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30 August 2024   Admin Desk



बीआईएस ने अकादमिक शोध को मानकों के साथ जोड़ने के लिए दोहरे सम्मेलनों का आयोजन किया

नई दिल्ली NEW DELHI: भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) ने अकादमिक शोध को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मानकीकरण की आवश्यकताओं के साथ जोड़ने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए उदयपुर (राजस्थान) और धर्मशाला (हिमाचल प्रदेश) में दोहरे सम्मेलनों का आयोजन किया, जिससे वैश्विक विकास में भारतीय मानक अग्रणी रहें।

बीआईएस ने सिविल इंजीनियरिंग क्षेत्र में भागीदार संस्थानों के डीन और विभागाध्यक्षों के सम्मेलन का आयोजन किया। यह कार्यक्रम 23 और 24 अगस्त, 2024 को उदयपुर में आयोजित किया गया। भारतीय मानत ब्यूरो के महानिदेशक श्री प्रमोद कुमार तिवारी ने कार्यक्रम का उद्घाटन किया और मानकीकरण प्रक्रिया में शिक्षाविदों की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित किया। उन्होंने बीआईएस की कार्य प्रक्रिया में चुनौतियों पर प्रकाश डाला, जैसे मानकीकरण में शिक्षाविदों की कम भागीदारी, शोध कार्यक्रम और मानकीकरण के लिए इसकी प्रासंगिकता के बीच तालमेल की कमी और अंतरराष्ट्रीय मानकीकरण में एक निष्पक्ष भारतीय दृष्टिकोण का प्रतिनिधित्व करना।

इस सम्मेलन में सिविल इंजीनियरिंग क्षेत्र के शीर्ष शिक्षाविद एक मंच पर उपस्थित हुए, इसने ज्ञान के आदान-प्रदान और सहयोग के लिए एक मंच प्रस्तुत किया।

यह सम्मेलन धर्मशाला (हिमाचल प्रदेश) में भी आयोजित किया गया, जिसमें केमिकल इंजीनियरिंग और रसायन विज्ञान क्षेत्र के प्रतिष्ठित शिक्षाविदों ने भाग लिया। शैक्षणिक समुदाय के सदस्यों को उप महानिदेशक श्री चंदन बहल और वैज्ञानिक-ई और बीआईएस के टीएनएमडी विभाग के प्रमुख डॉ. सूर्य कल्याणी ने संबोधित किया। इस सत्र में महत्वपूर्ण भारतीय मानकों और केमिकल इंजीनियरिंग और पेट्रो केमिकल विभाग ने प्रस्तुतियां दीं।

बीआईएस ने समझौता ज्ञापनों (एमओयू) के माध्यम से देश भर के 92 शैक्षणिक संस्थानों के साथ अपनी साझेदारी को सुदृढ़ किया है, जिसमें राष्ट्रीय मानकीकरण प्रक्रिया में शिक्षाविदों को एक महत्वपूर्ण और निष्पक्ष हितधारक के रूप में मान्यता प्रदान की गई है। ये समझौता ज्ञापन शैक्षणिक संस्थानों के लिए राष्ट्रीय मानकों के निर्माण हेतु बीआईएस तकनीकी समितियों में सक्रिय रूप से भाग लेने, बीआईएस द्वारा प्रस्तावित अनुसंधान एवं विकास परियोजनाओं का संचालन करने और अंतर्राष्ट्रीय मानकीकरण प्रयासों में योगदान देने का मार्ग प्रशस्त करेंगे।

दोनों सम्मेलनों में कई तकनीकी सत्रों का आयोजन किया गया, जिसमें सिविल इंजीनियरिंग, केमिकल इंजीनियरिंग और रसायन विज्ञान क्षेत्र में मानकीकरण के तकनीकी पहलुओं पर महत्वपूर्ण जानकारी दी गई।



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