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16 April 2025   Admin Desk



यूपीएसआईएफएस में सैन्य अधिकारियों के दक्षता हेतु “प्रोफेशनल डिप्लोमा इन साइबर टेक एंड लीगल गवर्नेंस कोर्स का शुभारम्भ

* साइबर अपराध आम आदमी से लेकर रक्षा स्तर तक साइबर युद्ध के रूप में, सदैव रहना होगा सतर्क एवं जागरूक : राजीव कृष्णा डीजी सतर्कता एवं अध्यक्ष यूपीपीआरबी

संवाददाता- सन्तोष उपाध्याय

लखनऊ,UP(INDIA): उत्तर प्रदेश स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ़ फॉरेंसिक साइंस, लखनऊ में सैन्य अधिकारियों के साइबर एवं फारेंसिक विषयों में और अधिक दक्षता वृद्धि  हेतु प्रोफेशनल डिप्लोमा इन साइबर टेक एंड लीगल गवर्नेंस मंगलवार को त्रैमासिक कोर्स का शुभारम्भ किया गया।  प्रशिक्षण सत्र का शुभारंभ मुख्य अतिथि पुलिस महानिदेशक सतर्कता एवं पुलिस भर्ती बोर्ड उ.प्र. राजीव कृष्णा द्वारा निदेशक डॉ. जी.के. गोस्वामी एवं मेजर जनरल अनिरुद्ध साखरे की गरिमामय उपस्थिति में दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया l

इस कार्यक्रम में प्रो. अरुण मोहन सेरी, प्रो. संजय सिंह एवं नेहा जैन, आई.एस.ए. ने विशिष्ठ अतिथि के रूप में भाग लिया । मुख्य अतिथि पुलिस महानिदेशक, सतर्कता एवं पुलिस भर्ती बोर्ड उ.प्र. राजीव कृष्णा ने सैन्य अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि साइबर सुरक्षा और साइबर युद्ध एक-दूसरे से गहराई से जुड़े हैं । भारतीय रक्षा तंत्र में साइबर सुरक्षा के लिए कई क्षेत्रीय कमांड बनाए गए हैं । उन्होंने कहा कि कोरोना काल और उसके बाद लोगों की साइबर स्पेस में भागीदारी काफी बढ़ी है। श्री कृष्णा ने कहा कि साइबर अपराध अब सामान्य नागरिकों के साथ धोखाधड़ी से लेकर रक्षा स्तर पर साइबर युद्ध के रूप में उभर रहे हैं, इसका सामना करने के लिए हमें भी लगातार जागरूक और सतर्क रहना होगा l उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि प्रदेश में पुलिस कांस्टेबल के पदों हेतु अब तक कि सबसे बड़ी परीक्षा सफलता पूर्वक आयोजित कराई गयी थी, हमें भी साइबर अटैक का सामना और समाधान करना पड़ा था l उन्होंने दुनिया भर के विभिन्न साइबर हमलों जैसे हिजबुल्ला पज्जूर हमला, रैनसमवेयर अटैक आदि पर भी प्रकाश डाला । उन्होंने यह भी कहा कि वर्तमान में ड्रोन फॉरेंसिक का महत्व बढ़ गया है l उन्होंने कहा कि अपराधियों के द्वारा ड्रोन का उपयोग अंतराष्ट्रीय सीमा पर भी अवैध तस्करी के लिए तेजी से बढ़ रहा है । 

