रायपुर: छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य सेवाओं की जमीनी हकीकत जानने पहुंची भारत सरकार की कॉमन रिव्यु मिशन (Common Review Mission) की 14 सदस्यीय टीम ने पांच दिनों तक कोंडागांव और सूरजपुर जिले के अस्पतालों का निरीक्षण किया। टीम ने इन दोनों जिलों में विभिन्न सरकारी अस्पतालों का भ्रमण कर वहां उपलब्ध कराई जा रही स्वास्थ्य सुविधाओं की पड़ताल की। केन्द्र सरकार की टीम ने दौरा पूर्ण होने के बाद आज स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक कर रिपोर्ट साझा की तथा अपने फीडबैक व सुझावों से अवगत कराया। स्वास्थ्य विभाग के सचिव प्रसन्ना आर. ने मैदानी फीडबैक व महत्वपूर्ण सुझावों के लिए कॉमन रिव्यु मिशन के सदस्यों को धन्यवाद दिया और कहा कि टीम द्वारा बताए गए कमियों-खामियों को दूर करने की दिशा में स्वास्थ्य विभाग जरूर काम करेगा। प्रदेश के पांच दिवसीय दौरे पर आए सीआरएम की टीम में केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के संयुक्त सचिव श्री ई. रॉबर्ट सिंह, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण क्षेत्रीय कार्यालय के संयुक्त निदेशक डॉ. संदीप जोगडंड, विश्व स्वास्थ्य संगठन के हेल्थ सिस्टम ऑफिसर डॉ. प्रांजल तामुली, आयुष मंत्रालय के डॉ. सुधांशु कुमार मेहेर, पब्लिक हेल्थ विशेषज्ञ (टीबी) डॉ. काजी तौफीक अहमद और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के डॉ. बी.एस. चरण सहित भारत सरकार के कई स्वास्थ्य सलाहकार शामिल हैं। टीम के साथ हुई बैठक में स्वास्थ्य सेवाओं के संचालक भीम सिंह, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के संचालक भोसकर विलास संदिपान, सीजीएमएससी के प्रबंध संचालक अभिजीत सिंह और संचालक, महामारी नियंत्रण डॉ. सुभाष मिश्रा भी मौजूद थे। कॉमन रिव्यु मिशन की टीम ने राज्य शासन द्वारा संचालित मुख्यमंत्री हाट-बाजार योजना, एनीमिया मुक्त कार्यक्रम, मलेरिया मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान और हमर लैब योजना की सराहना की। उन्होंने प्रदेश में मुहैया कराई जा रही मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं, फिजियोथेरेपी सेवाओं तथा हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर्स में दी जा रही सुविधाओं के साथ ही स्वास्थ्य केंद्रों में दवाईयों की उपलब्धता की भी प्रशंसा की। टीम के सदस्य डॉ. सुधांशु कुमार मेहेर ने आयुष विभाग द्वारा चलाए जा रहे दीर्घायु योजना को भी सराहा। इसके अंतर्गत माह के हर गुरूवार को 60 से अधिक उम्र के लोगों की निःशुल्क जांच एवं इलाज किया जा रहा है। सीआरएम की टीम ने उप स्वास्थ्य केंद्रों और शहरी स्वास्थ्य केंद्रों में आ रहे गैप को जल्द खत्म करने का सुझाव दिया। उन्होंने ज्यादा जोखिम वाली गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य की लगातार निगरानी करने कहा। टीम के सदस्य डॉ. काजी तौफीक अहमद ने टीबी की जांच का दायरा बढ़ाने, मुख्यमंत्री हाट-बाजार क्लिनिक योजना में भी टीबी की जांच करने तथा निजी क्षेत्र के सहयोग से ज्यादा से ज्यादा संख्या में इसकी जांच करने का सुझाव दिया। टीम ने ग्रामीण क्षेत्रों में कुष्ठ रोग के प्रति और अधिक जागरूकता लाने का भी सुझाव दिया।
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