस्वीकार्य है, जब यह सामने आया कि बुलंदशहर में जिला महिला समिति की अध्यक्षता जिला मजिस्ट्रेट (DM) की पत्नी को दी जा रही थी। कोर्ट ने कहा था कि क्यों सिर्फ डीएम की पत्नी को अध्यक्ष बनाया जाता है ? कोर्ट ने पूछा, यह नेतृत्व क्षमता या सामाजिक सेवा के आधार पर क्यों नहीं होता ? कोर्ट ने यह भी देखा कि रेड क्रॉस सोसाइटी और चाइल्ड वेलफेयर सोसाइटी जैसी संस्थाओं में भी यही परंपरा थी। यूपी सरकार ने बताया कि संशोधन का मसौदा तैयार किया जा रहा है, जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि इन संस्थाओं का संचालन लोकतांत्रिक रूप से चुने गए सदस्यों द्वारा हो।
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