यूपीएसआईएफएस के संस्थापक निदेशक डॉ0 जी.के.गोस्वामी ने संस्थान का विस्तृत परिचय देते हुए संस्थान में विभिन्न प्रचलित कोर्स के विषय में जानकारी दी, उन्होंने कहा कि यह युग आर्टिफीशियल इन्टेलिजेन्स का है, इसलिए एआई के विभिन्न पहलुओं के बारे में जानना आवश्यक है । उन्होंने कहा कि हमारे संस्थान का फोकस विशेष रूप से “ लॉ विथ लैब” पर है, क्योंकि “लॉ” की जानकारी हुए बिना इस क्षेत्र की सम्पूर्णता नहीं हो सकती । उन्होंने कहा कि यह हमारे लिए बेहद महत्वपूर्ण एवं गर्व का विषय है कि यूपीएसआईएफएस पहली बार साइबर विषयों पर सेना के अधिकारियों को प्रशिक्षित करने जा रही है l सेना के अधिकारियों का साइबर और फोरेंसिक में दक्ष होने का लाभ, देश का लाभ है।

इस अवसर पर मेजर जनरल अनिरुद्ध साखरे ने कहा कि साइबर स्पेस, युद्ध का पाँचवाँ आयाम बन चुका है। यूपीएसआईएफएस द्वारा संचालित साइबर कोर्स में कुल 40 रक्षा कर्मी भाग लेने जा रहे हैं। यह कोर्स भारतीय रक्षा प्रणाली को मजबूत आधार प्रदान करेगा । उन्होंने कहा कि मुझे विश्वास है कि यूपीएसआईएफएस से साइबर विषयों पर प्रशिक्षित हो कर हमारे अधिकारी देश के लिए और अच्छा कार्य कर सकेंगे। प्रो0 अरुण मोहन सेरी, निदेशक, आईआईआईटी , लखनऊ ने कहा कि साइबर दुनिया में वर्तमान में सबसे बड़ा विकास कृत्रिम बुद्धिमत्ता का है । साइबर दुनिया इतनी तेजी से बदल रही है कि उसके अनुसार कानून बनाना एक चुनौती बन गया है । कानूनों का निर्माण इस तेज बदलाव को ध्यान में रखते हुए किया जाना चाहिए । उन्होंने बताया कि ए आई का उपयोग अब फार्मास्युटिकल और मेडिकल सर्जरी जैसे क्षेत्रों में भी हो रहा है । उन्होंने कहा कि साइबर ज्ञान को नियमित रूप से अपडेट रखने की आवश्यकता है।

आईएएस अधिकारी नेहा जैन ने अपने सम्बोधन में सुझाव दिया कि साइबर फोरेसिक से संबंधित एक अल्पकालिक साप्तहिक कोर्स प्रशासनिक अधिकारियों के लिए भी प्रारंभ किया जाए, ताकि प्रदेश में विभिन्न विषयों और प्रशिक्षणों के बीच समन्वय सहयोग को बढ़ावा दिया जा सके। प्रो. संजय सिंह डॉ. राम मनोहर लोहिया नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी लखनऊ ने कहा कि तकनीकी क्षेत्र से जुड़े लोगों को कानून की जानकारी होना आवश्यक है । तकनीक को विकेंद्रीकृत कर हर क्षेत्र में पहुँचाना चाहिए ।

इस अवसर पर संस्थान के अपर निदेशक राजीव मल्होत्रा ने सभी अतिथियों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि हमारा प्रयास है कि सेना के सभी प्रशिक्षणार्थी एवं अधिकारीगण इस संस्थान द्वारा वर्तमान परिवेश के दृष्टिगत डिजायन कोर्स का भरपूर लाभ प्राप्त करें और अपने यूनिट्स में जाकर अन्य सहकर्मियों को भी अपडेट करें । उन्होंने सभागार में मुख्य अतिथि सहित सभी का आभार व्यक्त किया । कार्यक्रम के अंत में संस्थापक निदेशक ने मुख्य अतिथि को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया । इस अवसर पर डीन एस0पी0 राय, अरुणखत्री, एआर सीएम सिंह, श्रुतिदास गुप्ता, जनसंपर्क अधिकारी संतोष तिवारी, प्रतिसार निरीक्षक बृजेश सिंह, विवेक कुमार, डॉ0 सपना शर्मा, डॉ0 पोरवी सहित अन्य फैकेल्टीगण उपस्थित रहे।



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