नई दिल्ली New Delhi: इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (एमईआईटीवाई) के राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस डिवीजन अपनी क्षमता निर्माण योजना के तहत अपने ज्ञान भागीदारों के सहयोग से राज्य क्षमता निर्माण कार्यशालाएं चला रहा है। इन कार्यशालाओं का उद्देश्य सेवा वितरण में सुधार के लिए उभरती प्रौद्योगिकियों की क्षमता को सामने लाना और यह बताना है कि नए डिजिटल परिदृश्यों को समायोजित करने के लिए नीतियों और रणनीतियों को कैसे आकार दिया जाए।
श्रृंखला की पांचवीं कार्यशाला 29 से 30 नवंबर 2023 तक हरियाणा में आयोजित की जा रही है, जिसमें हरियाणा के विभिन्न विभागों के 27 से अधिक अधिकारी भाग ले रहे हैं। इस दो दिवसीय गहन प्रशिक्षण का उद्देश्य राज्य में उभरती प्रौद्योगिकी पहलों को अपनाने और उसके कार्यान्वयन में निरंतरता बनाए रखने के लिए नीति-निर्माण में जुटे सरकारी अधिकारियों के अंतर्गत काम करने वाली टीम को परिचित कराना है।
इस कार्यशाला का उद्घाटन हरियाणा के नागरिक संसाधन सूचना विभाग (सीआरआईडी), एनईजीडी और वाधवानी इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड पॉलिसी (डब्ल्यूआईटीपी) के अधिकारियों के साथ किया गया।
इस कार्यशाला में वास्तविक जीवन के केस स्टडी, उपकरणों का प्रदर्शन और विचारों को अवधारणाओं या परियोजनाओं के प्रमाण में बदलने की सोच पर संवादात्मक सत्रों के लिए बड़ी संख्या में उद्योग और सरकार के विषय विशेषज्ञ शामिल हो रहे हैं।
अगस्त 2023 में शुरू की गई, ये कार्यशालाएं सरकार और उद्योग संघ के बीच साझेदारी के साथ विशिष्ट हैं ताकि सरकार सार्वजनिक सेवाओं के वितरण में सुधार, शासन को दुरूस्त करने और बेहतर निर्णय लेने के लिए उभरती प्रौद्योगिकियों का प्रभावी ढंग से उपयोग कर सके। आगामी कार्यशालाओं की योजना लद्दाख, तेलंगाना आदि में बनाई गई है।
Source: PIB
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