रायपुर RAIPUR: पं. ज.ने. स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय, रायपुर के कम्युनिटी मेडिसीन विभाग के कॉन्फ्रेंस हॉल में आई.सी.एम.आर. के अंतर्गत संचालित मॉडल रूलर हेल्थ रिसर्च यूनिट के लोकल रिसर्च एडवाइजरी कमेटी की चतुर्थ समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया। इस कमेटी के चेयरमैन डॉ. अरविन्द नेरल की अध्यक्षता में छत्तीसगढ़ प्रदेश में संचालित एम.आर.एच.आर.यू. के शोध प्रोजेक्ट्स के प्रगति की समीक्षा की गयी। आई.सी.एम.आर. जबलपुर के डायरेक्टर डॉ. अपरूप दास ने ग्रामीण व जनजातीय स्वास्थ्य से संबंधित विषयों पर शोध कार्यों के लिये आई.सी.एम.आर. द्वारा किये जा रहे पहल और सुविधाओं की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि दुर्ग जिले के पाटन ब्लॉक के झीट में एक सर्वसुविधायुक्त शोध संस्थान का निर्माण कार्य लगभग पूर्ण होने की स्थिति में है। आई.सी.एम.आर. नई दिल्ली की वैज्ञानिक-ई डॉ. तनु आनन्द ने इस मीटिंग में ऑनलाईन भागीदारी दी और प्रारंभिक स्वागत उद्बोधन दिया। अधिष्ठाता डॉ. तृप्ति नागरिया और वैज्ञानिक डॉ. नेहा सिंह ने तम्बाकू सेवन से गर्भवती महिलाओं और नवजात शिशुओं पर पड़ने वाले संभावित दुष्परिणामों पर एक नये प्रोजेक्ट की जानकारी दी। कमेटी ने कुछ संशोधनों के साथ इसे पुनः प्रस्तुत करने की हिदायत दी।
एम्स रायपुर के एडिशनल प्रोफेसर डॉ. जयश्री आर. घाटे ने आदिवासी और गैर आदिवासी समुदायों के लोगों में नवीन जीवन पद्धति से होने वाले मेटाबोलिक सिंड्रोम के तुलनात्मक अध्ययन पर अपने शोध की प्रस्तुति दी। पी.एस.एम. विभाग के प्रोफेसर डॉ. निर्मल वर्मा और डॉ. शुभ्रा अग्रवाल गुप्ता ने सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र झीट में सिकल सेल से पीड़ित लोगों में स्वास्थ्य संबंधित प्रभावों का अध्ययन किया है और उससे संबंधित निष्कर्षों की प्रस्तुति दी। कम्यूनिटी मेडिसीन के प्रोफेसर डॉ. कमलेश जैन ने गरियाबंद जिले के देवभोग और मैनपुर ब्लॉक में क्रोनिक किडनी डिजीज की एपिडेमियोलॉजी और को-मोरबिडिटी पर अपने अब तक किये गये कार्यों की जानकारी दी।
गुरू घासीदास विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डॉ. एल.व्ही.के.एस. भास्कर ने पाटन ब्लाक में सिकल सेल बीमारी के साथ मलेरिया के संबंधों को उजागर करने के लिये माल्येक्यूलर स्तर पर शोध अध्ययन की प्रस्तुति दी। संचालक स्वास्थ्य सेवाओं के डिप्टी डायरेक्टर डॉ. धर्मेन्द्र गवई के शोध का विषय झीट में निवासरत लोगों में कोविड-19 महामारी के मनोवैज्ञानिक दुष्परिणामों पर केन्द्रित है। उनकी अनुपस्थिति में आई.सी.एम.आर. के वैज्ञानिक डॉ. रविन्द्र ने इस प्रोजेक्ट के प्रगति की जानकारी दी। चेयरमैन डॉ. अरविन्द नेरल ने इन सभी प्रोजेक्ट्स पर अब तक हुए कार्यों पर संतोष व्यक्त किया और सभी प्रिंसिपल इन्वेस्टिगेटर्स के माह जुलाई तक पूर्ण करने की हिदायत दी।
लोकल रिसर्च एडवाइजरी कमेटी के इस महत्वपूर्ण बैठक के को-चेयरपर्सन एम्स रायपुर की डॉ. इली महापात्रा, स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग की प्रोफेसर डॉ. ज्योति जायसवाल, मनोरोग विभाग की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. सुरभि दुबे और स्नातकोत्तर विद्यार्थियों ने भाग लिया। छत्तीसगढ़ प्रदेश में अनुवांशिक रोगों -विशेषकर सिकल सेल बीमारी की रोकथाम के लिये इन बीमारियों का माताओं के गर्भावस्था के दौरान ही निदान किये जाने हेतु (प्री-नेटल डायग्नोसिस) सुविधायें विकसित करने की आवश्यकता प्रतिपादित की गयी है। वैज्ञानिक डॉ. रविन्द्र ने अंत में धन्यवाद ज्ञापन दिया।
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