रायपुर: रायपुर शहर की हरियाली दीदी के नाम से विख्यात श्रीमती पुष्पा साहू को वृंदावन हाल में आयोजित समारोह में उन्हें पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में किए गए उत्कृष्ट कार्यों के लिए सम्मानित किया गया। यह सम्मान उन्हें रायपुर लोकसभा सांसद बृजमोहन अग्रवाल के हाथों प्रदान किया गया। इस अवसर पर रायपुर नगर निगम की महापौर श्रीमती मीनल चौबे सहित कई विशिष्ट जन भी मौजूद रहे और उन्होंने श्रीमती साहू की अनूठी पहल की सराहना की।
श्रीमती पुष्पा साहू ने वर्ष 2013 से ही अपने घर की छत पर फलों की जैविक खेती की शुरुआत की थी। उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ का पहला सेब का फल उनके छत पर ही फला था, जिसने पूरे प्रदेश में हलचल मचा दी थी। आज उनके छत पर 16 से 17 प्रकार के मौसमी और विदेशी फल लहलहा रहे हैं। इनमें आम, अमरूद, सीताफल, सेब, चीकू, मोसंबी, किनू, चाइनीज ऑरेंज, ड्रैगन फ्रूट, स्टार फ्रूट, केला, पपीता और आंवला प्रमुख हैं। इसके अतिरिक्त वे साग-सब्जियों, औषधीय पौधों, मसालेदार फसलों और फूलों की भी सफल खेती कर रही हैं।
उनकी इस अनूठी पहल को देशभर में पहचान मिली है। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, पूसा (नई दिल्ली) ने वर्ष 2017 में उन्हें इनोवेटिव फार्मर अवार्ड से सम्मानित किया। इसके अलावा उन्हें अब तक 20 से अधिक पुरस्कार और सम्मान विभिन्न राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय संस्थाओं से प्राप्त हो चुके हैं।
पुष्पा साहू न केवल खेती करती हैं, बल्कि अपने अनुभव और शोध कार्य को भी साझा करती हैं। उन्होंने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय शोध संगोष्ठियों में अपने छत पर किए गए जैविक फलों की खेती से संबंधित शोध पत्र प्रस्तुत किए हैं। उनके कार्य का अवलोकन करने के लिए राज्य और केंद्र सरकार के मंत्रीगण, विभिन्न विश्वविद्यालयों के कृषि वैज्ञानिक, धार्मिक एवं सामाजिक संगठनों के अग्रणी लोग और अनेक गणमान्य व्यक्तित्व उनके आवास का दौरा कर चुके हैं।
पुष्पा साहू का मानना है कि सीमित स्थान में भी यदि इच्छाशक्ति और नवाचार हो, तो न केवल परिवार की जरूरतें पूरी की जा सकती हैं, बल्कि पर्यावरण संतुलन में भी अहम योगदान दिया जा सकता है।
उनकी इस यात्रा ने यह सिद्ध कर दिया है कि शहर की छतें भी हरे-भरे बगीचे और फलों के बागान बन सकती हैं। यही कारण है कि आज हरियाली दीदी पुष्पा साहू पूरे प्रदेश के लिए एक आदर्श और प्रेरणा स्रोत बन गई हैं।
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