रायपुर, CG (INDIA): सावन के महीने में महिलाओं का सोलह श्रृंगार करना शुभ माना जाता है, खासकर सुहागिन महिलाओं के लिए। यह श्रृंगार भगवान शिव और माता पार्वती को प्रसन्न करने और अखंड सौभाग्य के लिए किया जाता है। सावन में हरी चूड़ियां, मेहंदी, हरे रंग की साड़ी, सिंदूर, काजल, और अन्य गहने महिलाओं के श्रृंगार का हिस्सा होते हैं।
सावन के पावन माह में उत्कल विप्र महिला समाज की ओर से नगर के दौलत वाटिका के कला मंच में चौथे वर्ष सावन श्रृंगार उत्सव का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम विशेष रूप से विवाहित महिलाओं के लिए आयोजित किया गया था। जिसका थीम था हरीतिमा के साथ सोलह श्रृंगार। इस आयोजन का उद्देश्य उन प्रतिभाशाली घरेलू महिलाओं को मंच देना था, जिन्हें आमतौर पर अपनी प्रतिभा दिखाने का अवसर नहीं मिल पाता।
इस मौके पर प्रतिभागियों ने पारंपरिक परिधानों में सज-धजकर उत्साहपूर्वक भाग लिया और गीत, नृत्य, अंताक्षरी और पेपर डांस जैसे कार्यक्रमों में अपनी कला का प्रदर्शन किया। अंत में सबने स्मृति स्वरूप वृक्षारोपण किया। यह जानकारी उत्कल विप्र महिला समाज की अध्यक्ष श्रीमती निवेदिता मिश्रा ने एक प्रेस विज्ञप्ति में दी।
© Bharatiya Digital News. All Rights Reserved. Developed by TechnoDeva