रायपुर, CG (INDIA): शिक्षकों के व्यावसायिक विकास को बढ़ाने तथा उन्हें नवीन शिक्षण विधियों से परिचित कराने के उद्देश्य से रायपुर केरला समाजम के तत्वावधान में दो दिवसीय सेमिनार का आयोजन 12 एवं13 जून को क्रमश: आदर्श विद्यालय टाटीबंध तथा देवेन्द्र नगर में किया गया। इस सेमिनार में आदर्श विद्यालय ग्रुप ऑफ स्कूल के सभी शिक्षक शामिल हुए। कार्यक्रम में रायपुर केरला समाजम् के अध्यक्ष विनोद पिल्लई एवं रायपुर केरला समाजम् के महासचिव डॉ. जैकब सकारिया ने सेमिनार में भाग लेने वाले सभी शिक्षकों का अभिनंदन करते हुए कहा कि सेमिनार का महत्व शिक्षक जीवन में आवश्यक है। इस तरह के आयोजनों से शिक्षकों को नई जानकारी तथा आधुनिक तकनीक के बारे में जानने का अवसर मिलता है, जिससे शिक्षण कार्य रुचिकर बनता है। डॉ. एम. सुधीश (एसएमसी) ने अपने संबोधन में शिक्षकों को यूएसपी के बारे में एवं मियावाकी वृक्षारोपण पद्धति के संबंध में प्रकाश डाला। इसके माध्यम से शिक्षण अधिगम के उद्देश्य को प्राप्त किया जा सकता है तथा विज्ञान कौशल में वृद्धि होती है।
कार्यक्रम को विस्तार देते हुए प्रो. टी. मधुसूदनन (एसएमसी) ने शिक्षकों को नवीनतम शैक्षणिक रुझानों से अपडेट रहने तथा कौशल को निरंतर उन्नत करते रहने के लिए प्रेरित किया। कार्यक्रम का विशेष मार्गदर्शन एवं निर्देशन आरकेएस की शाला प्रबंधन समिति द्वारा किया गया। अनुभवी वक्ता डॉ. गगन बरडिया ने “शैक्षणिक नेतृत्व और एआई-संचालित आधुनिक शिक्षाशास्त्र” विषय पर उदाहरणों के माध्यम से आधुनिक शिक्षा प्रणाली और प्रौद्योगिकी में एआई के महत्व को समझाया। तत्पश्चात वक्ता श्रीमती सबिता चतुर्वेदी द्वारा "माध्यमिक विद्यालय के लिए राष्ट्रीय पाठ्यचर्या का ढाँचा"। राहुल विश्वकर्मा द्वारा "विद्यालय सुरक्षा एवं डॉक्टर" पर, डाॅ.दीप्ति सहारे द्वारा विद्यार्थियों में "मानसिक स्वास्थ्य और कल्याण को बढ़ावा" देने पर चर्चा की गई। श्रीमती बीना पिल्लई (एवीटी) थीं, जिन्होंने “समग्र प्रगति कार्ड” पर अपने विचार साझा किए। उन्होंने छात्रों के समग्र विकास पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता पर जोर दिया। अगले सत्र की वक्ता श्रीमती रानी चामलेट (एआईएस) ने “एक पेड़ माँ के नाम” शीर्षक से एक भावनात्मक और चिंतनशील चर्चा के साथ मातृ प्रेम की याद दिलाई। उन्होंने प्रकृति की तुलना एक माँ से की जो सप्ताह ख्याल रखती है। अंतिम सत्र डॉ. हरेंद्र पाल सिंह चौहान द्वारा “अनुभवात्मक अधिगम” के माध्यम से लर्निंग बाय डूइंग के महत्व पर जोर दिया और शिक्षकों से अपने शिक्षण पद्धति में वास्तविक दुनिया के अनुभवों को शामिल करने के लिए कहा।
इस अवसर पर स्कूल प्रबंधन समिति की डॉ. विजी नायर भी उपस्थित थीं। स्कूल प्रबंधन समिति ने सभी वक्ताओं और उपस्थित लोगों को धन्यवाद दिया और शिक्षकों के बीच व्यावसायिक विकास को बढ़ावा देने के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराई। कार्यक्रम का समापन एक नेटवर्किंग लंच के साथ हुआ जो शिक्षकों को आपस में संपर्क बढ़ाने और पेशेवर संबंधों को मजबूत करने का अवसर प्रदान करता है। इस सेमिनार में प्राचार्या श्रीमती जसवीर सरकार (एवीटी) प्राचार्या श्रीमती सबिता चतुर्वेदी(एवीएम) प्राचार्या सुश्री सुमन शानबाग (एवीडी) प्राचार्य हरेंद्रपाल सिंह चौहान (एआईएस) उप प्राचार्य के.के. उन्नी कृष्णन नायर(एवीडी) सेमिनार की सराहना की और सभी बुद्धिजीवी वक्ताओं को उनके बहुमूल्य विचारों के लिए धन्यवाद दिया। इस कार्यक्रम से शिक्षकों को बहुत सी नई जानकारियाँ मिलीं जो शिक्षण को रोचक बनाने में सहायक होंगी। यह जानकारी प्राचार्या सुश्री सुमन शानबाग(एवीडी) ने एक प्रेस विज्ञप्ति में दी।
© Bharatiya Digital News. All Rights Reserved. Developed by TechnoDeva