May 06, 2023   Admin Desk



RAIPUR: युवाओं और बच्चों को तम्बाकू उत्पादों के सेवन से बचाने कड़े कानून बनें

* आईएमए और एएचपीआई छत्तीसगढ़ चैप्टर ने स्वास्थ्य मंत्री टी.एस. सिंहदेव से की मुलाकात * कोटपा 2003 अधिनियम की खामियां दूर करने राज्य स्तर पर संशोधन विधेयक लाया जाए * छत्तीसगढ़ की 39% आबादी करती है तम्बाकू उत्पादों का सेवन, 26% युवा हैं पैसिव स्मोकिंग के शिकार * सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान पूर्णतः प्रतिबंधित हो, तम्बाकू उत्पादों की बिक्री स्थल पर उनके प्रचार पर रोक लगे * तम्बाकू उत्पादों का सेवन करने की उम्र 18 वर्ष से बढ़ाकर 21 वर्ष हो * खुले तम्बाकू उत्पाद न बेचे जाएँ * स्कूलों में तम्बाकू सेवन के दुष्प्रभावों के प्रति जागरूकता अभियान चलाया जाए, इसके लिए ब्रांड एम्बेसडर बनाये जाएं। रायपुर RAIPUR: इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) रायपुर और एसोसिएशन ऑफ़ हेल्थकेयर प्रोवाइडर्स इंडिया (एएचपीआई) छत्तीसगढ़ चैप्टर ने छत्तीसगढ़ में राज्य स्तर पर कोटपा अधिनियम 2003 में संशोधन किये जाने की मांग की है। आईएमए रायपुर और एएचपीआई छत्तीसगढ़ के अध्यक्ष डॉ. राकेश गुप्ता के नेतृत्व में आईएमए रायपुर के महासचिव डॉ. दिग्विजय सिंह, एएचपीआई छत्तीसगढ़ चैप्टर के महासचिव अतुल सिंघानिया, कोषाध्यक्ष डॉ. अनिल जैन समेत अन्य लोगों के प्रतिनिधिमंडल ने छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री टी.एस. सिंहदेव से मुलाकात कर इस संबंध में कुछ महत्वपूर्ण बातें उनके संज्ञान में लायी हैं। प्रतिनिधिमंडल ने स्वास्थ्य मंत्री के संज्ञान में लाया कि भारत सरकार के वैश्विक वयस्क तंबाकू सर्वेक्षण (जी.ए.टी.एस.) 2 के अनुसार पूरे देश में तंबाकू एवं सम्बंधित उत्पाद के सेवन से प्रतिवर्ष 13 लाख से ज्यादा लोगों की मौत हो रही है। छत्तीसगढ़ की 39% जनसँख्या तम्बाकू के सेवन के दुष्परिणाम की शिकार है। हमारे प्रदेश में 53.7% पुरुष एवं 24.6% महिलाएं तंबाकू और संबंधित उत्पाद का सेवन करते हैं। ग्लोबल यूथ टोबैको सर्वे 2019 के अनुसार छत्तीसगढ़ में 13 से 15 वर्ष उम्र (औसत आयु 7.3 वर्ष) के 8% स्कूली बच्चे तंबाकू और संबंधित उत्पाद का दुरुपयोग कर रहे हैं और 26% युवा पैसिव स्मोकिंग के शिकार हैं। दल ने स्वास्थ्य मंत्री को अवगत करवाया कि भारत सरकार का केंद्रीय अधिनियम सिगरेट एवं अन्य तंबाकू उत्पाद विज्ञापन निषेध और व्यापार व वाणिज्य उत्पादन वितरण का विनियमन अधिनियम (सीओटीपीए या कोटपा 2003) तंबाकू एवं संबंधित उत्पाद का नियंत्रण करने के उद्देश्य से बनाया गया है । इस अधिनियम में कुछ खामियां हैं जिसकी वजह से सरकार के समग्र तंबाकू नियंत्रण प्रयास बाधित हो रहे हैं। कोटपा 2003 अधिनियम कुछ सार्वजनिक स्थानों जैसे रेस्टोरेंट्स, होटल और हवाई अड्डे में धूम्रपान की अनुमति देता है। इसे प्रतिबंधित करने की आवश्यकता है जिससे अनजाने में होने वाली पैसिव स्मोकिंग पर रोक लगाई जा सके। तंबाकू एवं संबंधित उत्पादों की बिक्री स्थल पर विज्ञापन होर्डिंग और प्रदर्शन व्यापक रूप से प्रतिबंधित होना चाहिए। तंबाकू उत्पादों के सेवन की मौजूदा कानूनी उम्र 18 वर्ष को बढ़ा कर 21 वर्ष किया जाना चाहिए साथ ही खुले तंबाकू एवं संबंधित उत्पादों की बिक्री पर रोक लगायी जानी चाहिए। सभी शैक्षणिक संस्थानों के 100 मीटर के दायरे में तंबाकू एवं संबंधित उत्पादों की बिक्री पर सख्ती से नियंत्रण करने के दिशा निर्देश शासन स्तर से जारी होने चाहिए। प्रतिनिधिमंडल ने स्वास्थ्य मंत्री को सुझाव दिया कि स्कूलों में तंबाकू उत्पादों के दुष्प्रभावों के प्रति जागरूकता लाने के लिए ब्रांड एम्बेसडर बनाये जाएं। डॉक्टरों के अलावा स्वास्थ्य क्षेत्र में कार्य कर रही सभी संस्थाओं को इस अभियान से जोड़ा जाए। आईएमए और एएचपीआई इस अभियान को सफल बनाने में शासन को पूर्ण सहयोग देगी। आईएमए और एएचपीआई के प्रतिनिधिमंडल ने स्वास्थ्य मंत्री से अनुरोध किया कि छत्तीसगढ़ के लोगों विशेषकर बच्चों और युवाओं को तम्बाकू जनित रोगों से बचाने के लिए कोटपा अधिनियम 2003 में संशोधन के लिए राज्य स्तर पर संशोधन विधेयक लाये जाने की पहल स्वास्थ्य मंत्री द्वारा की जाए। ऐसा करना छत्तीसगढ़ राज्य के बेहतर स्वास्थ्य के लिए मील का पत्थर साबित होगा।



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